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Hindi News महाराष्ट्र Maharashtra news: महाराष्ट्र के दो समूहों पर इनकम टैक्स की रेड, 100 करोड़ रुपये की बेहिसाबी आय का लगाया पता

Maharashtra news: महाराष्ट्र के दो समूहों पर इनकम टैक्स की रेड, 100 करोड़ रुपये की बेहिसाबी आय का लगाया पता

Maharashtra news: CBDT ने एक बयान में कहा कि कार्रवाई के तहत महाराष्ट्र के सोलापुर, उस्मानाबाद, नासिक और कोल्हापुर जिलों में स्थित 20 से अधिक परिसरों पर छापेमारी की गई।

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Highlights

  • आयकर विभाग ने इन समूहों की पहचान उजागर नहीं की
  • महाराष्ट्र के सोलापुर, उस्मानाबाद, नासिक और कोल्हापुर जिलों में हुई कार्रवाई

Maharashtra news: आयकर विभाग(Income Tax  Department) ने हाल ही में महाराष्ट्र स्थित दो व्यापारिक समूहों पर छापेमारी की। इस रेड में 100 करोड़ रुपये से ज्यादा की 'बिना हिसाब की आय' का पता लगाया है। अधिकारियों ने बताया कि 25 अगस्त को दो समूहों के खिलाफ तलाशी शुरू की गई, जो रेत खनन, चीनी उत्पादन, सड़क निर्माण, स्वास्थ्य देखभाल और मेडिकल कॉलेज चलाने के कारोबार में शामिल हैं। उन्होंने इन समूहों की पहचान उजागर नहीं की। 

20 से ज्यादा परिसरों पर हुई छापेमारी

CBDT ने एक बयान में कहा कि कार्रवाई के तहत महाराष्ट्र के सोलापुर, उस्मानाबाद, नासिक और कोल्हापुर जिलों में स्थित 20 से अधिक परिसरों पर छापेमारी की गई। विभाग की प्रशासनिक इकाई द्वारा जारी बयान में कहा गया कि जब्त किए गए दस्तावेज़ों और डिजिटल डेटा से "समूह द्वारा अपनाए गए कर चोरी के तौर-तरीकों का पता चलता है, जिसमें फर्जी खर्चों की बुकिंग, अघोषित नकद बिक्री, अस्पष्टीकृत ऋण/क्रेडिट प्रविष्टियां शामिल हैं।" 

बेहिसाब नकद बिक्री के मिले सबूत

बयान में कहा गया कि रेत खनन और चीनी उत्पादन में लगे समूह के मामले में 15 करोड़ रुपये से ज्यादा की चीनी की 'बिना हिसाब' की नकद बिक्री के दस्तावेजी सबूत मिले हैं, जो जब्त कर लिए गए हैं। बयान में कहा गया कि समूह ने अपने बहीखातों में फर्जी ‘बिना गारंटी वाले ऋण’ के रूप में अपनी बेहिसाबी आय पेश की है। इसमें कहा गया, "समूह के कई ऋणदाताओं, साथ ही प्रवर्तकों ने भी स्वीकार किया है कि समूह द्वारा उत्पन्न की गई 10 करोड़ रुपये से अधिक की बिना हिसाब की नकदी इस तरह से इसके बहीखातों में भेजी गई।" 

CBDT ने कहा, ‘‘एक गैर-फाइलर कॉरपोरेट इकाई द्वारा संपत्ति की बिक्री पर लगभग 43 करोड़ रुपये के पूंजीगत लाभ के साक्ष्य भी जब्त किए गए हैं।’’ इसने कहा, ‘‘स्वास्थ्य देखभाल और मेडिकल कॉलेज चलाने के साथ-साथ सड़क निर्माण के व्यवसाय में लगे समूह के मामले में, कैपिटेशन शुल्क संबंधी अघोषित नकद प्राप्तियों और डॉक्टरों/पीजी छात्रों को भुगतान किए गए वेतन एवं वजीफे की वापसी के प्रमाण मिले हैं।"