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Hindi News राजस्थान सिद्धू के बाद क्या सचिन की बारी? पंजाब फार्मूले के बाद पायलट गुट का उत्साह चरम पर

सिद्धू के बाद क्या सचिन की बारी? पंजाब फार्मूले के बाद पायलट गुट का उत्साह चरम पर

पंजाब कांग्रेस का मसला सुलझने के बाद राजस्थान कांग्रेस की कलह के सुलझने के आसार भी दिखने लगे हैं। पंजाब में आलाकमान के सख्त फैसले के बाद राजस्थान में अब सियासी हलचल तेज हो गई है। पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट गुट के विधायकों का उत्साह चरम पर है।

Punjab Done, Rajasthan Next? Hope of Sachin Pilot group on a high- India TV Hindi Image Source : INDIA TV पंजाब कांग्रेस का मसला सुलझने के बाद राजस्थान कांग्रेस की कलह के सुलझने के आसार भी दिखने लगे हैं।

जयपुर: पंजाब कांग्रेस का मसला सुलझने के बाद राजस्थान कांग्रेस की कलह के सुलझने के आसार भी दिखने लगे हैं। पंजाब में आलाकमान के सख्त फैसले के बाद राजस्थान में अब सियासी हलचल तेज हो गई है। पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट गुट के विधायकों का उत्साह चरम पर है तो वहीं गहलोत गुट भी दबाव में नजर आ रहा है। अजय माकन के ट्वीट के बाद सचिन समर्थक भारी जोश में हैं और माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में राजस्थान में भी चल रहे सियासी घमासान का पटाक्षेप हो सकता है।

सचिन पायलट खेमे के विधायक वेद प्रकाश सोलंकी का कहना है कि लगातार आलाकमान से यही मांग की जा रही थी लेकिन अब पंजाब का मामला सुलझ गया है तो जल्द से जल्द राजस्थान का मामला भी सुलझा लेना चाहिए। आलाकमान क्या फैसला लेता है उसको लेकर सभी सहमत होंगे लेकिन अब जितना जल्द हो राजस्थान के मामले को सुलझा लेना चाहिए। वही अजय माकन के ट्वीट को लेकर सोलंकी ने कहा इसमें कोई दो राय नहीं है कि कांग्रेस का मतलब गांधी परिवार है। हाथ के चिन्ह को लेकर जब हम मैदान में जाते हैं तो लोग हाथ को देखते हैं। 

इशारा साफ था अजय माकन ने रिट्वीट करके जिस तरह अमरिंदर सिंह और अशोक गहलोत को लेकर कहा था कि अक्सर देखने में मिलता है की हार का ठीकरा राहुल गांधी के सिर पर फोड़ा जाता है तो जीत का सेहरा खुद के सिर पर लेकिन कोई मुगालते में नहीं रहे। कांग्रेस जब जीतती है तो उसका मतलब है कि कार्यकर्ताओं का विश्वास नेहरू गांधी परिवार में होता है।

दरअसल मुख्यमंत्री गहलोत ने आलाकमान द्वारा पंजाब में लिए गए फैसले की प्रशंसा करते हुए आम राय का फैसला बताया और कहा कि कांग्रेस में आलाकमान का फैसला सब मिलकर मानते हैं, यही कांग्रेस की बड़ी ताकत आज भी है। वही राजस्थान में सरकार बनने का हमेशा गहलोत ने आलाकमान को ही श्रेय दिया लेकिन सचिन पायलट और उनके समर्थक पिछले ढाई साल से यही कह रहे हैं कि राजस्थान में राज सचिन पायलट के कारण आया है और सचिन पायलट को राज से बाहर करके रखा गया है। यही वजह रही कि जब माकन ने पत्रकार के ट्वीट को रिट्वीट किया गलतफहतमी पैदा हो गई। लेकिन देर शाम तक मामला सलट गया।

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