A
Hindi News पैसा बिज़नेस दो करोड़ रुपए तक की कमाई वाली कंपनियों को जीएसटी रिटर्न दाखिल करने में मिल सकती है छूट

दो करोड़ रुपए तक की कमाई वाली कंपनियों को जीएसटी रिटर्न दाखिल करने में मिल सकती है छूट

जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) परिषद दो करोड़ रुपए से कम कमाई करने वाले छोटे व्यवसायों को सालाना रिटर्न दाखिल करने से छूट देने के प्रस्ताव पर चर्चा के लिए तैयार है। वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि रिटर्न दाखिल करने की तिथि तीन बार बढ़ाए जाने के बावजूद अभी तक संतोषजनक संख्या में रिटर्न दाखिल नहीं हुए हैं।

GST return- India TV Paisa GST return

नई दिल्ली। जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) परिषद दो करोड़ रुपए से कम कमाई करने वाले छोटे व्यवसायों को सालाना रिटर्न दाखिल करने से छूट देने के प्रस्ताव पर चर्चा के लिए तैयार है। वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि रिटर्न दाखिल करने की तिथि तीन बार बढ़ाए जाने के बावजूद अभी तक संतोषजनक संख्या में रिटर्न दाखिल नहीं हुए हैं।

एक अधिकारी ने कहा, "अंतिम तिथि बढ़ाने के बावजूद 25-27 फीसदी ही रिटर्न दाखिल हुआ है। जीएसटी परिषद इस मुद्दे पर 20 सितंबर को होनेवाली बैठक में चर्चा करेगी।" उन्होंने आगे कहा कि परिषद यह तय करेगी कि अनिवार्य रिटर्न फाइलिंग आवश्यकता को केवल वित्त वर्ष 2017-18 के लिए या बाद के वित्तीय वर्षो के लिए भी निलंबित किया जाए।

उन्होंने कहा कि इस बार परिषद द्वारा विभिन्न संरचनात्मक मुद्दों पर विचार किया जाएगा। उन्होंने कहा, "एक विचार यह भी है कि सरकार को यह देखने के लिए 30 नवंबर तक इंतजार करना चाहिए कि रिटर्न फाइलिंग की संख्या बढ़ती है या नहीं।" आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, कुल 1.39 करोड़ करदाता में से करीब 85 फीसदी का सालाना कारोबार 2 करोड़ रुपये या उससे कम है।

कर विशेषज्ञों का कहना है कि छोटे करदाताओं को सालाना रिटर्न दाखिल करने से राहत देने के प्रस्तावित कदम से अनुपालन बोझ कम होगा और कर अधिकारियों को बड़े करदाताओं पर ध्यान केंद्रित करने में मदद मिलेगी। धुव्र एडवाइजर्स के पार्टनर (इनडायरेक्ट टैक्स प्रैक्टिस) अमित भागवत ने कहा, "शायद पुनर्विचार की आवश्यकता है। एक विचार है कि छोटे करदाताओं पर अनुपालन का बोझ क्यों डाला जाए, क्योंकि प्रणाली भी बहुत मजबूत नहीं है।"

डेलोइट इंडिया के पार्टनर एम. एस. मनी का कहना है कि जीएसटी के क्रियान्वयन के दौरान ज्यादा छोटे व्यवसायियों और कारोबारियों को जीएसटी के अनुपालन में परेशानी का सामना करना पड़ा था। अगर उन्हें राहत दी जाती है तो सूक्ष्य, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) को बड़ी राहत मिलेगी।

Latest Business News