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Hindi News महाराष्ट्र जालना हिंसा मामले में 40 गिरफ्तार, SP को छुट्टी पर भेजा गया, कई जिलों में बंद का ऐलान

जालना हिंसा मामले में 40 गिरफ्तार, SP को छुट्टी पर भेजा गया, कई जिलों में बंद का ऐलान

जालना हिंसा को लेकर आज रविवार को राज्य के कई जिलों में बंद का ऐलान किया गया है। वहीं, उद्धव ठाकरे और अशोक चव्हाण ने जालना दौरे के बाद मराठा आरक्षण की मांग की है। इसके साथ ही ठाकरे ने राज्य के गृह मंत्री देवेंद्र फडणवीस के इस्तीफे की मांग की।

उद्धव ठाकरे - India TV Hindi Image Source : PTI उद्धव ठाकरे

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के आश्वासन के बाद भी जालना हिंसा को लेकर आज रविवार को राज्य के कई जिलों में बंद का ऐलान किया गया। जालना में मराठा आरक्षण के दौरान हुए लाठीचार्ज के बाद अब तक 19 ST की बसों में तोड़फोड़ हुई है। जालना,लातूर, संभाजीनगर, धराशिव जिलों में ST बसों को तोड़ा और जलाया गया। ST महामंडल को तोड़फोड़ के चलते अब तक 4 करोड़ का नुकसान हुआ है। वहीं, जालना के SP तुषार डोसी को छुट्टी पर भेजा गया। पिछले कुछ दिनों से हुई हिंसा के बाद उन्हें छुट्टी पर भेजा गया।

जालना हिंसा मामले में 40 लोग गिरफ्तार

जालना में हुई कल हिंसा मामले में पुलिस ने 40 लोगों को किया गिरफ्तार किया गया है। इस मामले में पुलिस ने 6 FIR दर्ज की है। सूत्रों में बताया कि जालना में मराठा आंदोलनकर्ता पहले 'रास्ता रोको' करने वाले थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें ऐसा नहीं करने दिया। इसके बाद पुलिस ने 5-6 आंदोलन आयोजकों को CRPC की धारा 149 के तहत नोटिस दी और आंदोलन कर रास्ता रोकने पर कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी थी। इसके बाद मराठा आंदोलन करने वाले और अक्रामक हो गए और उन्होंने पथराव शुरू कर दिया। पुलिस ने इस मामले में आयोजकों के खिलाफ भी FIR दर्ज की है। फिलहाल सभी फरार हैं।

 उद्धव ने की मराठा-ओबीसी आरक्षण की मांग  

वहीं, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और अशोक चव्हाण ने जालना दौरे के बाद मराठा आरक्षण की मांग की है। शिवसेना (यूबीटी) के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने शनिवार को मांग की कि केंद्र सरकार संसद के आगामी विशेष सत्र में मराठा और अन्य पिछड़ा वर्गों (ओबीसी) को आरक्षण देने के लिए विधेयक पारित करे। उद्धव ठाकरे ने शनिवार शाम को जालना का दौरा किया और राज्य के गृह मंत्री देवेंद्र फडणवीस के इस्तीफे की मांग की। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को एक ऐसा कानून लाना चाहिए, जिससे मराठा समुदाय को आरक्षण मिल सके और प्रदर्शनकारियों के खिलाफ दर्ज मामले रद्द कर दिए जाएं।

लाठीचार्ज को लेकर उद्धव ने सरकार को घेरा

शिवसेना (यूबीटी) कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए ठाकरे ने महाराष्ट्र के जालना में शुक्रवार शाम को मराठा आरक्षण की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों पर पुलिस द्वारा लाठीचार्ज किए जाने को 'सरकार की क्रूरत' करार देते हुए उसे आड़े हाथ लिया। उन्होंने सवाल किया, "पुलिस कैसे बिना किसी के निर्देश पर ऐसा व्यवहार कर सकती है?" राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) अधिनियम-2023 का संदर्भ देते हुए ठाकरे ने कहा कि जब सुप्रीम कोर्ट  केंद्र सरकार के खिलाफ फैसला देता है, तो वह संसद में कानून पारित करती है। 

"संसद का विशेष सत्र बुलाने के फैसले का स्वागत"

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, "मैंने संसद का विशेष सत्र बुलाने के केंद्र सरकार के फैसले की निंदा की थी, लेकिन अब मैं इसका स्वागत करूंगा बशर्ते पहले वह इस विशेष सत्र में मराठा, धांगर (चरवाहा समुदाय) और ओबीसी को आरक्षण दे।" उन्होंने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस एवं अजित पवार को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि सरकार के किसी प्रतिनिधि के पास जालना में जाकर प्रदर्शनकारियों से मिलने का समय नहीं है। ठाकरे ने केंद्र को 'हिंदू विरोधी' करार दिया, क्योंकि केंद्र ने 18 से 22 सितंबर को गणेश उत्सव के दौरान संसद का सत्र बुलाया है। उन्होंने कहा, "परिवार प्रणाली हिंदू परंपरा है। पहले अपने परिवार को संभालो और फिर दूसरे के परिवार के बारे में बात करो।" विपक्षी दलों के गठबंधन 'इंडिया' की शुक्रवार को मुंबई में संपन्न तीसरी बैठक के बाद ठाकरे ने कहा कि विपक्ष गठबंधन में लड़ेगा और 'मित्र परिवारवाद' को हराएगा।

40 पुलिसकर्मी और कई प्रदर्शनकारी घायल

पुलिस ने शुक्रवार को औरंगाबाद से लगभग 75 किलोमीटर दूर अंबाद तहसील में धुले-सोलापुर रोड पर अंतरवाली सारथी गांव में हिंसक भीड़ को तितर बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े थे। अधिकारियों ने बताया कि मनोज जारांगे के नेतृत्व में प्रदर्शनकारी मंगलवार से ही गांव में मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को लेकर भूख हड़ताल कर रहे थे। उन्होंने बताया कि स्थिति तब बिगड़ी, जब चिकित्सकों की सलाह पर पुलिस ने जारांगे को अस्पताल में भर्ती कराने की कोशिश की। वहां भड़की हिंसा के दौरान करीब 40 पुलिसकर्मी और कई प्रदर्शनकारी घायल हो गए। कई बसों में आग लगा दी गई।