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राजस्थान के इकबाल सक्का की बनाई स्वर्ण पादुका पहनेंगे अयोध्या में भगवान श्रीराम, इतनी बारीक कि विश्व रिकॉर्ड हुआ दर्ज

राजस्थान के उदयपुर के अं​तराष्ट्रीय शिल्पकार इकबाल सक्का ने अयोध्या के राम लला के लिए खास तरह की स्वर्ण चरण पादुकाएं बनाई हैं, जिन्हें अयोध्या भेजा जाएगा। ये इतनी सूक्ष्म हैं कि इनके नाम विश्व रिकॉर्ड भी दर्ज हो गया।

Ayodhya- India TV Hindi Image Source : INDIA TV अं​तराष्ट्रीय शिल्पकार इकबाल सक्का ने बनाई सूक्ष्म पादुका

उदयपुर: अयोध्या में श्री राम की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर पूरे देश से हर कोई कुछ ना कुछ योगदान दे रहा है। इसी क्रम में सूक्ष्म वस्तुओं में कई रिकॉर्ड अपने नाम कर चुके राजस्थान के उदयपुर जिले के रहने वाले अं​तराष्ट्रीय शिल्पकार इकबाल सक्का पीछे नहीं हैं। इकबाल सक्का ने अयोध्या में बन रहे राम मंदिर में स्थापित की जाने वाली रामलला की प्रतिमा के लिए खास तरह की चरण पादुकाएं बनाई हैं, जिन्हें अयोध्या भेजा जाएगा। बता दें कि अयोध्या में श्रीराम मंदिर का निर्माण अंतिम दौर में है और 22 जनवरी को पीएम मोदी प्राण प्रतिष्ठा करेंगे। 

मस्जिद के लिए भी बनाई सोने की ईंट और कुरान शरीफ

रामलला जल्द ही अपने भव्य मंदिर में विराजमान होंगे। इसी खुशी में इकबाल सक्का ने अयोध्या में बनने वाले राम मंदिर और मस्जिद के लिए खास स्वर्ण शिल्प तैयार किए हैं। वे इन्हें मंदिर और मस्जिद के लिए भेंट करेंगे। शिल्पकार सक्का ने श्रीराम मंदिर के लिए सोने की विशेष कलाकृतियां बनाई हैं। इनमें मुख्य रूप से सोने की ईंट शामिल है। जिस पर उन्होंने राम लिखा है। इतना ही नहीं शिल्पकार सक्का ने अयोध्या में बन रही मस्जिद के लिए भी सोने की ईंट, वजू के लिए जग और कुरान शरीफ तैयार की हैं। 

राम मंदिर और बाबरी मस्जिद ट्रस्ट को लिखा पत्र

इसे बनाने में करीब 200 मिली ग्राम सोने का इस्तेमाल किया गया है। सक्का ने बताया कि उन्होंने दोनों कलाकृतियों के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राम मंदिर और बाबरी मस्जिद ट्रस्ट को पत्र लिखकर इन कलाकृतियों को मंदिर और मस्जिद में सुशोभित करने की मांग की है। स्वीकृति मिलने के बाद इन सूक्ष्म कलाकृतियों को वहां के लिए भेंट कर देंगे।

विश्व रिकॉर्ड में दर्ज हुए चरण पादुका और कुरान शरीफ

अंतराष्ट्रीय शिल्पकार इकबाल सक्का ने बताया कि उन्होंने इसके साथ ही एक बेहद सूक्ष्म तिरंगा भी बनाया है, जिससे देश की एकता का संदेश दिया जा सके। उन्होंने बताया कि सभी कलाकृतियां इतनी बारीक हैं कि उन्हें ठीक से देखने के लिए आपको लेंस का इस्तेमाल करना पड़ेगा और इसकी साइज भी 1mm, 2mm है। दोनों का वजन भी 200 मिली ग्राम है। इसलिए ये बहुत हल्की भी हैं और सबसे छोटी भी हैं। सक्का ने बताया कि ये झंडा, चरण पादुका और वजू का लोटा और कुरान शरीफ विश्व रिकॉर्ड में दर्ज हो चुके हैं।

(रिपोर्ट- भगवान प्रजापत)

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