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Hindi News राजस्थान "मम्मी, पापा मैं जेईई नहीं कर सकती, इसलिए..., तैयारी कर रही लड़की ने भावुक नोट लिख दी अपनी जान

"मम्मी, पापा मैं जेईई नहीं कर सकती, इसलिए..., तैयारी कर रही लड़की ने भावुक नोट लिख दी अपनी जान

कोटा में एक और सुसाइड की घटना सामने आई है। ये घटना ऐसे समय में हुई जब आज पीएम छात्रों को परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम कर परीक्षा के तनाव को कम करने को लेकर टिप्स दे रहे थे।

kota- India TV Hindi Image Source : FREEPIK कोटा में लड़की ने भावुक नोट लिख दी अपनी जान

कोटा: जिले से एक और सुसाइड की घटना सामने आ रही है। यहां जेईई की तैयारी कर रही एक 18 वर्षीय छात्रा ने आज सोमवार को अपने घर पर कथित तौर पर फांसी लगा ली, और अपने पीछे एक सुसाइड नोट भी छोड़ा, जिसमें उसने अपने माता-पिता से माफी मांगी है और खुद को "हारा हुआ" कहा है। पुलिस के मुताबिक,लड़की का नाम निहारिका सिंह है। उसने अंग्रेजी में लिखे नोट में कहा गया है, "मम्मी, पापा मैं जेईई नहीं कर सकती, इसलिए मैं आत्महत्या कर रही हूं।"

लिखा भावुक करने वाला नोट

जानकारी दे दें कि मृतका को एक-दो दिन में JEE का टेस्ट देना था। निहारिका सिंह के कमरे से मिले नोट में लिखा है, "मैं हारी हुई हूं। मैं सबसे खराब बेटी हूं। सॉरी मम्मी पापा... यही आखिरी विकल्प है।" बता दें कि हफ्ते से भी कम समय में कोटा में यह दूसरी आत्महत्या है। जानकारी दे दें कि ये घटना ऐसे समय में हुई है जब आज ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने स्कूल बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों के साथ अपनी सालाना कार्यक्रम में बातचीत की, और उनसे और उनके माता-पिता से कंपटीशन को अपने पास न आने देने के लिए कहा।

Image Source : Xसुसाइड नोट

काफी तनाव में थी लड़की

मामले को लेकर सर्कल अधिकारी डीएसपी धर्मवीर सिंह ने कहा कि निहारिका शहर के बोरखेड़ा पुलिस स्टेशन क्षेत्र में शिव विहार कॉलोनी में अपने परिवार के साथ घर पर रहती थी और उसे 30 या 31 जनवरी को जेईई परीक्षा देनी थी। सुसाइड नोट से पता चलता है कि वह पढ़ाई को लेकर काफी तनाव में थी। अधिकारी ने कहा, छात्रा तीन बहनों में सबसे बड़ी थी। उन्होंने कहा, उसके पिता कोटा में एक निजी बैंक में सुरक्षा गार्ड हैं। परिवार झालावाड़ जिले के अकावदाखुर्द गांव का रहने वाला है और पिछले तीन साल से शहर में रह रहा है।

दादी ने मचाया शोर

वहीं लड़की चचेरे भाई ने कहा कि निहारिका आगामी जेईई परीक्षा को लेकर काफी तनाव में थी। वहीं, अन्य रिश्तेदारों ने कहा, उसे 12वीं कक्षा की परीक्षा दोबारा देनी पड़ी क्योंकि उसे कम नंबर मिले थे। हालाँकि, वह पढ़ाई में अच्छी थी और हर दिन 7 या 8 घंटे पढ़ाई में लगाती थी। पुलिस के मुताबकि, सुबह करीब 10 बजे निहारिका की दादी ने उसके कमरे का दरवाजा खटखटाया। जब कोई प्रतिक्रिया नहीं हुई तो उसने शोर मचाया। परिवार ने उसे दरवाजे के ऊपर वेंटिलेशन खिड़की से लटका हुआ पाया।

पिछले साल सबसे ज्यादा छात्रों ने की थी सुसाइड

जानकारी दे दें कि पिछले साल कोटा में 26 छात्रों ने कथित तौर पर सुसाइड कर ली थी, जहां देश भर से बच्चे शीर्ष इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्रवेश के लिए जेईई जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए आते हैं।

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