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Hindi News खेल क्रिकेट रणजी ट्रॉफी में सचिन को शून्य पर आउट करने के बाद कुछ ऐसा महसूस कर रहे थे भुवनेश्वर कुमार

रणजी ट्रॉफी में सचिन को शून्य पर आउट करने के बाद कुछ ऐसा महसूस कर रहे थे भुवनेश्वर कुमार

भुवी ने कहा "उस समय रणजी ट्रॉफी में सचिन का यह पहला डक था। अगर आज कोई बच्चा विराट को शून्य पर आउट करता है तो इससे उसका आत्मविश्वस जरूर बढ़ेगा। तो ऐसा ही कुछ मेरे साथ हुआ था।

Bhuvneshwar Kumar felt something after Sachin Tendulakar was dismissed for zero in Ranji Trophy- India TV Hindi Image Source : AP IMAGE Bhuvneshwar Kumar felt something after Sachin Tendulakar was dismissed for zero in Ranji Trophy

क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर को आउट करना गेंदबाजों के लिए थोड़ा टेढ़ी खीर थी। उनकी टेकनीक इतनी शानदार थी की गेंदबाज कई बार किसमत के सहारे ही उन्हें आट कर पाते थे। इंटरनेशनल क्रिकेट के साथ-साथ रणजी क्रिकेट में भी सचिन की परफॉर्मेंस धाकड़ रही है। लेकिन क्या आप जानते है सचिन रणजी मैच में सिर्फ एक ही बार डक डानी बिना खाता खोले आउट हुए हैं?

जी हां, उन्हें आट करने वाला गेंदबाज और कोई नहीं बल्कि टीम इंडिया के भुवनेश्वर कुमार ही है। भुवनेश्वर कुमार ने 2009 में 18 साल की उम्र में यह कारनामा किया था और अब इसी कारनामे को याद करते हुए उन्होंने कहा कि सचिन का विकेट लेने के बाद मेरा आत्मविश्वास बढ़ गया था।

इंस्टाग्राम पर डेविड वॉर्नर के साथ लाइव चैट के दौरान भुवी ने कहा "उस समय रणजी ट्रॉफी में सचिन का यह पहला डक था। अगर आज कोई बच्चा विराट को शून्य पर आउट करता है तो इससे उसका आत्मविश्वस जरूर बढ़ेगा। तो ऐसा ही कुछ मेरे साथ हुआ था। सचिन के विकेट के बाद मेरा आत्मविश्वास बढ़ा। उसके बाद मुझे लगने लगा कि मैं किसी को भी आउट कर सकता हूं।" 

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भारत के लिए खेलने के बारे में उन्होंने कहा भारत में आप सड़कों पर ही क्रिकेट खेलना शुरू करते हो। यह वही जगह है जहां से आपको जुनून मिलता है। जब मेरा चयन प्रथम श्रेणी क्रिकेट टीम में हुआ तब मेरे सपनों की शुरुआत हुई। मैं हमेशा से ही भारत के लिए खेलना चाहता था, लेकिन यह नहीं पता था मुझे मौका कब मिलेगा।"

अंत में उन्होंने कहा "जब मुझे राह मिली तो मैंने कड़ी मेहनत करना शुरू कर दी। इतनी बड़ी आबादी के बीच मौका मिलना मुश्किल होता है, लेकिन सपने सच होते हैं। मुझे नहीं मालूम मेरे में इसका पैशन कहां से आया, लेकिन मुझे लगता है कि यह मेरे अंदर ही था।"

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