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Hindi News महाराष्ट्र ‘सरकार ने आग लगाई है, सरकार ही बुझाए’, मराठा आंदोलन पर बोले कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार

‘सरकार ने आग लगाई है, सरकार ही बुझाए’, मराठा आंदोलन पर बोले कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार

महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार ने मराठा आरक्षण आंदोलन के दौरान हुई हिंसा को लेकर सरकार को घेरते हुए कहा कि यह आग सरकार ने ही लगाई है और उसे ही इसे बुझाना चाहिए।

Vijay Wadettiwar, Maratha Reservation Movement, Maratha- India TV Hindi Image Source : INDIA TV कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार।

मुंबई: मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को लेकर महाराष्ट्र में जारी आंदोलन अब हिंसक रूप अख्तियार कर चुका है। पुलिस द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, प्रदर्शनकारियों ने 3 विधायकों के घरों और कार्यालयों में तोड़फोड़ की और आग लगा दी तथा एक नगरपालिका भवन को फूंकने के साथ सड़क जाम कर दिया। इस बीच महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार ने इस मसले पर सरकार को घेरते हुए कहा है कि 'यह आग सरकार ने ही लगाई है और उसे ही इसे बुझाना चाहिए।'

‘40 दिन तक अजगर की तरह सुस्त रही सरकार’
सूबे की शिंदे-फडणवीस सरकार पर बरसते हुए विजय वडेट्टीवार ने कहा कि मराठा आरक्षण की मांग पर सरकार 40 दिनों तक अजगर की तरह सुस्त रही। उन्होंने कहा, ‘उम्मीद है कि आज कैबिनेट में कोई ठोस फैसला लिया जाएगा। जरांगे पाटील की हालत खराब होने के कारण मराठा समुदाय की मांगों को लेकर, आरक्षण को लेकर बैठक में क्या फैसला लिया जाता है, इस पर हमारी नजर है। राज्य मे कानून व्यवस्था की समस्या उत्पन्न हो गयी है।  कांग्रेस की ओर से राज्यपाल से मुलाकात कर मांग की गई है कि आंदोलन खत्म कर सरकारी संपत्ति का जो नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई हो।’


‘यह आग सरकार ने लगाई है, सरकार ही बुझाए’
सरकार पर निशाना साधते हुए विजय वडेट्टीवार ने कहा, ‘हम सरकार को आवाहन करते हैं यह आग जो आपने लगाई है, उसे आपको ही बुझाना चाहिए। सरकार की गलत घोषणाओं के कारण और झूठे वादों के कारण महाराष्ट्र में राजनीतिक स्थिति गंभीर हो गई है। जारंगे पाटील ने कहा कि हमें अपनी सरकार पर भरोसा नहीं है। यदि सरकार ने राज्य में विश्वास खो दिया है तो उसे बाहर कर देना चाहिए। यह सरकार असंवैधानिक है। तीनों नेताओं (मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस एवं अजीत पवार) को एक-दूसरे के खिलाफ खड़ा किया जा रहा है। तीनों पार्टियों के नेता एक साथ बैठकर फैसले नहीं लेते। तीन चेहरों वाली तीन सरकारें हैं।’