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Hindi News महाराष्ट्र Maharashtra Crisis: एकनाथ शिंदे खेमे को बड़ी राहत, सुप्रीम कोर्ट ने डिप्टी स्पीकर के नोटिस पर फिलहाल लगाई रोक

Maharashtra Crisis: एकनाथ शिंदे खेमे को बड़ी राहत, सुप्रीम कोर्ट ने डिप्टी स्पीकर के नोटिस पर फिलहाल लगाई रोक

Maharashtra Crisis : सुप्रीम कोर्ट ने डिप्टी स्पीकर नरहरि जिरवाल के नोटिस पर रोक लगा दी है। अब इस मामले की अगली सुनवाई 11 जुलाई को होगी।

Supreme court- India TV Hindi Image Source : PTI Supreme court

Highlights

  • सुप्रीम कोर्ट के फैसले से एकनाथ शिंदे कैंप को राहत
  • सुप्रीम कोर्ट ने डिप्टी स्पीकर को नोटिस जारी किया
  • 11 जुलाई को होगी मामले की सुनवाई

Maharashtra Crisis: महाराष्ट्र में जारी सियासी घमासान के बीच आज सुप्रीम कोर्ट ने एकनाथ शिंदे की ओर से दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए डिप्टी स्पीकर नरहरि जिरवाल के नोटिस पर फिलहाल रोक लगा दी है। अब इस मामले की अगली सुनवाई 11 जुलाई को होगी। वहीं इस मामले पर कोर्ट ने सभी पक्षों से तीन दिनों के अंदर जवाब दाखिल करने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने अंतिरम आदेश में एकनाथ शिंदे और अन्य बागी विधायकों को डिप्टी स्पीकर द्वारा जारी नोटिस का जवाब देने की समय-सीमा 11 जुलाई शाम 5.30 बजे तक के लिए बढ़ा दी है। 

डिप्टी स्पीकर के नोटिस पर 11 जुलाई शाम 5.30 बजे तक कोई फैसला नहीं-सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने  शिवसेना के बागी विधायकों को अंतरिम राहत प्रदान करते हुए कहा कि उनकी अयोग्यता पर 11 जुलाई शाम साढ़े पांच बजे तक कोई फैसला नहीं लिया जाएगा। साथ ही महाराष्ट्र के डिप्टी स्पीकर से बागी विधायकों द्वारा उन्हें दिए गए अविश्वास नोटिस के रिकॉर्ड को हलफनामे में पेश करने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार से कहा कि शिवसेना के  बागी विधायकों और उनके परिवार के सदस्यों के जीवन, स्वतंत्रता और संपत्ति की रक्षा की जाए।

बॉम्बे हाईकोर्ट का रुख क्यों नहीं किया-सुप्रीम कोर्ट

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र विधानसभा के उपाध्यक्ष द्वारा जारी अयोग्यता नोटिस के खिलाफ मंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना के बागी विधायकों की याचिका पर सुनवाई शुरू की ।  जस्टिस सूर्य कांत और जस्टिस जे बी पारदीवाला की बेंच ने पूछा कि इस मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट का रुख क्यों नहीं किया। बागी विधायकों की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट एन. के. कौल ने बताया कि विधायक दल का उद्धव ठाकरे समूह ‘अल्पमत’ में है और ‘राज्य की व्यवस्था को नुकसान पहुंचा रहा है।’ कौल ने कहा कि मुंबई में इन विधायकों के लिए माहौल अनुकूल नहीं है क्योंकि उन्हें धमकी दी गई है।

21 जून को शिंदे की अगुवाई में विधायकों ने की थी बगावत

सीनियर एडवोकेट एन. के. कौल ने अरुणाचल प्रदेश के नबाम रेबिया मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला दिया और कहा कि डिप्टी स्पीकर को विधायकों की अयोग्यता मामले को आगे बढ़ाने का अधिकार नहीं हैं, क्योंकि खुद उन्हें हटाने की याचिका लंबित है। कौल ने कहा कि 39 विधायक अल्पमत समूह के खिलाफ हैं। आपको बता दें कि उद्धव सरकार में मंत्री रहे एकनाथ शिंदे की अगुवाई में बड़ी संख्या में शिवसेना के विधायकों ने बगावत कर दी। 21 जून को ये विधायक मुंबई से सूरत आए और वहां के एक होटल में रुके। इसके बाद अगले दिन तड़के विधायकों का जत्था गुवाहाटी के लिए रवाना हो गया। इन विधायकों को डिप्टी स्पीकर की ओर से नोटिस जारी किया गया था कि वे सोमवार शाम 5.30 बजे तक अपना अयोग्यता के नोटिस पर जवाब दाखिल करें नहीं तो इनके ऊपर एक्शन लिया जाएगा। इसी नोटिस के जवाब में एकनाथ शिंदे ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। 

इनपुट-  एजेंसी