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Hindi News राजस्थान अशोक गहलोत ने कहा, बीजेपी वाले जरूरत पड़ने पर गांधी जी की तरह नेहरू को भी अपना लेंगे

अशोक गहलोत ने कहा, बीजेपी वाले जरूरत पड़ने पर गांधी जी की तरह नेहरू को भी अपना लेंगे

राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि देश के अंदर जो कुछ तमाश हो रहा है.इनको अहसास नहीं कि वास्तव में जनता समझती भी है और समय आने पर वो जवाब देती भी है। 

Ashok Gehlot, Ashok Gehlot BJP, Ashok Gehlot BJP Gandhi, Ashok Gehlot BJP Nehru- India TV Hindi Image Source : PTI राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर निशाना साधा है।

जयपुर: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर निशाना साधते हुए कहा कि जब इन्हें जरूरत पड़ेगी तो गांधीजी की तरह पंडित नेहरू को भी अपना लेंगे। हनुमानगढ़ में गांधी जी की प्रतिमा के अनावरण समारोह को संबोधित करते हुए गहलोत ने मंगलवार को कहा, ‘अब जब भाजपा और आरएसएस ने गांधी जी को अपना लिया है, सरदार पटेल को अपना लिया है, सबको अपनाते जा रहे हैं और कोई वक्त आयेगा की कि वे पंडित नेहरू को भी अपना लेंगे।’ उन्होंने कहा कि 10-20 साल बाद जरूरत पड़ने पर हो सकता है कि वे नेहरू को भी अपना लें।

‘लोग फोन पर बात करने से डरते हैं’
मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा,‘गांधी आज भी प्रासंगिक हैं, वह उस वक्त भी थे, लेकिन उससे ज्यादा प्रासंगिक आज हैं। जिस प्रकार के देश के अंदर हालात बन गए है मैं शब्दों में व्यक्त नहीं कर सकता हूं। लोग फोन पर बात करने से डरते हैं, और कहते हैं कि फेसटाइम पर या व्हाट्सएप पर बात करो।’ मुख्यमंत्री ने केन्द्र सरकार पर जांच एजेंसियो के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए कहा, ‘सरकारें गिराने के लिए, सरकारें बनाने के लिए, बदला लेने के लिए प्रर्वतन निदेशालय, CBI, आयकर विभाग का दुरुपयोग हो रहा है।’ गहलोत ने कहा कि चुनाव के 4 दिन पहले नेताओं के परिवारों पर छापे पड़ रहे हैं।

‘जनता समय आने पर जवाब देती है’
सीएम गहलोत ने कहा, ‘देश के अंदर जो कुछ तमाश हो रहा है.इनको अहसास नहीं कि वास्तव में जनता समझती भी है और समय आने पर वो जवाब देती भी है। युवा पीढ़ी को गांधीजी के जीवन मूल्यों, सिद्धांतों और आदर्शों को अपनाकर समाज और देशहित में रचनात्मक भूमिका निभानी चाहिए। इसके लिए प्रदेश में युवा शांति सेना बनाने जैसे नवाचार किए जा सकते हैं ताकि अधिक से अधिक युवाओं को गांधीजी के जीवन दर्शन से जोड़ा जा सके।’