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Hindi News पंजाब केंद्र मांगें माने, केजरीवाल-मान डबल क्रॉसिंग करें बंद, किसानों के समर्थन में आए सुखबीर सिंह बादल

केंद्र मांगें माने, केजरीवाल-मान डबल क्रॉसिंग करें बंद, किसानों के समर्थन में आए सुखबीर सिंह बादल

शिअद प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने 'दिल्ली चलो' मार्च पर निकले किसानों को समर्थन दिया। उन्होंने केंद्र सरकार से किसानों की मांग को मानने की अपील की। इसके साथ ही उन्होंने अरविंद केजरीवाल और भगवंत मान को किसानों के लिए किए उनके वादे को याद दिलाया।

शिअद प्रमुख सुखबीर सिंह बादल- India TV Hindi Image Source : PTI शिअद प्रमुख सुखबीर सिंह बादल

शिरोमणि अकाली दल (शिअद) प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने 'दिल्ली चलो' मार्च पर निकले किसानों को समर्थन दिया और केंद्र सरकार से उनकी मांगों को पूरा करने की अपील की। शिअद प्रमुख ने आम आदमी पार्टी (AAP) प्रमुख अरविंद केजरीवाल और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान से गेहूं और धान समेत 17 फसलों पर MSP देने की भी अपील की, जैसा कि उन्होंने किसानों से पहले वादा किया था। उन्होंने कहा कि मैं भारत सरकार से किसानों से की गई सभी प्रतिबद्धताओं को तुरंत पूरा करने की अपील करता हूं। हम यह भी मांग करते हैं कि अरविंद केजरीवाल और भगवंत मान को गेहूं और धान सहित 17 फसलों पर एमएसपी देने के अपने किए वादे का सम्मान करना चाहिए।

समाधान बातचीत के जरिए हो

उन्होंने आगे कहा कि केजरीवाल और मान को किसानों से डबल क्रॉसिंग बंद करनी चाहिए जैसा कि उन्होंने पिछले आंदोलन के दौरान किया था। उन्होंने कहा कि हम केंद्र और पंजाब सरकार से आग्रह करते हैं कि किसानों की उचित मांगों का शांतिपूर्ण समाधान बातचीत के जरिए निकाला जाए, न कि दमन के जरिए। उन्होंने आगे कहा कि उनकी पार्टी हमेशा से किसानों के समर्थन में रही है। बादल ने कहा, "शिरोमणि अकाली दल किसानों के अधिकारों का एकमात्र और लंबे समय से चैंपियन है और हमेशा उनके साथ खड़ा रहा है। पार्टी शांतिपूर्ण लोकतांत्रिक विरोध के उनके अधिकार का पूरी तरह से समर्थन करती है। शिअद सरकार ने कृषि क्षेत्र के लिए मुफ्त बिजली और कई अन्य उपायों सहित अभूतपूर्व सुविधाएं लागू की हैं।

Image Source : PTIपंजाब-हरियाणा शंभू बॉर्डर पर प्रदर्शनकारी किसान

किसानों की मांगों की फेहरिस्त

इससे पहले दिन में किसानों का विरोध तब हिंसक हो गया जब पुलिस ने दिल्ली की ओर मार्च करते समय हरियाणा और पंजाब के बीच शंभू सीमा पर किसानों पर आंसू गैस के गोले छोड़े। किसान 23 फसलों के लिए एमएसपी (MSP) की गारंटी, अपने कर्ज की माफी और 2020-21 के किसान आंदोलन के दौरान उनके खिलाफ दर्ज मामलों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। किसानों ने बिजली संशोधन विधेयक 2020 को रद्द करने का भी आग्रह किया है और भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 को फिर से लागू करने, किसानों की सहमति सुनिश्चित करने और कलेक्टर दर से चार गुना मुआवजा देने की मांग कर रहे हैं। इसके अलावा वे लखीमपुर खीरी हत्याओं में शामिल लोगों को दंडित करने की मांग कर रहे हैं।

किसानों की ओर से खेती से जोड़ते हुए महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम, 2005 (मनरेगा) के तहत प्रति वर्ष 200 दिन का रोजगार और 700 रुपये दैनिक मजदूरी देने की अपील भी की गई है। साथ ही 2021 में विरोध प्रदर्शन के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों को मुआवजा और परिवार के किसी सदस्य को नौकरी देने की भी मांग की गई है। मार्च को रोकने के लिए केंद्र ने किसान नेताओं के साथ दो दौर की बैठकें की, लेकिन बनतीज रही। बता दें कि इससे पहले किसानों ने दिल्ली की सीमाओं पर एक साल तक आंदोलन चलाया, जो तीन कृषि कानूनों के रद्दे होने के बाद ही समाप्त हुआ था।

किसानों पर आंसू गैस का इस्तेमाल

पुलिस ने मंगलवार देर रात हरियाणा-पंजाब शंभू सीमा पर प्रदर्शनकारी किसानों को तितर-बितर करने के लिए फिर से आंसू गैस का इस्तेमाल किया। इससे पहले सुबह में शंभू सीमा पर अराजक दृश्य देखने को मिला, पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में प्रवेश करने से रोकने की कोशिश की। किसान सड़क के किनारे पास के खेत की ओर भागते दिखे, क्योंकि पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस और पानी की बौछारें कीं। पुलिस ने सीमा के कई हिस्सों पर कंक्रीट स्लैब, लोहे की कीलें, बैरिकेड्स, कंटीले तार, पुलिस और अर्धसैनिक बल के जवानों को तैनात किया है।