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BSE व NSE ने लघु, मझोले उद्यमों के लिए सालाना सूचीबद्धता शुल्क में की 25 प्रतिशत कटौती

बीएसई के एसएमई प्लेटफॉर्म पर 322 कंपनियां, जबकि एनएसई के एमर्ज मंच पर 209 कंपनियां सूचीबद्ध हैं।

BSE, NSE cut annual listing fee for SMEs by 25 percent - India TV Paisa Image Source : GOOGLE BSE, NSE cut annual listing fee for SMEs by 25 percent

नई दिल्ली। प्रमुख शेयर बाजार बीएसई और एनएसई ने सोमवार को अपने-अपने एसएमई मंचों पर सूचीबद्धता शुल्क 25 प्रतिशत कम करने के निर्णय लिया है। कोरोना वायरस महामारी के कारण लघु एवं मझोले उद्यमों के समक्ष आ रही चुनौतियों के बीच यह कदम उठाया गया है। सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों को राहत देने की वित्त मंत्री निर्मला सीतारममण की घोषणाओं के बाद इन बजारों ने शुल्क घटाया है।

बीएसई ने एक बयान में कहा कि नई दरें आगे सूचीबद्ध की जाने वाली कंपनियों पर भी लागू होंगी। बीएसई एसएमई एंड स्टार्टअप के प्रमुख अजय ठाकुर ने कहा कि फिलहाल भारत कोरोना वायरस महामारी के कारण बड़े संकट से गुजर रहा है। इस चुनौतीपूर्ण समय में हमारी एसएमई को मदद उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी है, जो हमारी अर्थव्यवस्था के आधार हैं।

उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि सरकार की साहसिक घोषणाओं के साथ इन उपायों से एसएमई को मदद मिलेगी और हजारों एसएमई सूचीबद्धता के लिए प्रोत्साहित होंगे। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) ने भी कहा कि वह एसएमई के समक्ष चुनौतीपूर्ण स्थिति को देखते हुए सालाना सूचीबद्धता शुल्क में 25 प्रतिशत की राहत देने का निर्णय किया गया है। यह राहत उन कंपनियों के लिए है, जो फिलहाल एक्सचेंज एमर्ज प्लेटफॉर्म पर सूचीबद्ध हैं।

बीएसई और एनएसई ने अपने-अपने एसएमई प्लेटफॉर्म 2012 में शुरू किए थे। इससे एसएमई को एक्सचेंज के जरिये कोष जुटाने, सूचीबद्ध होने और कारोबार करने में मदद मिली। बीएसई के एसएमई प्लेटफॉर्म पर 322 कंपनियां, जबकि एनएसई के एमर्ज मंच पर 209 कंपनियां सूचीबद्ध हैं। 

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