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Hindi News महाराष्ट्र मुंबईः 'जाति की वजह से न पानी दिया, न बाथरूम जाने दिया...', चिट्ठी में छलका सांसद नवनीत राणा का दर्द

मुंबईः 'जाति की वजह से न पानी दिया, न बाथरूम जाने दिया...', चिट्ठी में छलका सांसद नवनीत राणा का दर्द

हनुमान चालीसा को लेकर जारी ये विवाद अभी खत्म नहीं होता दिखाई दे रहा है। नवनीत राणा ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को चिट्ठी लिखकर उद्धव सरकार और महाराष्ट्र पुलिस पर कई आरोप लगाए हैं। नवनीत राणा ने चिट्ठी में लिखा कि मुझे 23 तारीख को पुलिस स्टेशन ले जाया गया। 23 अप्रैल को मुझे पूरी रात पुलिस स्टेशन में ही गुजारनी पड़ी।

Navneet Rana- India TV Hindi Image Source : PTI MP Navneet Rana

मुंबई: नवनीत राणा और रवि राणा अभी जेल में ही रहेंगे, उनकी गिरफ्तारी का मामला आज महाराष्ट्र से लेकर दिल्ली तक गूंज रहा है। हनुमान चालीसा को लेकर जारी ये विवाद अभी खत्म नहीं होता दिखाई दे रहा है। बम्बई उच्च न्यायालय ने ‘हनुमान चालीसा’ विवाद के सिलसिले में गिरफ्तार निर्दलीय सांसद नवनीत राणा और उनके विधायक पति रवि राणा द्वारा दायर उस रिट याचिका को सोमवार को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने अपने खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने का अनुरोध किया था।

दंपति ने आज सुबह उच्च न्यायालय का रूख कर, शहर में खार पुलिस द्वारा उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने का अनुरोध किया था। खार पुलिस ने यह प्राथिमिकी,एक पुलिस अधिकारी को उनके कर्तव्यों का निर्वहन करने से रोकने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की थी। हालांकि, न्यायमूर्ति पी. बी. वराले और न्यायमूर्ति एस. एम. मोदक की पीठ ने कहा कि याचिका में कोई दम नहीं है।

अब नवनीत राणा ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को चिट्ठी लिखकर उद्धव सरकार और महाराष्ट्र पुलिस पर कई आरोप लगाए हैं। लोकसभा स्पीकर लिखी चिट्ठी में नवनीत का दर्द छलका है। नवनीत राणा ने चिट्ठी में लिखा कि मुझे 23 तारीख को पुलिस स्टेशन ले जाया गया। 23 अप्रैल को मुझे पूरी रात पुलिस स्टेशन में ही गुजारनी पड़ी। रात को मैंने कई बार पीने के  लिए पानी मांगा लेकिन रातभर मुझे पानी नहीं दिया गया। नवनीत ने आगे बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि मौके पर मौजूद पुलिस स्टाफ ने कहा कि मैं अनुसूचित जाति की हूं, इसलिए वह मुझे उसी ग्लास में पानी नहीं दे सकते, जिसमें वे लोग पीते हैं। मतलब मुझे मेरी जाति की वजह से पीने के लिए पानी तक नहीं दिया गया। मैं यह जोर देकर कहना चाहती हूं कि मेरी जाति की वजह से मुझे बुनियादी मानवाधिकारों से वंचित रखा गया।

नवनीत आगे कहती हैं कि मुझे रात को बाथरूम जाना था लेकिन पुलिस स्टाफ ने मेरी इस मांग पर भी कोई ध्यान नहीं दिया फिर मुझे  गाली दी गई। कहा गया कि नीची जात वालों को वे (पुलिस स्टाफ) अपना बाथरूम इस्तेमाल नहीं करने देते हैं। नवनीत ने लोकसभा स्पीकरको लिखी चिट्ठी में कहा कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में चल रही शिवसेना सरकार अपने हिंदुत्व के सिद्धांतों से पूरी तरह से भटक चुकी है। ये लोग जनता के उस भरोसे को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं जिसके आधार पर ये सत्ता में आए।

उन्होंने चिट्ठी में कहा कि मैंने शिवसेना में हिंदुत्व की लौ फिर से जगाने को कोशिश की थी इसी वजह से सीएम उद्धव ठाकरे के आवास मातोश्री के बाहर हनुमान चालीसा के पाठ का ऐलान किया था। यह यह किसी की धार्मिक भावनाएं आहत करने के लिए या फिर तनाव भड़काने के लिए नहीं किया था। वहीं, इस ममाले पर लोकसभा सचिवालय ने महाराष्ट्र सरकार से 24 घंटे के अंदर रिपोर्ट मांगी है।

बता दें कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के मुंबई में निजी आवास के बाहर ‘हनुमान चालीसा’ का पाठ करने की घोषणा के बाद खार पुलिस ने दंपति के खिलाफ दो प्राथमिकी दर्ज की थीं। विभिन्न धर्मों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देने के आरोप में पुलिस ने 23 अप्रैल को पहली प्राथमिकी दर्ज की थी। बाद में इस प्राथमिकी में राजद्रोह का आरोप भी जोड़ दिया गया था। खार पुलिस ने 24 अप्रैल को एक लोक सेवक को ड्यूटी करने से रोकने के आरोप में राणा दंपति के खिलाफ आईपीसी की धारा 353 के तहत दूसरी प्राथमिकी दर्ज की थी।