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Hindi News महाराष्ट्र स्वीडिश नेता रसमुस पालूदान के कुरान जलाए जाने पर मचा बवाल, मुंबई में विरोध प्रदर्शन, कार्रवाई की मांग तेज

स्वीडिश नेता रसमुस पालूदान के कुरान जलाए जाने पर मचा बवाल, मुंबई में विरोध प्रदर्शन, कार्रवाई की मांग तेज

स्वीडिश नेता की इस हरकत के खिलाफ लोगों द्वारा प्रदर्शन किया जा रहा है। अब इसकी आंच भारत भी पहुंच चुकी है। दरअसल स्वीडिश नेता के खिलाफ आज मुंबई के पाइधुनि इलाके में भी विरोध देखने को मिला। यहां सुन्नी बिलाल मस्जिद में शुक्रवार की नमाज के बाद कुरान की आयतें पढ़ीं गई।

Mumbai News Swedish leader Rasmus Paludans burning of Quran- India TV Hindi Image Source : AP रसमुस पालूदान के कुरान जलाए जाने पर मचा बवाल

स्वीडन और तुर्की के बीच चल रहे NATO की सदस्या को लेकर विवाद जारी है। इस बीच स्वीडिश नेता रसमुस पालूदान द्वारा इस्लामिक धर्म ग्रंथ कुरान को जलाए जाने की घटना के बाद अब बवाल मच चुका है। दुनियाभर में स्वीडिश नेता की इस हरकत के खिलाफ लोगों द्वारा प्रदर्शन किया जा रहा है। अब इसकी आंच भारत भी पहुंच चुकी है। दरअसल स्वीडिश नेता के खिलाफ आज मुंबई के पाइधुनि इलाके में भी विरोध देखने को मिला। यहां सुन्नी बिलाल मस्जिद में शुक्रवार की नमाज के बाद कुरान की आयतें पढ़ीं गई। वहीं लोगों द्वारा मांग की गई कि भारत सरकार रासमुस पलूदान समेत स्वीडन के साथ राजनायिक संबंध खत्म करे।

मस्जिद के अंदर प्रदर्शन

स्वीडिश नेता रासमुस पालूदान द्वारा कुरान जलाए जाने के खिलाफ मुंबई के सुन्नी बिलाल मस्जिद में जुम्मे की नमाज के बाद रजा अकैडमी और ऑल इंडिया सुन्नी जामियातुल उलेमा काउंसिल द्वारा मस्जिद के अंदर प्रदर्शन किया गया। इस दौरान लोगों ने हाथों में पोस्टर बैनर लेकर रसमुस पालूदान के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की।  साथ ही स्वीडन के साथ राजनायिक संबंध खत्म करने की मांग की गई।

मुसलमानों को बदनाम करने की साजिश

स्वीडन के खिलाफ हो रहे इस विरोध प्रदर्शन में शामिल मौलानाओं का कहना है कि कुरान को जलाकर पूरी दुनिया के मुसलमानों को उकसाया जा रहा है और इस्लाम को बदनाम करने की साजिश हो रही है। मौलाना खलील के नूरी ने कहा कि यह पूरा विवाद तुर्की और स्वीडन के बीच है। ऐसे में कुरान को जलाने की क्या जरूरत है। स्वीडन सरकार आखिर रसमुस पालूदान के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं कर रही है।

प्रदर्शन में शामिल अन्य मौलानाओं का कहना है कि अगर दुनियाभर के मुसलमन एक साथ सड़क पर उतर गए तो क्या होगा। हम शांत है इसका यह मतलब नहीं है कि हम कमजोर है। हम इस बात को लेकर दिल्ली में स्वीडन राजदूत के अलावा अन्य कई केंद्रीय मंत्रियों से भी मिलेंगे। मौलाना ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर स्वीडन की सरकार ने माफी नहीं मांगी तो यह विरोध प्रदर्शन और भी ज्यादा बढ़ेगा।