A
Hindi News मध्य-प्रदेश मध्य प्रदेश में मंगलवार से शुरू होगी शराब और भांग की बिक्री, 25 मार्च से बंद हैं दुकानें

मध्य प्रदेश में मंगलवार से शुरू होगी शराब और भांग की बिक्री, 25 मार्च से बंद हैं दुकानें

मध्य प्रदेश सरकार लॉकडाउन के कारण करीब छह सप्ताह तक शराब एवं भांग की दुकानें बंद रखने के बाद पांच मई से इन दोनों मादक पदार्थों की बिक्री प्रदेश के 52 जिलों में से 49 जिलों में फिर से मंगलवार से शुरू करेगी। 

मध्य प्रदेश में मंगलवार से शुरू होगी शराब और भांग की बिक्री, 25 मार्च से बंद हैं दुकानें- India TV Hindi Image Source : PTI मध्य प्रदेश में मंगलवार से शुरू होगी शराब और भांग की बिक्री, 25 मार्च से बंद हैं दुकानें

भोपाल: मध्य प्रदेश सरकार लॉकडाउन के कारण करीब छह सप्ताह तक शराब एवं भांग की दुकानें बंद रखने के बाद पांच मई से इन दोनों मादक पदार्थों की बिक्री प्रदेश के 52 जिलों में से 49 जिलों में फिर से मंगलवार से शुरू करेगी। हालांकि, राज्य सरकार के इस कदम का शराब के ठेकेदारों ने ही विरोध कर दिया है और उनमें से कुछ ने सरकार के इस निर्णय के खिलाफ मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने की चेतावनी दी है। इन शराब ठेकेदारों को आशंका है कि मंदी के इस दौर में उन्हें शराब की दुकानें खोलने पर फायदे की बजाय आर्थिक नुकसान हो सकता है। शराब के ठेकेदारों के इस कदम से प्रदेश के उन लोगों में बेचैनी शुरू हो गई है जो लंबे अरसे से मदिरा पीने के लिए इन दुकानों की खुलने की प्रतीक्षा कर रहे हैं। मालूम हो कि कोरोना वायरस की महामारी को फैलने से रोकने के लिए लागू लॉकडाउन के चलते 25 मार्च से प्रदेश में शराब एवं भांग की दुकानें बंद हैं। 
मध्य प्रदेश जनसंपर्क विभाग की एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि मध्य प्रदेश में कोविड—19 वाले तीन रेड जोन जिलों भोपाल, इंदौर एवं उज्जैन को छोड़कर पांच मई से 49 जिलों में शराब एवं भांग की बिक्री फिर से शुरू होगी। इसके लिए आज आदेश जारी कर दिया गया है। इसमें कहा गया है कि राज्य शासन ने प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण के कारण मदिरा एवं भांग दुकानों के संचालन की जोनवार वर्गीकृत जिलों में नई व्यवस्था पांच मई से लागू की है। नई व्यवस्था के मुताबिक प्रदेश में रेड जोन में आने वाले भोपाल, इंदौर एवं उज्जैन जिलों में मदिरा एवं भांग की समस्त दुकानें आगामी आदेश तक बंद रहेंगी, जबकि रेड जोन के अन्य जिलों जबलपुर, धार, बड़वानी, पूर्वी निमाड़ (खण्डवा), देवास एवं ग्वालियर जिलों के मुख्यालय की शहरी क्षेत्रों की दुकानों को छोड़कर अन्य क्षेत्रों की मदिरा एवं भांग की दुकानें संचालित की जाएंगी। 

विज्ञप्ति के अनुसार ऑरेंज जोन के अंतर्गत आने वाले खरगौन, रायसेन, होशंगाबाद, रतलाम, आगर-मालवा, मंदसौर, सागर, शाजापुर, छिन्दवाड़ा, अलीराजपुर, टीकमगढ़, शहडोल, श्योपुर, डिण्डौरी, बुरहानपुर, हरदा, बैतूल, विदिशा, मुरैना एवं रीवा के निषिद्ध क्षेत्र को छोड़कर शेष इलाके की मदिरा एवं भांग दुकानें संचालित की जाएंगी। वहीं, ग्रीन जोन के अंतर्गत आने वाले जिलों की सभी मदिरा एवं भांग की दुकानों का संचालन प्रारंभ किया जाएगा। इसमें कहा गया है कि सभी लाइसेंस धारकों को निर्देशित किया गया है कि वे दुकानों पर गृह मंत्रालय, भारत सरकार तथा वाणिज्यिक कर विभाग मध्यप्रदेश शासन द्वारा जारी मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) और दो गज की दूरी बनाये रखने के नियम का पालन भी सुनिश्चित करें। इन शराब एवं भांग की दुकानों का खुलने एवं बंद करने का समय संबंधित जिला प्रशासन निर्धारित करेगा।

सरकार के इस आदेश के जारी होने के बाद शराब के एक ठेकेदार ने 'पीटीआई—भाषा' को बताया, ''हम राज्य सरकार के अधिकारियों से शराब की दुकानों को खोलने के बारे में उनके द्वारा दो दिन पहले लिए गये निर्णय के संबंध में सुझाव देने के लिए आज लंच से पहले भोपाल में मिले। लेकिन तब तक सरकार ने कल से शराब की दुकान खोलने के आदेश दे दिए थे।'' उन्होंने कहा, ''हम शराब की दुकानों को खोलने के खिलाफ हैं। इनको खोलने से हमें आर्थिक हानि होगी। हमारा अनुमान है कि शुरूआती दो दिनों में शराब की बहुत ज्यादा होगी, लेकिन लॉकडाउन के कारण आई मंदी के कारण दो दिन बाद ही इसकी बिक्री में भारी गिरावट आएगी। बार एवं अहाता भी नहीं खुलेंगी, जिससे शराब की बिक्री बुरी तरह प्रभावित होगी। लेकिन, शराब ठेका चलाने का जो वार्षिक लाइसेंस फीस है उसे हमें सरकार को देना होगा। इस प्रकार हमें इस व्यापार में फायदे की बजाय नुकसान होगा।'' 

इस ठेकेदार ने दावा किया कि शराब के कुछ ठेकेदार सरकार के इस कदम के खिलाफ मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय का जल्द ही दरवाजा खटखटाएंगे। मालूम हो कि करीब 40 दिन बाद सोमवार को दिल्ली एवं मुंबई सहित देश के कई शहरों में शराब की दुकानें खुली। लेकिन, इन शराब की दुकानों में से कई को भीड़ के अनियंत्रित होने और एकदूसरे से दूरी बनाए रखने के नियम का पालन ना करने की वजह से बंद करना पड़ा। कई जगह भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को हल्का बल प्रयोग भी करना पड़ा।