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Hindi News खेल क्रिकेट युवराज सिंह के करियर के वो 5 बड़े पल जिन्हें फैन चाह कर भी नहीं भुला सकते

युवराज सिंह के करियर के वो 5 बड़े पल जिन्हें फैन चाह कर भी नहीं भुला सकते

युवराज सिंह भारतीय क्रिकेट का वो नाम है जिसे हम सिक्सर किंग के नाम से जानते हैं। ये वो खिलाड़ी है जिसने अपने दम पर भारत को 2007 टी20 वर्ल्ड कप और 2011 वर्ल्ड कप जिताया।

<p>युवराज सिंह के करियर...- India TV Hindi Image Source : GETTY IMAGES युवराज सिंह के करियर के वो 5 बड़े पल जिन्हें फैन चाह कर भी नहीं भुला सकते

युवराज सिंह भारतीय क्रिकेट का वो नाम है जिसे हम सिक्सर किंग के नाम से भी जानते हैं। ये वो खिलाड़ी है जिसने अपने दम पर भारत को 2007 टी20 वर्ल्ड कप और 2011 में एकदिवसीय वर्ल्ड कप जिताया है, लेकिन आज युवराज सिंह ने अपने 19 साल के लंबे क्रिकेट करियर पर विराम लगाकर अपने सभी चाहने वालों की आंखे नम कर दी है।

युवराज सिंह पिछले काफी लंबे समय से आउट ऑफ फॉर्म चल रहे हैं और आईपीएल में भी उनका प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा है। युवराज ने भारत के लिए अपना आखिरी वनडे मैच 30 जून 2017 को वेस्टइंडीज के खिलाफ खेला था। युवराज अपने इस करियर में अपनी फॉर्म के साथ-साथ कैंसर जैसी बड़ी बीमारी से भी बड़ी बाहदुरी से लड़े हैं। आज हम आपको उनके करियर के कुछ ऐसे यादगार पलों के बारे में बताने जा रहे हैं जब युवराज ने दिखाया था कि वो कितने बड़े वॉरियर हैं।

2002 नेटवेस्ट सीरीज

13 जुलाई 2002 वह तारीख है जब भारत को आखिरकार युवराज सिंह के रूप में अपना सबसे बड़ा मैच विजेता मिला, युवराज ने नेटवेस्ट सीरीज के फाइनल मैच में लॉर्ड्स के मैदान पर इंग्लैंड के खिलाफ फाइनल में 69 रनों की पारी खेली। यह भारत के लिए एक बड़ा फाइनल था और 326 के विशाल लक्ष्य का पीछा करते हुए उन्हें अच्छी शुरुआत मिली लेकिन मध्य क्रम ढहने से इंग्लिश टीम प्रतियोगिता में वापस आ गई। लेकिन उसके बाद युवराज सिंह ने मोहम्मद कैफ के साथ महत्वपूर्ण साझेदार कर भारत को ऐतिहासिक जीत दिलाई। इसके बाद ही युवराज को मैच फिनीशर के रूप में देखा जाने लगा।

2007 टी20 वर्ल्ड कप

2007 में एकदिवसीय वर्ल्ड कप में बुरी तरह फेल होने के बाद भारत ने साउथ अफ्रीका में एक अंडर डॉग टीम के दमके के साथ टी20 वर्ल्ड कप में कदम रखा। भारत की टीम की अगुवाई उस समय धोनी के कंधों पर थी और युवराज समेत कुछ खिलाड़ियों को छोड़कर टीम में पूरा युवा टेलेंट थी। इस वर्ल्ड कप से पहले भारत ने मात्र एक ही टी20 मैच खेला था। युवराज सिंह ने इस टूर्नामेंट में इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारत को अपने दम पर ही मैच जिताया था। यह वर्ल्ड कप युवराज के 6 छक्कों के लिए हमेशा याद किया जाएगा।

वनडे की सर्वश्रेेष्ठ पारी

15 साल के लंबे करियर के बाद युवराज सिंह ने इंग्लैंड के खिलाफ 2017 में अपना सर्वश्रेष्ठ स्कोर बनाया। इस सीरीज से पहले हर किसी को लग रहा था कि युवराज का करियर यहीं पर ही खत्म हो जाएगा, लेकिन उस सीरीज के एक मैच में युवराज ने 150 रन की पारी खेलकर यह बता दिया था कि अभी भी वह भारत को अकेले दम पर मैच जिता सकते हैं। उस मैच में युवराज सिंह ने 21 चौके और 3 छक्के जड़े थे। इसी पारी के दम पर युवराज को 2017 चैंपियन ट्रॉफी में जगह मिली थी।

2011 वर्ल्ड कप

देश में कोई भी व्यक्ति इस बार को नकार नहीं सकता कि युवराज सिंह जिसने भारत के लिए विश्व कप जीता और जीवन भर के लिए प्रेरणा बन गया। युवराज सिंह जब यह वर्ल्ड कप खेल रहे थे तब वो कैंसर जैसी बड़ी बीमारी से जूझ रहे थे, लेकिन उन्होंने अपनी इस बीमारी के बारे में किसी को नहीं बताया और वो मैच खेलते रहे। युवराज सिंह ने इस टूर्नामेंट में अपने बल्ले और गेंद दोनों से लाजवाब प्रदर्शन किया जिस वजह से उन्हें मैन ऑफ द टूर्नामेंट के अवॉर्ड से भी नवाजा गया। युवराज ने वर्ल्ड कप 2011 में 90 की अधिक की औसत से 362 रन बनाए वहीं 15 विकेट भी चटकाएं।

कैंसर से वापसी

वर्ल्ड कप के दौरान कैंसर की बीमारी से जूझ रहे युवराज सिंह ने इलाज के बाद 2012 में एक बार फिर क्रिकेट के मैदान पर वापसी की। अपने पहले ही मैच में युवराज ने इंग्लैंड के खिलाफ 26 गेंदों पर 34 रन जड़े। युवराज की इस कमबैक पारी में हर किसी ने उनके लिए तालियां बजाईं। युवराज ने वापसी करते हुए 2012 टी20 वर्ल्ड कप में टीम इंडिया में जगह बनाई और सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले खिलाड़ी बने। उस टूर्नामेंट में युवराज अपने बल्ले से कमाल नहीं दिखा पाए थे। युवराज की कैंसर से यह वापसी हर किसी के लिए प्रेरणा बनीं।

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