A
Hindi News धर्म त्योहार खरमास क्या होता है? जानें इन दिनों में क्यों नहीं किए जाते ये 5 काम

खरमास क्या होता है? जानें इन दिनों में क्यों नहीं किए जाते ये 5 काम

हिंदू संवत कैलेंडर के अनुसार 16 दिसंबर से 14 जनवरी 2022 तक की अवधि को खरमास कहा जाता है। जहां इसमें कुछ कामों को करने की मनाही होती है वहीं, कुछ चीजों को करना लाभदायक भी होता है।

kharmas_story- India TV Hindi Image Source : FREEPIK kharmas_story

खरमास के महीने को हिंदू धर्म में शुभ कार्यों के लिए वर्जित माना जाता है। ये महीना इस साल 16 दिसंबर 2022 से 14 जनवरी 2023 तक रहेगा।  यह मकर संक्रांति (14 जनवरी) के शुभ अवसर पर समाप्त होता है। साथ ही मान्यता है कि इस महीने कुछ शुभ कामों को करने से बचना चाहिए। लेकिन, उससे पहले सवाल ये है कि खरमास क्या होता है? 

खरमास क्या होता है-What is Kharmas? 

खर शब्द, संस्कृत शब्द है जिसका अर्थ है गधा। खरमास से संबंधित प्रचलित मान्यता के अनुसार कहा जाता है कि एक बार सूर्य देव सात घोड़ों के रथ पर ब्रह्मांड की परिक्रमा कर रहे थे और उन्हें कहीं भी रुकने की अनुमति नहीं थी। कहा जाता है कि अगर वह रुक जाते तो उसी दिन सारी गतिविधियां बंद हो जातीं। कुछ समय बाद, आराम न मिलने के कारण रथ से जुड़े घोड़े प्यासे और थक गए। यह देखकर सूर्य देव ने तनाव में आकर रथ को नदी के तट पर खड़ा कर दिया ताकि घोड़े अपनी प्यास बुझा सकें और थोड़ा आराम कर सकें।

इस दिशा में झाड़ू रखना कर सकता है आपको कंगाल, जानें सही तरीका और बचें इस गलती से

अचानक, भगवान सूर्य को पता चला कि अगर उन्होंने अपना रथ रोक दिया तो पृथ्वी पर सभी गतिविधियां बंद हो जाएंगी और परेशानी हो जाएगी। तभी सूर्य देव ने तालाब के किनारे दो गधों (खर) को देखा। उसने सब घोड़ों को पानी पीने और आराम करने के लिए छोड़ दिया और दोनों गधों को अपने रथ से जोड़ लिया ताकि वह रुके नहीं। लेकिन, गधे ने रथ को धीमा कर दिया, लेकिन एक महीने का चक्कर किसी तरह पूरा हो गया और घोड़ों ने आराम कर लिया। अब, उन्होंने अपने रथ के साथ घोड़ों को जोड़ा और पूरे साल ऐसा ही चलता रहा और एक सौर मास यानी खरमास हर सौर वर्ष में एक बार आता है।

मां लक्ष्मी का सदा बना रहेगा आशीर्वाद बस घर की बालकनी को करना होगा इन चीज़ों से गुलज़ार

खरमास के दौरान ना करें ये 5 काम

1.  रिश्ते की बातचीत या शादी
2. गृह प्रवेश और भूमि पूजन  
3. मुंडन और तिलकोत्सव 
4. यगोपवित संस्कार यानी जनेऊ नहीं किया जाता है
5. नए का काम या नई चीजों को शुरू करने से बचा जाता है। 

खरमास के दौरान क्या करें? 

खरमास के दौरान भगवान सूर्य और भगवान विष्णु की पूजा करने की परंपरा निभाई गई है। ऐसा माना जाता है कि पूजा करने से व्यक्ति को शांति और समृद्धि प्राप्त होती है और मां लक्ष्मी की कृपा उन पर हमेशा बनी रहती है। इसके अलावा यह महीना दान, जप आदि के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। मान्यता है कि जो व्यक्ति सच्चे मन से दान करता है, उसके जीवन की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

इसके अलावा इस दिन ब्राह्मण, गाय, संत आदि की सेवा करने का विशेष महत्व है। साथ ही इस माह में आप तीर्थ यात्रा पर भी जा सकते हैं। तो, इस माह सच्चे मन से दान करें और सुखद जीवन जीएं। 

Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इंडिया टीवी इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है। इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है।