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Hindi News राजस्थान 'लव जिहाद' की कई घटनाएं सामने आने के बाद राजस्थान की महिलाओं ने की सख्त कानून की मांग

'लव जिहाद' की कई घटनाएं सामने आने के बाद राजस्थान की महिलाओं ने की सख्त कानून की मांग

राज्य में लव जिहाद के बढ़ते मामलों के खिलाफ विभिन्न समूहों की महिलाओं ने गुरुवार को विश्व मानव अधिकार दिवस मनाया।

Rajasthan Love Jihad, Rajasthan Women Love Jihad, Love Jihad, Love Jihad Cases- India TV Hindi Image Source : PTI FILE राजस्थान में महिलाओं ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से ‘लव जिहाद’ के अपराधियों के खिलाफ सख्त कानून की मांग की है।

जयपुर: राजस्थान में महिलाएं ‘लव जिहाद’ के अपराधियों के खिलाफ सख्त कानून चाहती हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, महिलाओं की इस मांग को लेकर कुछ समूहों के बीच आम सहमति बनी है, और वे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से जल्द ही कानून लाने का आग्रह कर रहे हैं। एक सामाजिक संगठन निमीकेतम संस्था के अनुसार, राज्य के 20 जिलों में ‘लव जिहाद’ की घटनाएं सामने आई हैं। संस्था के आंकड़ों के मुताबिक, ‘लव जिहाद’ के जयपुर में कुल 20 मामले सामने आए हैं, जबकि अजमेर में 23 ऐसे मामलों का पता चला है। संस्था ने बताया कि टोंक जैसे छोटे जिलों में 13 मामले सामने आए हैं।

‘2020 में सामने आए 67 मामले’
राज्य में लव जिहाद के बढ़ते मामलों के खिलाफ विभिन्न समूहों की महिलाओं ने गुरुवार को विश्व मानव अधिकार दिवस मनाया। साल 2020 में 67 नए मामले सामने आए हैं। उन्होंने कहा कि पिछले 4 सालों में राज्य के विभिन्न जिलों में कुल 153 मामले सामने आए हैं। महिला कार्यकर्ताओं ने यहां सेंट्रल पार्क में विरोध प्रदर्शन किया। उनका कहना है, ‘लव जिहाद के पीड़ितों के मानवाधिकारों की रक्षा करने की आवश्यकता है। सरकार को इस तरह के कृत्यों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए और अभियुक्त को सख्त से सख्त सजा देनी चाहिए।’ साल 2017 में लव जिहाद के सिर्फ 17 मामले सामने आए थे।

‘गहलोत को ध्यान देना चाहिए’
भारतीय जनता युवा मोर्चा (BJYM) के नेताओं ने भी मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर लव जिहाद के खिलाफ कानून लाने की मांग की है। पत्र में उन्होंने कहा है, ‘राज्य में हर महीने लव जिहाद के कई मामले सामने आ रहे हैं, जिसमें साजिशन भोली-भाली लड़कियों को फंसाया जाता है और शादी के बाद उन्हें अपनी जाति बदलने के लिए मजबूर किया जाता है।’ उसमें आगे लिखा है, ‘राजस्थान में लव जिहाद के खिलाफ सख्त कानून लाने की सख्त जरूरत है। गहलोत को तुरंत बेटियों की जिंदगी सुरक्षित करने के लिए इस गंभीर मुद्दे पर अपना ध्यान केंद्रित करना चाहिए।’