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बंगाल क्रिकेट संघ ने खिलाड़ियों के लिए आखों के टेस्ट को अनिवार्य किया

कोरोना वायरस महामारी के बीच  बंगाल क्रिकेट संघ (सीएबी) ने बड़ा कदम उठाया है। बंगाल क्रिकेट संघ (सीएबी) ने अपने क्रिकेटरों के लिए आंखों की जांच को अनिवार्य कर दिया है ताकि वापसी करने पर उन्हें किसी तरह की दिक्कत का सामना न करना पड़े।

<p>बंगाल क्रिकेट संघ ने...- India TV Hindi Image Source : CRICKET ASSOCIATION OF BENGAL बंगाल क्रिकेट संघ ने खिलाड़ियों के लिए आखों के टेस्ट को अनिवार्य किया

कोरोना वायरस महामारी के बीच  बंगाल क्रिकेट संघ (सीएबी) ने बड़ा कदम उठाया है। बंगाल क्रिकेट संघ (सीएबी) ने अपने क्रिकेटरों के लिए आंखों की जांच को अनिवार्य कर दिया है ताकि वापसी करने पर उन्हें किसी तरह की दिक्कत का सामना न करना पड़े।

सीएबी ने प्रशासन और बंगाल क्रिकेट टीम की कोचिंग यूनिट के बीच हुई बैठक के बाद ये फैसला लिया गया। इस बैठक में इस बात पर चर्चा हुई कि लंबे ब्रेक के बाद अक्सर क्रिकेटरों के आंखों की रोशनी प्रभावित होती है।

सीएबी ने अपने बयान में कहा, "बंगाल के हर खिलाड़ी की आंखों की जांच अनिवार्य की जाएगी। उभरते विकेटकीपरों के लिए विकेटकीपर का क्लिनिक होगा। दीप दासगुप्ता से भी संपर्क किया जाएगा।"

इस बैठक में साथ यह भी फैसला लिया गया कि बंगाल की सीनियर कोचिंग स्टाफ में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। अरुण लाल मुख्य कोच के रूप में जबकि जॉयदीप मुखर्जी क्रिकेट संचालन का कार्यभार जारी रखेंगे।

कैब के अध्यक्ष अविषेक डालमिया ने पीटीआई को बताया, "क्रिकेट में दृष्टि और रिफ्लैक्स दो महत्वपूर्ण तत्व हैं, इसीलिए (मुख्य कोच) अरुण लाल ने सुझाव दिया कि परीक्षण को अनिवार्य बनाया जाना चाहिए।"

कोच अरुण लाल का भी मानना है कि क्रिकेट 90 फीसदी आंखों का खेल है। उन्होंने कहा कि सीजन की शुरूआत होने से पहले इस बात का पता लगाने में कोई हर्ज नहीं है कि क्या वे पूरी तरह से तैयार हैं।

भारत के पूर्व क्रिकेटर दीप दासगुप्ता ने भी इसे एक स्वागत योग्य कदम बताया। उन्होंने कहा "क्रिकेट हाथ और आँख के बीच सामंजस्य का खेल है। जब आप मैदान पर वापसी करते हैं, तो आप आखों की जांच करना चाहेंगे। इसमें कुछ भी गलत नहीं है।"

(With PTI & IANS inputs)

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