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Hindi News महाराष्ट्र मुंबई में गणेश विर्जसन के लिए अब करनी होगी ऑनलाइन बुकिंग, बीएमसी ने शुरू की वेबसाइट

मुंबई में गणेश विर्जसन के लिए अब करनी होगी ऑनलाइन बुकिंग, बीएमसी ने शुरू की वेबसाइट

कोरोना का संक्रमण टालने के लिए बीएमसी ने इसबार सभी गणेश मंडलों और आम लोगों को गणेश प्रतिमा का विसर्जन करने के पहले ऑनलाइन बुकिंग करने के लिए कहा हैं।

<p>ganpati visarjan</p>- India TV Hindi Image Source : PTI ganpati visarjan

कोरोना संकट के बीच महाराष्ट्र में गणपति उत्सव की धूम शुरू हो गई है। इस बीच कोरोना का संक्रमण टालने के लिए बीएमसी ने इसबार सभी गणेश मंडलों और आम लोगों को गणेश प्रतिमा का विसर्जन करने के पहले ऑनलाइन बुकिंग करने के लिए कहा हैं। इसके लिए बीएमसी ने shreeganeshvisarjan.com नाम की वेबसाइट भी शुरु की है। इस वेबसाइट में श्रद्धालूओं को विसर्जन की तारीख, जगह और वक्त के बारे में जानकारी देनी होगी।

अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि विसर्जन स्थल पर भीड़ कम करने के लिए बीएमसी ऑनलाइन आवेदनकर्ताओं को विसर्जन का समय निर्धारित करेगा। पिछले साल तक गणेश विसर्जन के दिन करीब 50 लाख से ज्यादा श्रद्धालु सड़कों पर निकलते थे। लेकिन इस बार विसर्जन के लिए सख्त गाइडलाइन्स बनाए गए हैं। बीएमसी ने कंटेनमेंट  जोन में गणपति का कोई भी समारोह सार्वजनिक रूप से न करने की अपील की है। 

कंटेनमेंट जोन के लिए गाइडलाइंस जारी 

22 अगस्त से शुरू होने वाले गणेश उत्सव के लिए नागरिक निकाय द्वारा जारी द्वारा गाइड लाइन जारी की गई है। जिसके अनुसार अगर आपका घर कंटेनमेंट जोन में है जो आप घर के अंदर ही गणपति की मूर्ति स्थापित कर सकते हैं।  आपको बता दें कि 1.13 लाख से अधिक कोरोना वायरस के मामले मुंबई में है। जहां पर लगभग 6,300 मौतों हो चुकी है। शहर में कम से कम 6,173 इमारतों को सील कर दिया गया है, जबकि नागरिक निकाय ने 616 रोकथाम क्षेत्रों की पहचान की है। जहां कोरोनोवायरस के मामले पाए गए हैं। आमतौर पर ऐसे क्षेत्र को 14 दिनों के लिए सील कर दिए जाते हैं। आमतौर पर उत्सव के अंतिम दिन मूर्तियों को विसर्जित करने के लिए मुंबई के समुद्र तट के लिए लाखों भक्तों की भीड़ होती है।

बीएमसी ने कहा कि महामारी रोग अधिनियम, 1897, आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 और भारतीय दंड संहिता के तहत उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसलिए सभी से अपील है कि त्योहार को सरल तरीके से मनाया जाए। आपको बता दें कि राज्य सरकार और नागरिक अधिकारियों ने पहले ही गणेश पंडालों के लिए चार फीट और घर में स्थापित होने वाले गणपति के  दो फीट की मूर्तियों की ऊंचाई तय कर दी है। इसके अलावा मूर्ति स्थापना वाले पंडाल का आकार 15x15 फिट से अधिक नहीं होनी चाहिए।