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Maharashtra News| आदिवासी समुदाय के कल्याण के लिए कोई कसर नहीं छोड़ें महाराष्ट्र सरकार: बंबई हाई कोर्ट

Maharashtra News: बंबई हाई कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार से कहा है कि वह राज्य के आदिवासी समुदाय के कल्याण के लिए हर संभव प्रयास करे।

The Bombay High Court(File Photo)- India TV Hindi Image Source : PTI The Bombay High Court(File Photo)

Highlights

  • बंबई हाई कोर्ट ने कहा कि आदिवासियों के कल्याण के लिए हर संभव प्रयास करे सरकार
  • हाई कोर्ट में 2007 में दायर की गईं कई जनहित याचिकाओं पर गुरुवार को सुनवाई हुई
  • आदिवासियों के हित के लिए सभी विभाग एकजुट होकर करें कार्य: बंबई हाई कोर्ट

Maharashtra News: बंबई हाई कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार से कहा है कि वह राज्य के आदिवासी समुदाय के कल्याण के लिए हर संभव प्रयास करे। मुख्य जज दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति एम.एस.कार्णिक की खंडपीठ ने 2007 में दायर की गईं कई जनहित याचिकाओं पर गुरुवार को सुनवाई की। सुनवाई के दौरान राज्य के मेलघाट क्षेत्र में कुपोषण के कारण बच्चों, गर्भवती महिलाओं, स्तनपान कराने वाली माताओं की मौत के मामले ज्यादा होने का उल्लेख किया। अदालत ने कहा कि इस मुद्दे पर सरकार के संबंधित विभागों के बीच बेहतर समन्वय की आवश्यकता है। अदालत के आदेश की प्रति शुक्रवार को उपलब्ध हुई। 

सुझावों पर विचार करने के लिए सरकारी वकील ने तीन सप्ताह का मांगा समय 

पीठ ने कहा, ‘‘आदिवासी समुदाय के सर्वोत्तम हित को बढ़ावा देने के मद्देनजर इन सभी विभागों को एकजुट होकर कार्य करने में कोई कसर नहीं छोड़नी चाहिए।’’ सरकारी वकील पी.पी.काकड़े ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ताओं सहित इससे जुड़े विभिन्न पक्षों द्वारा सुझाव दिए गए। इन सुझावों पर चर्चा के लिए राज्य के संबंधित विभागों के प्रतिनिधियों के बीच छह जुलाई को एक बैठक हुई थी। इनमें से किस सुझाव को लागू किया जा सकता है, इस पर विचार करने के लिए काकड़े ने तीन सप्ताह का समय मांगा। 

सरकार 11 अगस्त को दाखिल करे रिपोर्ट: अदालत

अदालत ने कहा, ‘‘हम राज्य को खुले दिमाग से सुझावों पर विचार करने और यह सुनिश्चित करने के लिए समय देते हैं कि इसे यथासंभव लागू किया जाए।’’ पीठ ने सरकार को सुझावों के क्रियान्वयन एवं संबंधित प्रक्रिया से जुड़ी रिपोर्ट 11 अगस्त को दाखिल करने का निर्देश दिया।