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Hindi News खेल क्रिकेट भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया: पर्थ टेस्ट में इस वजह से टॉस निभाएगा अहम भूमिका, जानिए पिच के मिजाज से किस टीम होगा फायदा?

भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया: पर्थ टेस्ट में इस वजह से टॉस निभाएगा अहम भूमिका, जानिए पिच के मिजाज से किस टीम होगा फायदा?

वाका के पुराने स्टेडियम की परंपरा को बरकरार रखते हुए नये स्टेडियम में पहली बार हो रहे टेस्ट मैच के लिये तेज विकेट तैयार किया गया है।

<p><span style="color: #333333; font-family: sans-serif,...- India TV Hindi क्यूरेटर ब्रेट सिपथोर्प ने नये ओपस स्टेडियम के टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू के लिये घास वाली पिच तैयार की है।

पर्थ: वाका के मुख्य क्यूरेटर ब्रेट सिपथोर्प ने नये ओपस स्टेडियम के टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू के लिये घास वाली पिच तैयार की है और उन्होंने कहा कि भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच दूसरे टेस्ट मैच के लिये वह उछाल वाला विकेट तैयार करने की कोशिश कर रहे हैं। वाका के पुराने स्टेडियम की परंपरा को बरकरार रखते हुए नये स्टेडियम में पहली बार हो रहे टेस्ट मैच के लिये तेज विकेट तैयार किया गया है। इस पर काफी घास है जिससे दोनों टीमों को अपनी रणनीति बदलनी पड़ सकती है।

सिपथोर्प ने कहा, ‘‘हमें इसे तेज और उछाल वाली पिच तैयार करने के लिये कहा गया था। हम उछाल वाली विकेट बनाने की कोशिश कर रहे हैं।’’

सिपथोर्प वैसा ही विकेट तैयार करना चाहते हैं जैसा उन्होंने वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया और न्यू साउथ वेल्स के बीच पिछले महीने शैफील्ड शील्ड मैच के लिये बनाया था। उन्होंने कहा, ‘‘हमारी योजना वैसा ही विकेट तैयार करने की है जैसा हमने शैफील्ड शील्ड मैच के लिये बनाया था। हमें खिलाड़ियों से अच्छा फीडबैक मिला है। मुझे मैच के दौरान खिलाड़ियों से बहुत ज्यादा बातचीत करने में समय नहीं बिताना चाहिए लेकिन हम खिलाड़ियों से ज्यादा से ज्यादा फीडबैक लेना चाहते हैं।’’

सिपथोर्प ने कहा, ‘‘उनमें से किसी ने भी इसको लेकर नकारात्मक टिप्पणी नहीं की। वे सभी इसको लेकर सकारात्मक थे। हम चाहते हैं कि पिच पर उसी तरह की नमी रहे और हमें उम्मीद है कि इस बार भी विकेट से उसी तरह की तेजी और उछाल मिलेगी।’’

दोनों टीमों के पास मजबूत गेंदबाजी आक्रमण है और वे पहले गेंदबाजी करना पसंद करेंगे। क्यूरेटर ने हालांकि कहा कि कप्तानों को कोई फैसला करने से पहले पर्थ की गर्मी को भी ध्यान में रखना होगा।

उन्होंने कहा, ‘‘सभी तेजी और उछाल और मूवमेंट के बारे में बात कर रहे हैं लेकिन कोई इसको लेकर बात नहीं कर रहा है कि वे 38 डिग्री सेल्सियस तापमान में भारी दबाव को कितनी देर तक झेल सकते हैं। यह चुनौती है। टॉस जीतने पर पहले बल्लेबाजी करते हुए आप परिस्थितियों का फायदा उठा सकते हो या फिर आप यह सोचते हो कि वास्तव में 38 डिग्री में 50 ओवरों के बाद हम काफी थक जाएंगे।’’

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