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Hindi News मिजोरम मिजोरम के गवर्नर ने जमकर सेलिब्रेट किया क्रिसमस, मिजो शैली की दावत का उठाया आनंद

मिजोरम के गवर्नर ने जमकर सेलिब्रेट किया क्रिसमस, मिजो शैली की दावत का उठाया आनंद

मिजोरम में क्रिसमस की पूर्व संध्या पर ही लोगों ने प्रेयर मीटिंग्स और ग्रुप सिंगिंग का आयोजन कर सेलिब्रेट करना शुरू कर दिया था।

Mizoram, Mizoram News, Mizoram Governor- India TV Hindi Image Source : TWITTER.COM/DIPR_MIZORAM क्रिसमस के अगले दिन मिजो शैली की दावत का लुत्फ उठाते गवर्नर डॉ. हरि बाबू कंभमपति।

आइजोल: मिजोरम के राज्यपाल डॉ. हरि बाबू कंभमपति ने अपने परिवार के सदस्यों के साथ मंगलवार की शाम जरकावत प्रेस्बिटेरियन चर्च में क्रिसमस फेस्टिवल का आनंद लिया। मिज़ो शैली की दावत, जो आमतौर पर राज्य भर में क्रिसमस के अगले दिन आयोजित की जाती है, उत्सव की एक पहचान है। इससे पहले मिजोरम में सोमवार को पारंपरिक तरीके से क्रिसमस का त्योहार मनाया गया था। विभिन्न समुदायों के गिरजाघरों ने क्रिसमस के अवसर पर विशेष प्रार्थना सभाओं और सामूहिक गायन ‘जैखौम’का आयोजन किया। गिरजाघरों में शाम को भी इसी प्रकार की प्रार्थना सभाओं का और रात को ‘जैखौम’ का आयोजन किया गया।

मिजोरम में रविवार से ही उत्सव का माहौल

बता दें कि क्रिसमस की पूर्व संध्या पर ही लोगों ने प्रेयर मीटिंग्स और ग्रुप सिंगिंग का आयोजन कर सेलिब्रेट करना शुरू कर दिया था। क्रिसमस के मौके पर सोमवार को भव्य कार्यक्रम आयोजित किए गए। इस दौरान चर्चों में प्रार्थना सभा, यीशु के जन्म पर उपदेश और ग्रुप सिंगिंग का आयोजन किया गया। अधिकतर गिरजाघरों ने क्रिसमस समारोह का अभिन्न अंग मानी जाने वाली सामुदायिक दावतों का आयोजन मंगलवार को किया। बता दें कि कुछ गिरजाघरों ने सोमवार को भी सामुदायिक दावतों का आयोजन किया गया था। राज्य सरकार ने शांतिपूर्ण और प्रदूषण मुक्त उत्सव सुनिश्चित करने के लिए आतिशबाजी पर प्रतिबंध लगा दिया था।

मिजोरम में 1871 में मना था पहला क्रिसमस

बता दें कि मिजोरम में 1994 में राज्य में ईसाई धर्म के आगमन की शताब्दी मनाई थी। इस राज्य में क्रिसमस धर्म और परंपराओं का मिश्रण है। धर्मांतरण कर चुके मिजो लोग जश्न मनाने के अंग्रेजी तरीके के बावजूद अपनी परंपराओं के हिसाब से ही क्रिसमस मनाते हैं। वैसे मिजोरम में क्रिसमस के मनाए जाने का इतिहास काफी दिलचस्प है। इतिहासकारों के अनुसार, मिजोरम की धरती पर पहली बार क्रिसमस का त्योहार 1871 में मिजो लोगों द्वारा नहीं, बल्कि मौजूदा मिजोरम-मणिपुर सीमा पर तुईवई नदी के पास आक्रमणकारी औपनिवेशिक ब्रिटिश सैनिकों के द्वारा मनाया था। इस जश्न के दौरान मिजो योद्धाओं ने ब्रिटिश सैनिकों पर हमला कर दिया था।