नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने भारत और इंग्लैंड के बीच आगामी सीरीज में डिसिजन रिव्यू सिस्टम (DRS) को ट्रायल के तौर पर इस्तेमाल करने की मंजूरी दे दी है। BCCI इस सीरीज में इस सिस्टम में किए गए सुधारों का आकलन करेगी। BCCI के बयान के मुताबिक, बोर्ड इस सिस्टम को सीरीज में इसकी पूरी क्षमता के साथ इस्तेमाल करेगा।
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BCCI ने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) और हॉकआई अधिकारियों के साथ हुई बैठक में इस सिस्टम में किए गए सुधारों के मूल्यांकन के बाद इसके इस्तेमाल की अनुमति दी है। BCCI ने इस बात पर संतुष्टि जताई है कि ICC और हॉकआई के अधिकारियों ने बोर्ड द्वारा जताई गई कई चिंताओं और सुझावों पर काफी हद तक ध्यान दिया है। इसमें किए गए बदलावों में एक बदलाव 'अल्ट्रामोशन कैमरों' को शामिल करना है, जिससे गेंद की दिशा पर बेहतर रूप से नजर रखी जाएगी और इसका आकलन और भी सटीक हो सकेगा।
DRS में अब प्रभाव बिन्दु तय करने के लिए मानवीय हस्तक्षेप भी होगा जिसे अल्ट्रा ऐज तकनीक के माध्यम से नियंत्रित किया जाएगा। हॉकआई ने अब इस तरह की तकनीक इजाद की है जो सभी प्रक्रिया को रिकॉर्ड और उसके सभी चित्र सुरक्षित कर लेगी। किसी वजह से अगर ऑपरेटर ट्रेकिंग सिस्टम को पकड़ नहीं पाता है तो इन चित्रों का उपयोग किया जा सकेगा। इस सिस्टम को बेहतर बनाने के लिए अतिरिक्त कैमरों को भी अब उपयोग में लिया जाएगा। इसके अलावा DRS के लिए स्पिन को बेहतर तरीके से देखने के लिए 100 पर्सेंट भरोसेमंद स्कैनिंग की जाएगी। यह सभी कुछ BCCI के सुझावों पर आधारित है।
BCCI के अध्यक्ष अनुराग ठाकुर इस बैठक में मौजूद थे। उन्होंने एक बयान में कहा, ‘हम इस बात से खुश हैं कि हॉकआई ने हमारी सभी सिफारिशों पर ध्यान दिया है। हम इस बात की पुष्टि करते हैं कि इंग्लैंड के खिलाफ होने वाली आगामी सीरीज में DRS के संशोधित संस्करण को ट्रायल के तौर पर उपयोग में लाया जाएगा। इस सीरीज में इस सिस्टम के प्रदर्शन और इस पर मिलने वाली प्रतिक्रियाओं के बाद ही हम आने वाली सीरीजों मंर इसे जारी रखने के बारे में विचार करेंगे।’ भारत और इंग्लैंड के बीच सीरीज 9 नवंबर 2016 से 1 फरवरी 2017 के बीच खेली जाएगी। इस दौरन 5 टेस्ट, 3 वनडे और 3 टी-20 मैच खेले जाएंगे।
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