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Hindi News महाराष्ट्र दिलचस्प है बारामती की जंग, ननद-भाभी की लड़ाई अब सड़कों पर आई, जानिए सुप्रिया सुले ने क्या कहा?

दिलचस्प है बारामती की जंग, ननद-भाभी की लड़ाई अब सड़कों पर आई, जानिए सुप्रिया सुले ने क्या कहा?

Lok Sabha Elections 2024: महाराष्ट्र की बारामती लोकसभा सीट पर मुकाबला बेहद दिलचस्प है। यहां ननद और भाभी की चुनावी जंग अब सड़कों पर उतर आई है। अजित पवार की पत्नी सुनेत्र पवार और सुप्रिया सुले के बीच मुकाबला है।

supriya sule, sunetra pawar- India TV Hindi Image Source : PTI/FILE सुप्रिया सुले और सुनेत्रा पवार

Lok Sabha Elections 2024: बारामती सीट पर लोकसभा चुनाव बेहद दिलचस्प हो गया है। इस सीट पर कौन बाजी मारेगा ये चार जून को ही पता चलेगा लेकिन इस बार चुनाव में ननद और भाभी के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिल रही है। अजित पवार की पत्नी सुनेत्रा पवार और शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले एक दूसरे को कांटे की टक्कर दे रही हैं। महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार खुद सुनेत्रा के प्रचार की कमान संभाले हुए हैं और लगातार इलाके में प्रचार कर रहे हैं। वहीं सुप्रिया सुले ने भी एड़ी चोटी का जोर लगा दिया है।

दो खेमों में बंटा पवार परिवार

शरद पवार का परिवार और राजनित्तिक संगठन जो कभी एक ही हुआ करता था, अब वो दो खेमो में बंटा हुआ है और अब सत्ता के दो केंन्द्र भी है। शरद पवार का घर गोविंद बाग और अजित पवार का घर सहयोग सोसायटी के बीच की दूरी महज 7 किलोमीटर होगी पर अब दिलो की दूरियां उससे भी ज्यादा है। यह दूरी लोकसभा चुनाव में और ज्यादा बढ़ गई है जब शरद पवार के गढ़ बारामती में सुनेत्रा पवार और सुप्रिया सुले एक दूसरे को टक्कर दे रही हैं।

वक्त के साथ हर जख्म भर जाता है-सुले

इंडिया टीवी से खास बातचीत में सुप्रिया सुले ने कहा- हमारा डिवोर्स (अजित पवार को पार्टी छोड़े) हुए 6 महीने ही तो हुए हैं, पहले तो सब साथ ही काम करते थे। और मुझपर मेरे मां के संस्कार हैं कि आपके लिए किसी ने थोड़ा भी काम किया हो तो हमेशा याद रखना। उन्होंने आगे कहा-इमोशंस तो होते हैं पर वक्त के साथ हर जख्म भर जाता है। घाव तो रहेंगे, जिंदगी तो चलती रहती है। जिम्मेदारियां बढ़ गयी हैं। प्रचार के दौरान जब मैं लोगों से मिलती हूं तो उनका जो प्यार और विश्वास मिलता है उनके लिए तो लड़ना पड़ेगा ही।

 मैं अजित पवार को प्रतिद्वंदी नहीं समझती-सुले

एक सवाल के जवाब में सुले ने कहा मैं सुनेत्रा पवार को फॉलो नहीं करती। मैं दूसरों के घर में नहीं झांकती। इस देश के कोर इश्युज क्या हैं, मुझे पता है। मेरी लड़ाई उनसे नहीं है। मेरी लड़ाई केंद्र सरकार की गलत नीतियों के खिलाफ़ है। मैं व्यक्तिगत तौर पर किसी से नही लड़ती। सुले ने कहा कि मैं अजित पवार को प्रतिद्वंदी नहीं समझती। मेरी लड़ाई महगाई बेरोजगारी और भ्रष्टाचार के खिलाफ़ है।अच्छे बदलाव के लिए मैं राजनीति में आई हूं।

वहीं एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा-पार्लियामेंट में बारामती की आवाज कौन बनेगा यह सिर्फ व्यक्ति या लिगेसी का सवाल नहीं है। यह एक वैचारिक सवाल है। विकास का काम दादा (अजित पवार) ने किया है, सही बात है क्योंकि उस वक्त हम सब साथ थे। एक साथ काम करते थे। महा विकास अघाड़ी के साथ हम काम कर रहे थे।

रिश्ते आज भी कायम-सुले

सुले ने एक अन्य सवाल के जवाब में कहा- मेरे लिए मेरा परिवार बहुत मायने रखता है लेकिन मेरे लिए निर्वाचन क्षेत्र के लोग भी काफी मायने रखते हैं। यह हो सकता है कि अजित पवार के साथ काफी लोग गए होंगे लेकिन उनसे मेरे घर के रिश्ते आज भी कायम हैं। हर जगह मुझे  बीवी बच्चे शादी में मिलते हैं, उनके घर से मुझे आज भी खाना आता है। वो लोग जरूर राजनित्तिक तौर पर अजित पवार के साथ हैं लेकिन कई परिवार आज भी दिल से मेरे साथ हैं।

सुनेत्रा पवार को चुनाव लड़ाना उनका फैसला-सुले

सुनेत्रा से जुड़े एक सवाल के जवाब में सुप्रिया ने कहा- सुनेत्रा पवार को चुनाव लड़ाना उनका निर्णय है। मैं किसी पर व्यक्तिगत तौर पर नहीं बोलती। अजित पवार बदल गए हैं या नही उस बारे में मैं इतना नही सोचती। अजित पवार नैतिकता या लिहाज रखते हैं या नही, ये सवाल आप उन्हीं से पूछिए।

सुप्रिया सुले से जब यह सवाल किया गया कि डिवोर्स के बाद पैच भी हो जाय करते हैं? तब उन्होंने कहा-नाउ द शिप इस सेल..दोनों घर तो अब अलग हो ही चुके हैं। मेरे लिए ये संविधान और विचारों की लड़ाई है। व्यक्तिगत लड़ाई नही है। रिश्ते निभाने में ज्यादा ताकत लगती है तोड़ने में ज्यादा ताकत नही लगती। साथ ही सुप्रिया सुले ने अजित पवार के अलग होने के पीछे बीजेपी को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि बीजेपी के पास उम्मीदवार नहीं था इसीलिए हमारा घर तोड़ा। ये बीजेपी का षड्यंत्र है।