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मिजोरम के सांसद ने अमित शाह को लिखा पत्र, म्यांमार सीमा पर बाड़बंदी के गिनाए इतने नुकसान

मिजोरम से राज्यसभा के सांसद ने गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर म्यांमार सीमा पर हो रही बाड़बंदी के फैसले पर फिर से विचार करने का आग्रह किया है। इसके साथ ही उन्होंने ऐसा होने पर मिजोरम के लोगों को होने वाली परेशानियों के बारे में भी जानकारी दी है।

मिजोरम के सांसद के वनलालवेना ने गृह मंत्री अमित शाह को लिखा पत्र।- India TV Hindi Image Source : SOCIAL MEDIA मिजोरम के सांसद के वनलालवेना ने गृह मंत्री अमित शाह को लिखा पत्र।

आइजोल: मिजोरम से राज्यसभा सांसद के. वनलालवेना ने केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह को एक पत्र लिखा है। उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह लिखे पत्र के जरिए भारत-म्यांमार सीमा पर बाड़बंदी के फैसले पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया है। साथ ही उन्होंने कहा है कि केन्द्र सरकार के इस कदम से मीजो समुदाय के लोगों को मुश्किलें आएंगी। बता दें कि सांसद के. वनलालवेना ने अपने पत्र में कहा है कि गलती से किए गए सीमांकन को कभी ठीक नहीं किया गया, बल्कि इसे नई अंतरराष्ट्रीय सीमा के तौर पर थोप दिया गया। ये हमारे लोगों के साथ घोर अन्याय है।

दोनों तरफ के लोगों को होंगी मुश्किलें

बता दें कि राज्यसभा सांसद के. वनलालवेना ने गृह मंत्री अमित शाह को लिखे अपने पत्र में बाड़बंदी के कई नुकसान गिनाए हैं। अपने पत्र में सांसद ने कहा कि यह पता चला है कि ‘‘उस मुक्त आवागमन व्यवस्था को समाप्त करने का इरादा है, जिसके तहत लोग अंतरराष्ट्रीय सीमा के दोनों ओर 16 किलोमीटर अंदर तक जा सकते हैं।’’ उन्होंने कहा कि ‘‘अगर भारत-म्यांमार सीमा पर इस प्रकार की बाड़बंदी की जाती है तो हम 500 किलोमीटर से अधिक मत्स्य पालन क्षेत्र और कृषि भूमि खो देंगे।’’ सांसद ने कहा कि मुक्त आवागमन व्यवस्था को समाप्त करने से दोनों ओर के लोगों को मुश्किलें आएंगी। 

हमारे लोगों के साथ घोर अन्याय

राज्यसभा सांसद के. वनलालवेना ने अपने पत्र के जरिए आगे कहा है कि पड़ोसी देश के साथ वर्तमान अंतरराष्ट्रीय सीमा अंग्रेजों ने बिना किसी सर्वेक्षण के मनमाने तरीके से निर्धारित की थी। सांसद ने पत्र में कहा है कि ‘‘.... त्रुटिपूर्ण सीमांकन को कभी ठीक नहीं किया गया, बल्कि इसे हमारे ऊपर नयी अंतरराष्ट्रीय सीमा के तौर पर थोप दिया गया जो आज भी हमारे लोगों के साथ घोर अन्याय की तरह है।’’ उन्होंने कहा कि बाड़बंदी के फैसले से मीजो समुदाय के लोग स्तब्ध हैं। बता दें कि मिजोरम के मुख्यमंत्री लालदुहोमा पहले ही केन्द्र के इस फैसले पर आपत्ति जता चुके हैं।

(इनपुट- भाषा)

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