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Hindi News खेल क्रिकेट भारतीय टी20 वर्ल्ड कप में चुने जाने के बाद बोली 16 साल की रिचा, इस पर विश्वास करना मुश्किल

भारतीय टी20 वर्ल्ड कप में चुने जाने के बाद बोली 16 साल की रिचा, इस पर विश्वास करना मुश्किल

रिचा ने पीटीआई से कहा,‘‘मैंने कभी नहीं सोचा था कि यह सब इतनी जल्द होगा। इस पर विश्वास करना मुश्किल हैं और मैं अब तक इस अहसास से उबर नहीं पाई हूं।’’   

Richa- India TV Hindi Image Source : TWITTER Bid of 16 years old Richa after being selected in Indian T20 World Cup, it is hard to believe
कोलकाता। रिचा घोष की उम्र की अधिकतर लड़कियां जब फरवरी में अपनी बोर्ड की परीक्षा की तैयारी कर रही होंगी तब सिलिगुड़ी की 16 साल की यह लड़की प्रतिष्ठित आईसीसी टी20 विश्व कप में भारत की महिला टीम के साथ अपने पहले अंतरराष्ट्रीय दौरे पर होगी। अब बंगाल के अंशकालिक अंपायर अपने पिता मानवेंद्र घोष को देखकर रिचा ने साढ़े चार की उम्र में बल्ला उठाया था और चैलेंजर ट्राफी में अच्छे प्रदर्शन की बदौलत राष्ट्रीय टीम में जगह बनाई।
 
रिचा ने पीटीआई से कहा,‘‘मैंने कभी नहीं सोचा था कि यह सब इतनी जल्द होगा। इस पर विश्वास करना मुश्किल हैं और मैं अब तक इस अहसास से उबर नहीं पाई हूं।’’ 
 
उन्होंने कहा,‘‘मेरे पहले आदर्श हमेशा मेरे पिता रहे जिनसे मैंने क्रिकेट सीखा। इसके बाद सचिन तेंदुलकर जो हमेशा मेरे आदर्श रहेंगे।’’ 
 
लेकिन जब छक्के जड़ने की बात आती है तो वह महेंद्र सिंह धोनी की प्रशंसक है। रिचा ने कहा, ‘‘वह (धोनी) जिस तरह छक्के मारते हैं वह मुझे पसंद है और मैं भी ऐसा ही करने का प्रयास करती हूं। गेंदबाज चाहे कोई भी हो, जब आपके हाथ में बल्ला होता है तो आप कुछ भी कर सकते हो।’’ 
 
बंगाल की टीम में रिचा को झूलन गोस्वामी का साथ मिलता है जबकि वह हमेशा क्रिकेट पर भारत की पुरुष टीम के विकेटकीपर रिद्धिमान साहा के साथ बात करती हैं जो उनके गृह नगर सिलिगुड़ी के ही रहने वाले हैं।
 
उन्होंने कहा, ‘‘झूलन दी ने हमेशा टीम में मेरा समर्थन किया जबकि रिद्धि दा (साहा) से मुझे हमेशा मदद मिली। वह व्यस्त रहते हैं लेकिन हम बात करते रहते हैं। मैं समर्थन के लिए उनकी, अपने कोचों और बंगाल क्रिकेट संघ की आभारी हूं।’’
 
 खेल के प्रति रिचा की गंभीरता को देखते हुए उनके पिता ने स्थनीय बाघा जतिन क्लब में उसे भेजना शुरू किया और वह तब क्लब में एकमात्र लड़की थी। रिचा ने लंबा सफर तय किया और 2012-13 में उन्हें बंगाल की सीनियर टीम के शिविर में बुलाया गया। 
 
बंगाल की महिला टीम के कोच शिव शंकर पाल ने कहा, ‘‘किसी भी कोच के लिए उसका होना शानदार है, वह प्रतिभा भगवान से तोहफे में मिली है। लेकिन वह काफी युवा है और हमें सुनिश्चित करना होगा कि वह लंबा रास्ता तय करे।’’ बंगाल के ट्रेनर और विकेटकीपिंग कोच राहुल देब ने कहा कि वह आसानी से छक्के जड़ सकती है और शानदार क्षेत्ररक्षक भी है।

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