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Hindi News महाराष्ट्र Maharashtra Politics: आदित्य ठाकरे ने दी एकनाथ शिंदे गुट को चुनौती, कहा- इस्तीफा देकर चुनाव का करें सामना

Maharashtra Politics: आदित्य ठाकरे ने दी एकनाथ शिंदे गुट को चुनौती, कहा- इस्तीफा देकर चुनाव का करें सामना

Maharashtra Politics: राज्य के पूर्व मंत्री ने एक सवाल किया, जब हमने आपको सबकुछ दिया तो आपने हमारी पीठ में छुरा क्यों घोंपा और आपने इस्तीफा देकर चुनाव का सामना क्यों नहीं किया, जैसा कि लोकतंत्र में होता है।

Aaditya Thackeray- India TV Hindi Image Source : PTI Aaditya Thackeray

Maharashtra Politics: शिवसेना के उद्धव गुट के नेता आदित्य ठाकरे ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुट में शामिल बागी विधायकों को इस्तीफा देने और चुनाव का सामना करने की चुनौती दी है। वर्ली से विधायक ठाकरे ने एक कार्यक्रम में बोलते हुए संकेत दिया कि बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) के आगामी चुनाव में शिवसेना का जोर आवास, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, सड़क एवं सार्वजनिक परिवहन पर होगा। 

राज्य के पूर्व मंत्री ने एक सवाल किया, "जब हमने आपको सबकुछ दिया तो आपने हमारी पीठ में छुरा क्यों घोंपा और आपने इस्तीफा देकर चुनाव का सामना क्यों नहीं किया, जैसा कि लोकतंत्र में होता है।" आदित्य ने असंतुष्टों के इन दावों को खारिज कर दिया कि पूर्ववर्ती महा विकास अघाड़ी (MVA) सरकार के दौरान उनसे और उनके पिता उद्धव ठाकरे से मिलना मुश्किल था। उद्धव ठाकरे एमवीए सरकार में मुख्यमंत्री थे। 

जून में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली एमवीए सरकार गिर गई थी

उन्होंने कहा, "मैं हमेशा उपलब्ध रहा हूं। मुझे ऐसे विभाग (पर्यावरण और पर्यटन) आवंटित किए गए थे, जिन्हें कोई नहीं चुनता, लेकिन जब आपकी महत्वाकांक्षाएं और दबाव होता है, तो आप रास्ता अलग कर लेते हैं।" शिंदे और शिवसेना के 55 विधायकों में से 39 के विद्रोह के कारण इस साल जून में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली एमवीए सरकार गिर गई थी। आदित्य ने कहा, "उन्होंने (विद्रोही) हमारे सहयोगियों (एनसीपी और कांग्रेस) पर उनकी राजनीतिक किस्मत तबाह करने का आरोप लगाया। उन्होंने हिंदुत्व के बारे में बात की। कल वे मुझे हर दिन नीली शर्ट पहनने के लिए दोषी ठहरा सकते हैं।" 

सरकार में शामिल बीजेपी को तुरंत चुनाव का सामना करने की चुनौती दी

उन्होंने शिंदे खेमे और एकनाथ शिंदे-देवेंद्र फडणवीस सरकार में शामिल बीजेपी को तुरंत चुनाव का सामना करने की चुनौती दी। उन्होंने कहा, "आइये अब बीएमसी चुनाव का सामना करते हैं, कोई बात नहीं। इस्तीफा दें और चुनाव का सामना करें। हम जनता के जनादेश को स्वीकार करेंगे। मुंबईकरों को पता है कि हमने कोविड​​​​-19 महामारी के दौरान शहर के लिए क्या किया है।" बीजेपी ने आगामी बीएमसी चुनावों के लिए शिवसेना के खिलाफ एक आक्रामक प्रचार अभियान शुरू किया है। शिवसेना दो दशकों से अधिक समय से नगर निकाय में शासन में है। 

Image Source : PTIShiv Sena leader Aaditya Thackeray with other opposition leaders protests at Vidhan Bhavan on the last day of Monsoon Session of Maharashtra Assembly in Mumbai Thursday August 25 2022.

मुंबई की प्रगति दर की तुलना शंघाई या सिंगापुर से नहीं की जानी चाहिए- आदित्य

तत्कालीन उद्धव ठाकरे सरकार की ओर से किए गए कार्यों को सूचीबद्ध करते हुए आदित्य ठाकरे ने कहा, "मुंबई में हिंदमाता क्षेत्र और गांधी बाजार क्षेत्र में हमारे वर्षा जल संचयन कार्य के कारण बाढ़ नहीं आई। यह बीएमसी के लिए भी गर्व का पल है।" उन्होंने कहा कि मुंबई की प्रगति दर की तुलना शंघाई या सिंगापुर से नहीं की जानी चाहिए। मुंबई में मुख्य मुद्दों के बारे में उन्होंने कहा, "शहर विकास के केंद्र होते हैं और यह हम पर निर्भर है कि हम जीवन जीने में सुगमता को बढ़ावा दें और परिभाषित करें कि शहरीकरण क्या है। मुझे लगता है कि हमारा मुख्य जोर आवास, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, सड़कें और सार्वजनिक परिवहन होंगे।" 

आरे कॉलोनी में मेट्रो कार शेड के निर्माण पर क्या बोले आदित्य ठाकरे?

उन्होंने कहा, "मैं स्कूलों, पार्क और तटीय सड़क की बेहतरी के लिए हर हफ्ते 16 अलग-अलग एजेंसियों के साथ बैठकें करता था। मेरी राय में, या तो मुंबई के लिए एक ही प्राधिकरण बनाएं या एक साथ मिलें और त्वरित कार्रवाई करें।" मुंबई के आरे कॉलोनी में मेट्रो कार शेड के निर्माण पर शिवसेना के विरोध के बारे में आदित्य ठाकरे ने कहा कि मुद्दा केवल एक विशेष भूमि या पेड़ के बारे में नहीं है। उन्होंने कहा, "हमने केवल आरे में काम बंद किया। उस लाइन के साथ कुछ दोष है। दिसंबर 2019 से पहले लागत में 10,000 करोड़ रुपये की वृद्धि का आकलन किया गया था (MVA सरकार नवंबर 2019 में सत्ता में आई थी)।" उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने आरोप लगाया था कि पिछली MVA सरकार के आरे कॉलोनी में काम रोकने के कदम के कारण लागत में वृद्धि हुई थी।