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Hindi News मध्य-प्रदेश मध्य प्रदेश में अनोखी शादी की हो रही है चर्चा, भगवान शंकर बने दूल्हा और निकेता से रचाया ब्याह, जानिए

मध्य प्रदेश में अनोखी शादी की हो रही है चर्चा, भगवान शंकर बने दूल्हा और निकेता से रचाया ब्याह, जानिए

मध्य प्रदेश के दतिया में एक 24 साल की युवती ने भगवान शंकर से शादी रचाई है। उसकी बचपन से इच्छा थी कि वह शिव शंकर से शादी करे, माता-पिता ने धूमधाम से बेटी का ब्याह कराया।

lord shiva marriage- India TV Hindi Image Source : FILE PHOTO भगवान शंकर ने रचाई शादी

मध्य प्रदेश के दतिया में हाल ही में एक युवती ने ऐसी शादी की जो चर्चा का विषय बनी हुई है। इस शादी के बारे में जो भी सुन रहा है वो हतप्रभ है। दरअसल दतिया की एक एमबीए पास 24 साल की युवती ने भगवान शंकर से शादी कर ली है। ये शादी  पूरे विधि-विधान से संपन्न हुई। दतिया के हड़पहाड़ के रहने वाले चौरसिया परिवार की बेटी ने रविवार, 13 जनवरी को हैरिटेज गार्डन में भगवान शिव से ब्याह रचाया है। भगवान बने दूल्हा और उनके लिए हैरिटेज‎ गार्डन को फूलों से सजाया गया। इस शादी में लोगों ने हिस्सा लिया। शादी के लिए बुक हॉल के गेट पर ही दुल्हन का नाम निकेता और दूल्हे के नान की जगह भगवान शंकर लिखा गया था। शादी में डीजे के बीच ढोल बाजे और मंगल गीत भी सुनाई दे रहे थे। पूरा माहौल हंसी-खुशी का था। 

भगवान शंकर बने दूल्हा

बड़े बाजार में कनकने की गली में स्थित प्रजापिता‎ ब्रह्मकुमारी आश्रम में भगवान शंकर को दूल्हे की तरह सजाया गया फिर यहीं से बारात निकली। बारात में बैंड-बाजा घोड़े हाथी भी शामिल थे। सजे-धजे भगवान शंकर के साथ बारात‎ टाउन हॉल से चलकर‎ किलाचौक, बिहारी जी मंदिर,‎ गांधी रोड, राजगढ़ चौराहा,‎ सीतासागर, पुरानी कलेक्टोरेट होते‎ हुए हैरिटेज गार्डन पहुंची, जहां दुल्हन निकेता के साथ चौरसिया परिवार और सभी अतिथि भगवान शंकर का इंतजार करते रहे। पूरे विधि विधान से भगवान शंकर के साथ‎ निकेता का प्रभु समर्पण‎ कार्यक्रम में विवाह संपन्न हुआ। 

बचपन से ही भगवान शंकर से शादी करना चाहती थी

निकेता के माता-पिता ने बताया कि वह बचपन से ही भगवान शंकर से शादी करना चाहती थी। हम अपनी बेटी की इच्छा का सम्मान करते हैं। इसके लिए हमने पंडितों से पूछा तो उन्होंने बताया कि प्राचीनकाल से प्रतिमा विवाह का नियम है और कोई चाहे तो प्रतिमा से शादी कर सकता है। यह परंपरा वर्षों से चली आ रही है। जब तक सृष्टि रहेगी, तब तक यह चलता रहेगा। यदि कोई भगवान को समर्पित होना चाहता है, तो वह शादी कर सकता है। इसके बाद माता-पिता ने अपनी बेटी की भगवान शंकर की प्रतिमा से शादी की मंजूरी दे दी।