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राजस्थान में ईडी की कार्रवाई, खान कारोबारियों के ठिकानों पर की गई छापेमारी

राजस्थान में ईडी ने बड़ी कार्रवाई की है। ईडी ने राज्य के कई हिस्सों में छापेमारी को अंजाम दिया है। इस छापेमारी ने कारोबारियों में हड़कंप मच गया है।

राजस्थान कई हिस्सों...- India TV Hindi Image Source : FILE राजस्थान कई हिस्सों में ईडी ने छापेमारी की

जयपुर: राजस्थान से एक बड़ी खबर सामने आ रही है। राज्य के कई जिलों में ईडी ने छापेमारी की है। ईडी ने बजरी माफिया मेघराज सिंह के कई ठिकानों पर कार्रवाई की है। ये मामला पॉलिटिकल फंडिंग से जुड़ा हुआ है। ईडी ने खान कारोबारियों के ठिकानों पर छापेमारी की है। जानकारी के मुताबिक, ईडी की कई टीमों ने जयपुर ,उदयपुर सहित अन्य ठिकानों पर छापेमारी की है। इसके अलावा ईडी ने टोंक, सवैमधोपुर ऑफिस और साइट पर रेड की है।

इन कारोबारियों पर हुई कार्रवाई

जानकारी के मुताबिक, आज तड़के मेघराज ग्रुप और गडानी ग्रुप पर कार्रवाई की है। जयपुर में 200 फीट बाईपास के पास ऑफिस, वैशाली नगर स्थित मेघराज आवास, पानीपेच चौराहे के पास बजरी ऑफिस पर रेड की गई है। वहीं, टोंक, भरतपुर, सवाई माधोपुर की साइट पर भी ईडी की टीमों ने छापा मारा है। साथ ही उदयपुर में भी 3 जगहों पर सर्च अभियान चल रहा है। ईडी की इस कार्रवाई से कारोबारियों में हड़कंप मच गया है। बता दें कि साल 2020 राजनीतिक संकट के समय मेघराज के जैसलमेर स्थित सूर्यगढ़ होटल में कांग्रेस नेताओं को ठहराया गया था। 

छापेमारी के दौरान मेघराज सिंह नहीं मिले

मिली जानकारी के मुताबिक, ईडी की छापेमारी के दौरान मेघराज सिंह नहीं मिले। हालांकि ईडी के अधिकारियों ने उन्हें परिवार से बुलाने को कहा है। पर अभी तक वे ईडी के सामने नहीं आए हैं। मिली जानकारी के मुताबिक, ईडी के पास जानकारी है कि ये लोग खान विभाग के अधिकारियों को कैश में रिश्वत दिया करते थे। किसी भी प्रकार का रिश्वत का पेमेंट ऑनलाइन नहीं होता था। ग्रुप के कुछ लोग खान विभाग में संविदा पर काम कर रहे हैं। जो विभाग की सभी गतिविधियों के बारे में समय-समय पर ग्रुप को अपडेट किया करते थे। नदी से बजरी कितनी उठ रही है, खनन विभाग के अधिकारियों से मिली भगत कर इसकी जानकारी में गड़बड़ी की जा रही थी। कुल 1500 करोड़ की गड़बड़ी का अनुमान है। साथ ही ईडी को सूचना मिली है कि जो भी इनके पास लीज है। वह इन लोगों ने सरकार से कम दामों में अपनी फर्म के नाम करवा ली थी। इसके आधार पर सरकार को भी करोड़ों का नुकसान हुआ था, लेकिन इनकी कम्पनी को बड़ा फायदा हुआ था।

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