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Hindi News महाराष्ट्र मुंबई में बेच रहे थे फर्जी वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट, यूपी कनेक्शन भी आया सामने, 2 गिरफ्तार

मुंबई में बेच रहे थे फर्जी वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट, यूपी कनेक्शन भी आया सामने, 2 गिरफ्तार

अधिकारी ने बताया कि जुबैर शेख और उसके साथी अलफैज खान के खिलाफ धोखाधड़ी, जालसाजी और अन्य संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है।

Fake vaccination certificates, Fake vaccination certificates Mumbai, Fake certificates Mumbai- India TV Hindi Image Source : PIXABAY REPRESENTATIONAL मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच ने फर्जी कोविड वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट बेचने के आरोप में 2 लोगों को गिरफ्तार किया है।

Highlights

  • आरोपी ऐसे लोगों को 2 हजार रुपये लेकर सर्टिफिकेट बेच रहे थे जिन्होंने टीके की खुराक नहीं ली है।
  • आरोपी उत्तर प्रदेश में प्रतापगढ़ के डॉक्टरों की मदद से ये सर्टिफिकेट जारी कर रहे थे।
  • गुप्त सूचना के आधार पर बुधवार शाम को 19 वर्षीय जुबैर शेख और उसके साथी अलफैज खान को गिरफ्तार किया गया।

मुंबई: मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच ने फर्जी कोविड वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट बेचने के आरोप में 2 लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोपी ऐसे लोगों को 2 हजार रुपये लेकर सर्टिफिकेट बेच रहे थे जिन्होंने टीके की खुराक नहीं ली है। एक अधिकारी ने गुरवार को इस बारे में जानकारी देते हुए बताया था कि आरोपी उत्तर प्रदेश में प्रतापगढ़ के डॉक्टरों की मदद से ये सर्टिफिकेट जारी कर रहे थे। अधिकारी ने बताया कि गुप्त सूचना के आधार पर बुधवार शाम को 19 वर्षीय जुबैर शेख और उसके साथी अलफैज खान को गिरफ्तार किया गया।

दोनों आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज
अधिकारी ने बताया कि जुबैर शेख और उसके साथी अलफैज खान के खिलाफ धोखाधड़ी, जालसाजी और अन्य संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। बता दें कि मुंबई सहित पूरे महाराष्ट्र में ओमिक्रॉन वेरिएंट के साथ-साथ कोरोना वायरस से संक्रमण के केस लगातार बढ़ रहे हैं। ऐसे में लोगों को जल्दी से जल्दी  कोविड की दोनों डोज देने की कोशिश की जा रही है ताकि जरूरत पड़ने उन्हें भविष्य में बूस्टर डोज भी दी जा सके। इस बीच मुंबई क्राइम ब्रांच की कुर्ला यूनिट और मुंबई महानगर पालिका की टीम ने एक ऐसे रैकेट को पकड़ा है जो  लोगों को कोविड वैक्सिनेशन का सर्टिफिकेट बनाकर देते थे।

कैसे काम करता था गिरोह
आरोपी ऐसे लोगों को टारगेट करते थे जिन्होंने कोविड का एक भी डोज नहीं लिया है या फिर वे डोज लेना ही नहीं चाहते। ऐसे टारगेट को खोजने के बाद उनसे उनके आधार कार्ड, अड्रेस, नाम सहित बाकी सारी डिटेल पहले कुर्ला इलाके में रहने वाला जुबेर शेख लेता और फिर वह पूरी डीटेल वडाला इलाके में रहने वाले अल्फाज को देता। इसके बाद अल्फाज उस डिटेल को  तुरंत उत्तर प्रदेश में बैठे अपने गिरोह के अन्य शख्स को देता और थोड़ी देर बाद सर्टिफिकेट बनकर आ जाता।  

2 हजार रुपये में देते थे सर्टिफिकेट
आरोपी इस फर्जी सर्टिफिकेट के लिए 2 हजार रुपये वसूलते थे और लंबे समय से इस रैकेट को चला रहे थे। जब BMC को इसकी जानकारी मिली तो उन्होंने पहले नकली ग्राहक भेजकर पहले एक सर्टिफिकेट बनवाया और उसके बाद क्राइम ब्रांच की टीम को इसकी जानकारी दी। अधिकारी सर्टिफिकेट देखकर हैरान रह गए क्योंकि इसमें बकायदा बारकोड भी दिया है। इसके अलावा कोविड की पहली और दूसरी डोज की तारीख के साथ वैक्सीन का बैच नम्बर भी है।

ऐसे पकड़ में आई चोरी
मुंबई पुलिस और महानगर पालिका ने जब दोनों डोज की तारीखे देखी तो उसमें निर्धारित समय सीमा से काफी अंतर था। सबसे अहम बात यह थी कि दोनों डोज के लिए एक  ही बैच की वैक्सीन का इस्तेमाल किया गया जो कि कतई संभव नहीं है। दरअसल, कोविशील्ड की दोनों डोज के बीच ढाई महीने से ज्यादा का अंतर होता है और ऐसे में एक बैच के दोनों डोज मिले, ऐसा संभव नहीं। इसके अलावा असली कोविड  सर्टिफिकेट को आप कोविन एप से डाउनलोड कर सकते हैं जबकि इस नकली सर्टिफिकेट को नहीं कर सकते।