A
Hindi News महाराष्ट्र 10वीं की परीक्षा देने के बाद पहलगाम घूमने गया था, आंखों के सामने पिता हेमंत जोशी को खोया; आज आया रिजल्ट

10वीं की परीक्षा देने के बाद पहलगाम घूमने गया था, आंखों के सामने पिता हेमंत जोशी को खोया; आज आया रिजल्ट

ध्रुव 10वीं की परीक्षा देने के बाद अपने परिवार के साथ कश्मीर घूमने गया था लेकिन वहां उस पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। आतंकियों ने पहलगाम में ध्रुव के पिता हेमंत जोशी की गोली मारकर हत्या कर दी थी।

dhruv joshi- India TV Hindi Image Source : INDIA TV ध्रुव जोशी अपने परिवार के साथ।

मुंबई: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आंतकियों ने जिन निहत्थे 26 लोगों को मौत के घाट उतारा था उनमें मुंबई के डोंबिवली के तीन लोग संजय लेले, अतुल मोने और हेमंत जोशी भी शामिल थे। आज हेमंत जोशी के बेटे ध्रुव का रिजल्ट आया है। डोंबिवली के ओमकार इंटरनेशनल स्कूल के छात्र ध्रुव हेमंत जोशी ने 10वीं की परीक्षा में 80% अंक हासिल किए हैं। 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के दौरान ध्रुव ने जो साहस दिखाया, इसकी भी सराहना हुई। इस हमले में ध्रुव के पिता हेमंत जोशी की दुखद मृत्यु हो गई।

10वीं की परीक्षा देने के बाद पहलगाम घूमने गया था ध्रुव

ध्रुव 10वीं की परीक्षा देने के बाद अपने परिवार के साथ कश्मीर में घूमने गया था लेकिन आतंकवादी हमले में महाराष्ट्र के डोंबिवली में रहने वाले हेमंत जोशी, अतुल मोने और संजय लक्ष्मण लेले के परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। आतंकी हमले में अतुल मोने, हेमंत जोशी संजय और लेले की दुखद मृत्यु हो गई। हमले के समय ध्रुव भी घटनास्थल पर मौजूद था। ध्रुव की बहादुरी की हर जगह सराहना हो रही है। अपने पिता को खोने के बावजूद ध्रुव ने अपने परिवार के लिए जो धैर्य, साहस और समर्पण दिखाया, वह वाकई काबिलेतारीफ है।

Image Source : india tvपिता हेमंत जोशी के साथ ध्रुव

आतंकियों के माथे पर लगा था कैमरा

जम्मू-कश्मीर में छुट्टियां बिताने का फैसला संजय लेले और उनके रिश्तेदारों के लिए दुखद साबित हुआ था। घटना के दौरान संजय लेले के पुत्र हर्षल लेले को भी गोली छूकर निकली, जिससे वह हाथ में मामूली रूप से घायल हुआ था। हर्षल लेले ने बताया था कि आतंकियों के माथे पर कैमरा लगे थे। उसने कहा, मेरे मामा हेमंत जोशी ने बोला कि हमने कुछ नहीं किया है, हमें जाने दो इतना ही बोला था और उनको गोली मार दी। उसके बाद मेरे पिता के पास आए, उनके सिर में गोली मार दी। मैं उनका सिर पकड़ कर बैठा था। गोली मेरी उंगली को छू कर निकली।'' हर्षल ने आगे कहा, ''आतंकी बोल रहे थे कि हिन्दू अलग हो जाएं और मुस्लिम अलग-अलग हो जाएं।''

परिवार के अन्य सदस्य– कविता लेले, अनुष्का मोने, रुचा मोने, मोनिका जोशी और ध्रुव जोशी पूरी तरह सुरक्षित हैं। जानकारी के लिए बता दें कि पहलगाम की बैसरन घाटी में हुए आतंकवादी हमले में 26 लोग मारे गए थे।

(रिपोर्ट- सुनील शर्मा)

यह भी पढ़ें-

पहलगाम में आतंकियों से पर्यटकों को बचाते हुए गई थी आदिल की जान, भारत ने लिया बदला तो भाई ने क्या कहा, सुनिए