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Hindi News खेल क्रिकेट 2011 WC जीतने वाले खिलाड़ियों की पहचान करना ही मेरी सबसे बड़ी विरासत : सौरव गांगुली

2011 WC जीतने वाले खिलाड़ियों की पहचान करना ही मेरी सबसे बड़ी विरासत : सौरव गांगुली

भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और वर्तमान बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली को भारतीय क्रिकेट में एक नई जान फूंकने का श्रेय दिया जाता है। उन्होंने उस समय टीम की कमान संभाली थी जब भारतीय क्रिकेट मैच फिक्सिंग विवाद में उलझी हुई थी। 

<p>Identifies players who win 2011 WC, That was my biggest...- India TV Hindi Image Source : TWITTER/VVSLAXMAN281 Identifies players who win 2011 WC, That was my biggest legacy : Ganguly

भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और वर्तमान बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली को भारतीय क्रिकेट में एक नई जान फूंकने का श्रेय दिया जाता है। उन्होंने उस समय टीम की कमान संभाली थी जब भारतीय क्रिकेट मैच फिक्सिंग विवाद में उलझी हुई थी। इस मुश्किल घड़ी में गांगुली ने न केवल टीम की कमान संभाली बल्कि ऐसे खिलाड़ियों को भी टीम में शामिल किया जो आगे जाके मैच विनर साबित हुए। सौरव गांगुली ने वीरेंद्र सहवाग, युवराज सिंह, हरभजन सिंह, जहीर खान और आशीष नेहरा जैसे खिलाड़ियों की पहचान की जिन्होंने टीम को साल 2011 में एमएस धोनी की कप्तानी में वर्ल्ड कप जितानें में अपना अहम योगदान दिया।

गांगुली ने कहा कि मैच विनर खिलाड़ियों को सपोर्ट करना उनके कप्तान कप्तान के तौर पर सबसे बड़ी विरासत रही है। गांगुली ने कहा कि उन्होंने ऐसी टीम छोड़ी जिसमें घर और बाहर दोनों ही परिस्थितियों में मैच जीतने की क्षमता थी और इस पर उन्हें गर्व है।

गांगुली ने अनएकेडमी के साथ एक ऑनलाइन व्याख्यान में कहा, "उस (2011 विश्व कप विजेता टीम) टीम में सात या आठ खिलाड़ी थे जिन्होंने मेरी कप्ताी में अपने करियर की शुरुआत की थी। जैसे कि (वीरेंद्र) सहवाग, धोनी, युवराज (सिंह), जहीर (खान), हरभजन सिंह, आशीष नेहरा। इसलिए मुझे लगता है कि यह एक ऐसी विरासत है जिसे मैं एक कप्तान के रूप में पीछे छोड़ कर बहुत खुश था। यही मेरी सबसे बड़ी विरासत थी कि मैं एक ऐसी टीम छोड़ कर गया जिसमें घर पर और घर से दूर जीतने की क्षमता थी।"

सहवाग, युवराज, हरभजन, जहीर, नेहरा, धोनी सभी ने गांगुली की कप्तानी में ही अपना अंतरराष्ट्रीय डेब्यू किया। गांगुली को भारत के सर्वश्रेष्ठ कप्तानों में से एक इसीलिए माना जाता है, क्योंकि उन्होंने टीम के विदेश में खेलने के तरीके को पूरी तरह से बदल कर रख दिया।

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गांगुली साल 2011 में एमएस धोनी को विश्व कप उठाते हुए देखकर काफी रोमांचित महसूस किए क्योंकि उनके जेहन में 2003 के विश्व कप फाइनल की यादें ताजा हो गई थी। हालांकि तब फाइनल में भारत को ऑस्ट्रेलिया से हार का सामना करना पड़ा था।

उन्होंने आगे कहा, "मुझे याद है कि मैं उस रात वानखेड़े स्टेडियम में था और मैं धोनी और टीम को मैदान में देखने के लिए कमेंट्री बॉक्स से नीचे आया था। साल 2003 में मैं जिस टीम का कप्तान था, वह ऑस्ट्रेलिया से फाइनल हार गई थी। इसलिए मैं यह देखकर बहुत खुश था कि धोनी के पास उस वर्ल्ड कप ट्रॉफी को जीतने का अवसर है।"

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