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Hindi News राजस्थान हनुमान बेनीवाल ने लोकसभा सदस्यता से दिया इस्तीफा, अब राजस्थान की विधानसभा में आएंगे नजर

हनुमान बेनीवाल ने लोकसभा सदस्यता से दिया इस्तीफा, अब राजस्थान की विधानसभा में आएंगे नजर

हनुमाल बेनीवाल की पार्टी आरएलपी ने राजस्थान विधानसभा चुनाव में आजाद समाज पार्टी के साथ गठबंधन किया था। दोनों पार्टियों ने 77 सीटों पर मिलकर प्रत्याशी उतारे थे। लेकिन, इनमें से सिर्फ हनुमाल बेनीवाल ही जीत दर्ज कर सके थे।

हनुमान बेनीवाल ने लोकसभा सदस्यता से दिया इस्तीफा - India TV Hindi Image Source : TWITTER हनुमान बेनीवाल ने लोकसभा सदस्यता से दिया इस्तीफा

नई दिल्ली: पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों में कई सांसदों ने चुनाव लड़ा। इसमें कुछ सांसद सत्ता पक्ष यानि भारतीय जनता पार्टी के थे तो कुछ विपक्षी दलों के। इन सांसदों में से कई चुनाव जीत गए। इसके बाद इन्होने अपनी संसद सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। अब राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के प्रमुख और नागौर से सांसद हनुमान बेनीवाल ने भी इस्तीफा दे दिया है।

शुक्रवार को ही सौंपा था इस्तीफा पत्र 

हालांकि उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को अपना इस्तीफा शुक्रवार शाम को ही सौंप दिया था। लेकिन शनिवार और रविवार को अवकाश की वजह से इसे लेकर आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई थी। आज सोमवार सुबह जब लोकसभा की कार्रवाई शुरू हुई तब स्पीकर ने इसकी घोषणा की। बता दें कि राजस्थान विधानसभा चुनावों के दौरान हमुमान बेनीवाल ने खींवसर विधानसभा सीट से चुनाव जीतकर विधायक बने थे।

दर्शक दीर्घा से कूदने वाले आरोपी को बेनीवाल ने ही पकड़ा था 

वहीं इससे पहले बुधवार 13 दिसंबर को लोकसभा में दर्शक दीर्घा से कूदे युवक को भी हनुमान बेनीवाल ने पकड़ लिया था। इसके बाद कई सांसदों ने मिलकर उसकी पिटाई की थी। इसका एक वीडियो भी वायरल हुआ था। इसके बाद कई नेताओं ने बेनीवाल की तारीफ़ भी की थी। इसके बाद जानकारी सामने आई थी कि वह उस दिन अपना इस्तीफा देने ही लोकसभा आए थे, लेकिन इस घटना के बाद वह इस्तीफा नहीं दे पाए थे।

इस घटना पर राजनीति ना की जाए- ओम बिरला 

वहीं इससे पहले संसद की सुरक्षा में हुई चूक पर लोकसभा स्पीकर ने बयान दिया। ओम बिरला ने कहा कि इस दुर्घटना के बाद कुछ लोग राजनीति कर रहे हैं। लोकसभा अध्यक्ष के रूप में मैं अपील करूंगा कि इस घटना पर राजनीति ना की जाए। उन्होंने कहा कि पिछले दिनों सांसदों के निलंबन का इस घटना से कोई संबंध नहीं है। उनका निलंबन संसद की गरिमा बनाए रखने के लिए हुआ था। लोकसभा स्पीकर ने कहा कि पूर्व में भी कुछ ऐसी घटनाएं हुई थीं और उस समय भी इन्हें रोकने के लिए कई प्रयास किए गए थे। लेकिन इस बार सुरक्षा में चूक हुई है। अब सुरक्षा को और भी मजबूत किया जाएगा।