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Hindi News मध्य-प्रदेश मध्य प्रदेश में CM के बाद अब मंत्रिमंडल भी चौंकाएगा! कई दिग्गज हो सकते हैं बाहर

मध्य प्रदेश में CM के बाद अब मंत्रिमंडल भी चौंकाएगा! कई दिग्गज हो सकते हैं बाहर

बीजेपी इन दोनों चौंकाने वाले दौर से गुजर रही है। इसी के आधार पर यह माना जा रहा है कि नए मंत्रिमंडल में युवाओं के साथ कई चौंकाने वाले नाम होंगे और ऐसे लोग भी मंत्रिमंडल में नहीं होंगे, जिनको लेकर आमतौर पर यह मानकर चला जाता है कि वे तो मंत्री बनेंगे ही।

mohan yadav- India TV Hindi Image Source : PTI मुख्यमंत्री मोहन यादव

मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी ने डॉ. मोहन यादव को मुख्यमंत्री बनाकर सबको चौंका दिया। अब, संभावना इस बात की जताई जा रही है कि मंत्रिमंडल में भी ऐसे नाम आएंगे, जिन्हें सुनकर सियासी पंडित चौंक जाएंगे। भाजपा के पास राज्य की 230 विधानसभा सीटों में से 163 हैं। इस तरह भाजपा बगैर किसी दबाव के बड़े फैसले लेने के लिए स्वतंत्र है और यह बात मुख्यमंत्री के चयन में भी नजर आई है। राज्य की 16वीं विधानसभा का पहला सत्र 18 दिसंबर से शुरू हो रहा है और संभावना इस बात की जताई जा रही है कि इससे पहले मंत्रिमंडल का गठन हो सकता है।

नए मंत्रिमंडल में युवाओं के साथ होंगे कई चौंकाने वाले नाम!

भाजपा में मंत्रिमंडल के गठन को लेकर विचार मंथन जारी है और मंत्रियों की सूची पर अंतिम मुहर राष्ट्रीय नेतृत्व की ही लगेगी। यह भी पार्टी के अंदर से दावे किए जा रहे हैं। कहा यह जा रहा है कि राज्य का मंत्रिमंडल जातिगत और क्षेत्रीय आधार पर संतुलित होगा, साथ ही नए चेहरों को मौका ज्यादा दिया जा सकता है। यह लोग कौन होंगे, इसका कयास कोई नहीं लगा पा रहा है। उसके पीछे कारण भी हैं क्योंकि बीजेपी इन दोनों चौंकाने वाले दौर से गुजर रही है। इसी के आधार पर यह माना जा रहा है कि नए मंत्रिमंडल में युवाओं के साथ कई चौंकाने वाले नाम होंगे और ऐसे लोग भी मंत्रिमंडल में नहीं होंगे, जिनको लेकर आमतौर पर यह मानकर चला जाता है कि वे तो मंत्री बनेंगे ही।

संघ से जुड़े नामों को मिलेगी प्राथमिकता

पार्टी सूत्रों का कहना है कि डिप्टी सीएम और स्पीकर की नियुक्ति के बाद हाईकमान बचे हुए बड़े नेताओं कैलाश विजयवर्गीय, प्रहलाद पटेल, गोपाल भार्गव, जयंत मलैया, विजय शाह, भूपेंद्र सिंह, बिसाहूलाल सिंह जैसे कुछ नेताओं की भूमिका जल्द स्पष्ट करेगा। इसके बाद ही मंत्रिमंडल के नाम फाइनल होंगे। मंत्रिमंडल में संघ के नामों को प्राथमिकता में रखा जा सकता है। इसके साथ ही जातिगत समीकरण और महिलाओं को भी प्राथमिकता दी जा सकती है। ऐसे में अब देखना अहम होगा कि मोहन यादव के मंत्रिमंडल में कौन-कौन से चेहरे शामिल होते हैं और जिसे जगह नहीं मिलती उसकी क्या भूमिका होती है।

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