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Hindi News मध्य-प्रदेश किसानों से खरीदा गया लाखों मीट्रिक टन गेहूं-चना बारिश में भीगा, खराब हुआ

किसानों से खरीदा गया लाखों मीट्रिक टन गेहूं-चना बारिश में भीगा, खराब हुआ

मुख्यमंत्री चौहान ने किसानों को आश्वासन दिया है कि ‘‘वे चिंतित ना हों। उनसे अनाज खरीद कर उसका भुगतान समय पर किया जाएगा। उपार्जित गेहूँ को सुरक्षित रखने का दायित्व सरकार का है।’’

Wheat in rain- India TV Hindi Image Source : PTI Representational Image

भोपाल. निसर्ग तूफान के प्रभाव से मध्यप्रदेश के 52 में से 46 जिलों में बुधवार रात हुई भारी बारिश के कारण किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद की खुले में रखा गया लाखों मीट्रिक टन गेहूं-चना भीग कर खराब हो गया है जिसकी कीमत कुछ करोड़ रुपये होगी। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सरकारी खरीद केन्द्रों पर खुले में रखे गेहूं एवं चने के भीगने की बात स्वीकार की है, लेकिन साथ ही कहा, ‘‘हमारी पूरी कोशिश होगी कि अनाज का नुकसान ना हो, और किसानों का हम कोई नुकसान नहीं होने देंगे।’’

मध्यप्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ ने आज एक बयान में प्रदेश सरकार पर आरोप लगाया, ‘‘न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदा गया गेहूं प्रदेश सरकार की लापरवाही से कारण खुले आसमान के नीचे पड़ा रहा, जिससे लाखों मीट्रिक टन गेहूं भीग गया है और खराब हो गया है। इससे सरकार को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है।’’

उन्होंने कहा, ''देश भर में निसर्ग तूफान की चेतावनी व मध्यप्रदेश के कई हिस्सों में भारी बारिश की चेतावनी को भी शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली भाजना नीत सरकार ने नजरअंदाज किया, जिससे यह नुकसान हुआ है।'' कमलनाथ ने आरोप लगाया, ''इसकी जिम्मेदार मध्यप्रदेश सरकार है।''

उन्होंने कहा कि गेहूं के अलावा, इन खरीदी केन्द्रों पर बड़ी मात्रा में चना भी भीगकर बर्बाद हो गया है। कमलनाथ ने सरकार से मांग की है, ''खरीदे गये गेहूँ व चने का शीघ्र परिवहन कर उसका सुरक्षित भंडारण किया जाए। किसान से बारिश में भीगा गेहूं भी खरीदा जाए। गेहूँ-चना भीगकर खराब होने से हुए नुकसान की जिम्मेदारी तय हो।’’

मुख्यमंत्री चौहान ने किसानों को आश्वासन दिया है कि ‘‘वे चिंतित ना हों। उनसे अनाज खरीद कर उसका भुगतान समय पर किया जाएगा। उपार्जित गेहूँ को सुरक्षित रखने का दायित्व सरकार का है।’’ उन्होंने कहा कि पूरा प्रदेश कोरोना वायरस महामारी से लड़ रहा है, इसी कारण गेहूं खरीदी देर से शुरू हुई है।

उन्होंने कहा, ''आप सभी अन्नदाताओं को प्रणाम करता हूँ। अन्न के उत्पादन के सारे रिकार्ड टूट गये। आज की तारीख तक एक करोड़ 25 लाख मीट्रिक टन से अधिक गेहूँ किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद लिया गया है।'' चौहान ने कहा, ''गेहूं खरीदी में हम पंजाब को पीछे छोड़ने जा रहे हैं, लेकिन बीच में यह निसर्ग आ गया। प्रदेश के कई हिस्सों में बारिश हो रही है। आप चिंता न करें। इससे किसान को कोई नुकसान नहीं होने देंगे।''

मुख्यमंत्री ने कहा, ''यह बात सही है कि अभी कुछ खरीद केन्द्रों पर गेहूँ बाहर रखा हुआ है। सबका भण्डारण नहीं हुआ है। खरीद केन्द्र पर रखे गये गेहूँ को ढंकने और संरक्षित करने के लिये अमला पूरी तरह सजग है। हम नुकसान नहीं होने देंगे। किसानों का पूरा पैसा उनके खाते में आएगा। यह सरकार का दायित्व है।'' उन्होंने कहा कि अब तो तिवड़ा युक्त चना भी खरीद रहे हैं। किसान बंधु ऐसी बारिश में थोड़ा धैर्य रखें। आगामी 30 जून तक तिवड़ा चने की खरीदी की जायेगी। संकट की हर घड़ी में सरकार आपके साथ खड़ी है।