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Hindi News पंजाब Video: पंजाब विधानसभा में भगवंत मान और बाजवा में तीखी बहस, स्पीकर को ताला देकर कहा विपक्ष भागने न पाए

Video: पंजाब विधानसभा में भगवंत मान और बाजवा में तीखी बहस, स्पीकर को ताला देकर कहा विपक्ष भागने न पाए

विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा और सीएम भगवंत मान के बीच तीखी बहस हुई। इसका वीडियो भी सामने आया है।

सीएम भगवंत मान की नेता प्रतिपक्ष से तीखी बहस- India TV Hindi Image Source : ANI सीएम भगवंत मान की नेता प्रतिपक्ष से तीखी बहस

चंडीगढ़: पंजाब विधानसभा में मुख्यमंत्री भगवंत मान का सोमवार को बेहद गुस्से में देखे गए। वह विपक्ष पर इतना भड़क गए कि स्पीकर को चेयर से उठकर मामला शांत करवाना पड़ा।  दरअसल, बजट सत्र के दौरान राज्यपाल के अभिभाषण में बांधा पहुंचाने वाले नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस विधायकों पर भगवंत मान गुस्से से लाल हो गए। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा और सीएम भगवंत मान के बीच तीखी बहस हुई। 

सीएम ने स्पीकर को ताला दिया और कहा विपक्ष भागने न पाए

भगवंत मान ने स्पीकर को एक छोटा ताला भेंट किया और कहा कि ताला और चाबियां सदन के दरवाजे पर रखा जाना चाहिए ताकि विपक्ष बाहर न जा सके और यहां बैठकर सच्चाई सुन सके। उन्होंने कहा कि राज्यपाल का भाषण भी पूरा नहीं होने दिया गया क्योंकि वह सच बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि विपक्ष बहाने बनाकर भागने की कोशिश करेगा, लेकिन उन्हें भागने नहीं देना है। इससे विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा नाराज हो गए। 

 

बाजवा और मान में तीखी बहस

सीएम भगवंत मान ने कहा कि वह एक और ताला देंगे, ताकि वह भी उनके (बाजवा के) मुंह पर लगाया जा सके। इससे दोनों नेताओं के बीच तीखी बहस शुरू हो गई। भगवंत मान ने कहा, 'चुप रहो वरना बात सोने के बिस्किट की तस्करी तक पहुंच जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि जब मैं गुरु अमर दास जी की बात करता हूं तो लोग उनके खिलाफ नारे लगा रहे हैं। उन्हें नर्क में भी जगह नहीं मिलेगी। उन्होंने सुखपाल खैरा पर टिप्पणी करते हुए कहा कि मैंने पहले ही अपने गांव को उनसे मुक्त करा लिया है। मान ने कांग्रेस को सलाह देते हुए कहा कि आप भी इससे छुटकारा पा लीजिए, नहीं तो यह आपको साफ कर देगा।

बाजवा को दिया चैलेंज

बाजवा पर निशाना साधते हुए सीएम ने कहा कि कभी-कभी उन लोगों की जिंदगी एक या दो दिन की ही रह जाती है। मैं यह नहीं कह रहा कि बाजवा साहब का जीवन छोटा है। अगर वे चाहें तो मैं उन्हें आधे घंटे के लिए अपनी कुर्सी पर बैठने दूंगा ताकि उन्हें कम से कम मुख्यमंत्री बनने का अहसास हो सके।