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Hindi News महाराष्ट्र पोस्टर लगाकर अवैध मजार पर कार्रवाई का क्रेडिट ले रही थी MNS, पुलिस ने लिया यह एक्शन

पोस्टर लगाकर अवैध मजार पर कार्रवाई का क्रेडिट ले रही थी MNS, पुलिस ने लिया यह एक्शन

अधिकारियों ने बताया कि कलेक्टर द्वारा गठित टीम ने सुबह घटनास्थल का दौरा किया था, जिसके बाद ढांचा गिराने की प्रक्रिया शुरू हुई।

MNS Majaar, MNS Dargah, MNS Dargah Poster, MNS Raj Thackeray- India TV Hindi Image Source : INDIA TV सेना भवन के सामने लगाए गए थे ‘मनसे इंपैक्ट’ के पोस्टर।

मुंबई: महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में माहिम के तट पर अवैध रूप से बनाए जा रहे मजार जैसे ढांचे को प्रशासन ने गुरुवार को गिरा दिया। प्रशासन द्वारा अंजाम दी गई इस कार्रवाई का क्रेडिट लेने के लिए राज ठाकरे की अगुवाई वाली महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना ने सेना भवन के सामने ‘मनसे इंपैक्ट’ के पोस्टर लगाए थे। दरअसल, राज ठाकरे ने बुधवार शाम शिवाजी पार्क में अपने 'पड़वा मेलावा' भाषण में इस ढांचे के बारे में आगाह किया था। राज ठाकरे द्वारा इस ओर ध्यान दिलाने के अगले ही दिन 'मजार' को हटाए जाने की कार्रवाई को अंजाम दिया गया।

‘राजस्व विभाग की जमीन पर बना था अवैध ढांचा’
मुंबई शहर के रेजिडेंट कलेक्टर सदानंद जाधव ने बताया कि ‘मजार’ और उसके आसपास का ढांचा राजस्व विभाग की जमीन पर अवैध रूप से बनाया गया था। उन्होंने बताया कि बृहन्मुंबई नगर निगम और मुंबई पुलिस के कर्मियों की मदद से ढांचे को गिराने के लिए 6 सदस्यीय टीम का गठन किया गया था। जाधव ने बताया, ‘बीएमसी ने अवैध ढांचे को गिराने के लिए मशीनरी मुहैया कराई और मुंबई पुलिस ने सुरक्षा दी।’ अन्य अधिकारियों ने बताया कि कलेक्टर द्वारा गठित टीम ने सुबह घटनास्थल का दौरा किया था, जिसके बाद ढांचा गिराने की प्रक्रिया शुरू हुई।


सेना भवन के सामने लगे ‘मनसे इंपैक्ट’ के पोस्टर
मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने अपने भाषण में माहिम और सांगली में अवैध मजार और दरगाह निर्माण का मुद्दा उठाया था। MNS सुप्रीमो राज ठाकरे द्वारा माहिम और सांगली में अवैध मजार और दरगाह का मुद्दा उठाए जाने के बाद हुई कार्रवाई से पार्टी के कार्यकर्ता जोश में आ गए। मनसे ने सेना भवन के टीक सामने 'मनसे इंपैक्ट' के पोस्टर लगाए और मराठी में लिखा कि '12 घंटे के अंदर माहिम और सांगली में कार्रवाई पूरी'। हालांकि पुलिस ने एहतियात के तौर पर इन पोस्टरों को हटा दिया ताकि किसी की धार्मिक भावना न आहत हो।