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राजस्थान में कोरोना वायरस संक्रमण के 3886 नये मामले, 107 और लोगों की मौत

राजस्थान में बुधवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 3886 नये मामले सामने आये हैं वहीं इस घातक संक्रमण से 107 और लोगों की मौत हो गई। चिकित्सा विभाग की ओर से बुधवार शाम को जारी आंकड़ों के अनुसार बीते चौबीस घंटे में राज्य में कोरोना वायरस संक्रमण के 3886 नये मामले आये।

COVID-19: 107 more deaths, 3,886 new cases reported in Rajasthan- India TV Hindi Image Source : PTI राजस्थान में बुधवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 3886 नये मामले सामने आये हैं।

जयपुर: राजस्थान में बुधवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 3886 नये मामले सामने आये हैं वहीं इस घातक संक्रमण से 107 और लोगों की मौत हो गई। चिकित्सा विभाग की ओर से बुधवार शाम को जारी आंकड़ों के अनुसार बीते चौबीस घंटे में राज्य में कोरोना वायरस संक्रमण के 3886 नये मामले आये। नये मामलों में राजधानी जयपुर में 779, जोधपुर में 340, अलवर में 284, हनुमानगढ में 202,गंगानगर-उदयपुर में 201-201, पाली में 151, सीकर में 145, कोटा में 136, बीकानेर में 133 नये मामले शामिल है। 

आंकड़ों के अनुसार राज्य में कोरोना संक्रमण से ठीक होने वाले मरीजों की संख्या में वृद्धि होने से उपचाराधीन मरीजों की संख्या में कमी आयी है। इसके अनुसार इस दौरान राज्य में 13,192 लोगों के ठीक हुए जिससे राज्य में अब तक 8,41,602 लोग इस संक्रमण से ठीक हो चुके है। अब राज्य में 78,126 कोरोना संक्रमित मरीज उपचाराधीन है। 

इस बीच भाजपा ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर निशाना साधते हुए कहा कि वह आए दिन केन्द्र सरकार पर तथ्यहीन व झूठे आरोप लगा रहे हैं और बच्चों में कोरोना वायरस संक्रमण फैलने की आशंका भरे बयान देकर भय का माहौल बना रहे हैं। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतीश पूनियां ने ट्वीट किया, ''हम बच्चों को बचा नहीं पाएंगे'' यह कहकर मुख्यमंत्री न केवल अपने गैर जिम्मेदार होने का प्रमाण दे रहे हैं, बल्कि राज्य में भय का माहौल पैदा कर रहे हैं।'' 

पूनियां ने कहा कि देशभर के डॉक्टर, बच्चों में संक्रमण के घातक न होने की बात कह रहे हैं और राजस्थान की जनता अपेक्षा करती है कि तीसरी लहर आए ही नहीं तथा यदि आ भी जाए तो मुख्यमंत्री बताएं कि उन्होंने क्या तैयारी है? भाजपा नेता ने कहा कि यदि भरोसेमंद सेनापति की तरह मुख्यमंत्री लोगों को भरोसा दिलाते कि स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत किया जाएगा तो इससे लोगों का मनोबल बढ़ता, लेकिन मुख्यमंत्री के बयानों से लगता है कि वह कोरोना प्रबंधन एवं शासन करने की इच्छाशक्ति खो चुके हैं। 

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