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Hindi News महाराष्ट्र Maharashtra: बाप-बेटे ने दिए दसवीं क्लास के एग्जाम, पिता तो पास लेकिन बेटा हो गया फेल

Maharashtra: बाप-बेटे ने दिए दसवीं क्लास के एग्जाम, पिता तो पास लेकिन बेटा हो गया फेल

Maharashtra: भास्कर वाघमारे ने सातवें क्लास में ही पढ़ाई छोड़ दी थी। पढ़ाई छोड़कर वह नौकरी करने लगे थे। लेकिन वह फिर से अपनी पढ़ाई शुरू करने को लेकर काफी उत्साहित थे। 30 वर्ष के गैप के बाद इस साल उन्होंने अपने बेटे के साथ परीक्षा दी।

Results announced in Maharashtra - India TV Hindi Image Source : PTI Results announced in Maharashtra 

Highlights

  • पिता 30 सालों के बाद दे रहे थे परीक्षा
  • वाघमरे प्राइवेट क्षेत्र में नौकरी करते हैं
  • अब बेटे को दिलाएंगे दोबारा परीक्षा

Maharashtra: महाराष्ट्र के दसवीं क्लास के बोर्ड के नतीजे 17 जून को जारी कर दिए गए। जिसमें 96.94% छात्र पास हुए। हालांकि पिछली बार से पास हुए छात्रों की संख्या में कमी रही। इन सबके बीच महाराष्ट्र के पुणे के दो छात्रों का रिजल्ट चर्चा का विषय बना हुआ है। यह रिजल्ट पिता-पुत्र का था। इनका रिजल्ट सिर्फ पुणे ही नहीं बल्कि महाराष्ट्र भर में चर्चा का विषय बना हुआ है। 

दरअसल पुणे में रहने वाले 43 वर्षीय पिता और उसके बेटे ने इस साल महाराष्ट्र बोर्ड की 10वीं कक्षा की परीक्षा दी थी। जब रिजल्ट जारी हुआ तो उसमें पिता तो पास हो गया, लेकिन बेटा फेल हो गया। आपको बता दें कि महाराष्ट्र राज्य माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की ओर से आयोजित 10वीं कक्षा की वार्षिक परीक्षा के परिणाम शुक्रवार को घोषित किए गए थे। 

सातवें क्लास में छोड़ दी थी पढ़ाई 

गौरतलब है कि परिवार चलाने के लिए भास्कर वाघमारे ने सातवें क्लास में ही पढ़ाई छोड़ दी थी। पढ़ाई छोड़कर वह नौकरी करने लगे थे। लेकिन वह फिर से अपनी पढ़ाई शुरू करने को लेकर काफी उत्साहित थे। 30 वर्ष के गैप के बाद इस साल उन्होंने अपने बेटे के साथ परीक्षा दी। पुणे शहर के बाबासाहेब आंबेडकर इलाके में रहने वाले वाघमरे निजी क्षेत्र में नौकरी करते हैं। 

उन्होंने बताया कि, “मैं हमेशा से और पढ़ना चाहता था, लेकिन पारिवारिक जिम्मेदारियों के कारण पहले ऐसा नहीं कर सका। कुछ समय से मैं दोबारा पढ़ाई शुरू करने और कोई कोर्स करने के लिए उत्सुक था, जिससे मुझे अधिक कमाई करने में मदद मिलेगी। इसलिए मैंने कक्षा 10 की परीक्षा में बैठने का फैसला किया। मेरा बेटा भी इस साल परीक्षा दे रहा था और इससे मुझे मदद मिली।” 

अब बेटे को दिलाएंगे दोबारा पेपर 

उन्होंने कहा कि वह हर दिन पढ़ाई करते थे और काम के बाद परीक्षा की तैयारी में जुट जाते थे। अब वह परीक्षा पास करके खुश हैं, लेकिन उन्हें इस बात का दुख है कि उनका बेटा दो विषयों में फेल हो गया। वाघमरे ने कहा, “अब मैं अपने बेटे को दोबारा उन विषयों की परीक्षा दिलवाऊंगा और उसकी तैयारी में मदद करूँगा। मुझे भरोसा है कि वह इन परीक्षाओं में पास हो जाएगा।”