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Hindi News पंजाब कांग्रेस और AAP मिलकर लड़ेगी चंडीगढ़ मेयर का चुनाव! लोकसभा सीट पर भी समझौते की खबर

कांग्रेस और AAP मिलकर लड़ेगी चंडीगढ़ मेयर का चुनाव! लोकसभा सीट पर भी समझौते की खबर

चंडीगढ़ में मेयर पद के लिए चुनाव का आयोजन 18 जनवरी को किया जाएगा। कांग्रेस और आम आदमी पार्टी I.N.D.I.A अलायंस के तहत एकजुट होकर चंडीगढ़ मेयर चुनाव में उतरने की तैयारी में है।

कांग्रेस-AAP एक साथ।- India TV Hindi Image Source : ANI कांग्रेस-AAP एक साथ।

18 जनवरी को होने वाले चंडीगढ़ मेयर चुनाव में कांग्रेस और AAP I.N.D.I.A अलायंस के तहत मिलकर मैदान में उतर सकती है। सूत्रों की मानें तो कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने आगामी लोकसभा चुनाव के लिए भी चंडीगढ़ सीट पर समझौता कर लिया है। बता दें कि चंडीगढ़ में हर साल मेयर चुना जाता है और यहां के वर्तमान मेयर भाजपा के अनूप गुप्ता हैं जिनका कार्यकाल 17 जनवरी को समाप्त होने जा रहा है। 

क्या होगा फॉर्मूला?

अब तक मिली जानकारी के मुताबिक, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी I.N.D.I.A अलायंस के तहत एकजुट होकर चंडीगढ़ मेयर चुनाव में उतरने की तैयारी में है। सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस के लिए आम आदमी पार्टी सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के पद छोड़ सकती है। वहीं, चंडीगढ़ की एक मात्र लोकसभा सीट पर आम आदमी पार्टी कांग्रेस को समर्थन देगी। 

18 को मेयर पद के लिए चुनाव

चंडीगढ़ में मेयर पद के लिए चुनाव का आयोजन 18 जनवरी को किया जाएगा। इसके लिए 13 जनवरी तक नामांकन दाखिल हुए थे। बता दें कि शहर के मेयर समेत नियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर का पद एक साल की अवधि के लिए होता है। वर्तमान में भाजपा के अनूप गुप्ता यहां पर मेयर हैं जिनका कार्यकाल 17 जनवरी को समाप्त होने जा रहा है। 

समझें मेयर चुनाव का गणित

चंडीगढ़ मेयर चुनाव में कुल 35 पार्षद वोटिंग करेंगे। वर्तमान में भाजपा के पास 14 पार्षद और एक सांसद का भी वोट है। वहीं, आम आदमी पार्टी के पास 13 पार्षद हैं और कांग्रेस के पास 7 पार्षद हैं। वहीं, 1 पार्षद अकाली के पास है। बहुमत के लिए 18 वोट चाहिए जिनमें सबसे ज्यादा भाजपा के पास 15 वोट हैं। हालांकि, अगर आम आदमी पार्टी और कांग्रेस साथ आती है तो उनके पास में कुल 20 वोट हो जाएंगे।

AAP को टूट का डर

बीते बुधवार को चंडीगढ़ के आम आदमी पार्टी के पार्षद लखबीर सिंह बिल्लू ने AAP को छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया था। ऐसे में AAP को डर सता रहा है कि पार्टी के और भी पार्षद टूट सकते हैं। इसके साथ ही पार्टी को कांग्रेस के 6 पार्षदों के साथ आने की उम्मीद भी है। इसलिए पार्टी ने अपने पार्षदों को पंजाब शिफ्ट कर दिया है।