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Hindi News खेल क्रिकेट आजादी से अब तक ऑस्ट्रेलिया में सीरीज जीतने को तरस रहा है भारत, कपिल, गांगुली और धोनी भी नहीं दिला सके जीत

आजादी से अब तक ऑस्ट्रेलिया में सीरीज जीतने को तरस रहा है भारत, कपिल, गांगुली और धोनी भी नहीं दिला सके जीत

सुनील गावस्कर, कपिल देव और सौरव गांगुली सीरीज ड्रॉ कराने में तो सफल रहे लेकिन सीरीज अपने नाम नहीं कर पाए। आज हम आपको भारत के ऑस्ट्रेलिया दौरे पर हुईं सभी 11 टेस्ट सीरीज के बारे में बताने जा रहे हैं। 

आजादी से अब तक ऑस्ट्रेलिया में सीरीज जीतने को तरस रहा है भारत- India TV Hindi Image Source : GETTY आजादी से अब तक ऑस्ट्रेलिया में सीरीज जीतने को तरस रहा है भारत

15 अगस्त 1947 को भारत आजाद हुआ। आजादी के लगभग 3 महीने बाद भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया का दौरा किया था। भारत ने ऑस्ट्रेलिया दौरे पर अपना पहला टेस्ट मैच 28 नवंबर 1947 को खेला। तब से लेकर अब तक भारत ने ऑस्ट्रेलिया में 44 टेस्ट मैच (11 टेस्ट सीरीज) खेले हैं लेकिन जीत केवल 5 मैचों में ही नसीब हुई। लेकिन सीरीज की बात करें तो क्रिकेट के तमाम दिग्गज भी भारत को ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज नहीं जिता सके। हालांकि सुनील गावस्कर, कपिल देव और सौरव गांगुली सीरीज ड्रॉ कराने में तो सफल रहे लेकिन सीरीज अपने नाम नहीं कर पाए। आज हम आपको भारत के ऑस्ट्रेलिया दौरे पर हुईं सभी 11 टेस्ट सीरीज के बारे में बताने जा रहे हैं। 

1. भारत का पहला ऑस्ट्रेलिया दौरा (1947-48)
भारत के इस पहले दौरे पर 5 मैचों की टेस्ट सीरीज हुई थी। नतीजा 4-0 रहा था। मतलब भारत किसी भी तरह एक मैच ड्रॉ कराने में सफल रहा लेकिन बाकी के चार मैचों में एकतरफा हार का सामना करना पड़ा था। लाला अमरनाथ की कप्तानी में ऑस्ट्रेलिया दौरे पर गई भारतीय टीम का सामना क्रिकेट के सर्वकालिक महान बल्लेबाज डॉन ब्रैडमैन की टीम से था और दूसरे मैच को छोड़ दें तो हर मैच में ऑस्ट्रेलिया ने एकतरफा जीत हासिल की थी। 

2. भारत का दूसरा ऑस्ट्रेलिया दौरा (1967-67)
पहले दौरे के 19 साल बाद भारतीय टीम ने नवाब पटौदी की कप्तानी में ऑस्ट्रेलिया का दौरा किया। हालांकि पहले मैच में भारत की कप्तानी चंद्रकांत गुलाबराव बोर्डे ने की थी। लेकिन इस बार भी भारतीय टीम को निराशा लगी। ऑस्ट्रेलिया के कप्तान थे बॉब सिम्पसन। चार मैचों की इस टेस्ट सीरीज में भारत तीसरे मैच को छोड़कर एक भी मैच करीब नहीं ला पाया। हालांकि तीसरे मैच में भारत को 39 रनों से हार का सामना करना पड़ा था। 

3. भारत का दूसरा ऑस्ट्रेलिया दौरा (1977/78)
भारत ने इस दौरे पर पांच मैचों की टेस्ट सीरीज खेली थी। हालांकि इस बार भारत दो मैच जीतने में कामयाब रहा था। लेकिन ऑस्ट्रेलिया 3-2 से सीरीज अपने नाम करने में कामयाब रहा था। भारत ने अपना पहला मैच 222 रनों के बड़े अंतराल से जीता था। ये सीरीज का तीसरा मैच था। भारत ने पहली पारी में 256 रन का स्कोर खड़ा किया। इसके बाद भारत की तरफ से भागवत चंद्रशेखर ने करिश्माई गेंदबाजी करते हुए पहली पारी में 6 विकेट झटक कंगारू टीम को 213 रन पर समेट दिया। इसके बाद भारत की तरफ से दूसरी पारी में गावस्कर ने शानदार 118 रन बनाए और ऑस्ट्रेलिया के सामने 387 का लक्ष्य। लेकिन एक बार फिर से चंद्रशेखर ने दूसरी पारी में भी 6 विकेट झटके। इसके अलावा कप्तान बिसेन सिंह बेदी ने चार विकेट हासिल कर ऑस्ट्रेलिया को 164 रन पर ऑलआउट कर मैच 222 रन से जीत इतिहास रच दिया। ये भारत की ऑस्ट्रेलिया में किसी टेस्ट मैच में पहली जीत थी। इसके बाद भारत ने दूसरा मैच पारी और 4 रनों के अंतराल से जीता था। 

4. भारत का चौथा ऑस्ट्रेलिया दौरा (1980/81)
पहली बार भारत ऑस्ट्रेलिया में सीरीज ड्रॉ कराने में सफल रहा था। इस बार तीन मैचों की सीरीज में भारत ने सुनील गावस्कर की कप्तानी में एक मैच जीता और हारा था। जबकि एक मैच ड्रॉ रहा था। पहली बार भारत ऑस्ट्रेलिया में सीरीज हारने से बच गया था। 

5. भारत का पांचवा ऑस्ट्रेलिया दौरा (1985/86)
कपिल देव की कप्तानी में पहुंची टीम इंडिया का सामना बॉर्डर की ऑस्ट्रेलियाई टीम से था। हालांकि तीन मैचों की सीरीज में भारत तीनों मैच ड्रॉ कराने में सफल रहा। ऑस्ट्रेलिया एक भी मैच नहीं जीत पाई और सीरीज का नतीजा ड्रॉ निकला। ये पहला मौका था जब भारत ऑस्ट्रेलिया दौरे पर कोई भी टेस्ट मैच नहीं हारा था। 

6. भारत का छठा ऑस्ट्रेलिया दौरा (1991/92)
इस बार पांच मैचों की टेस्ट सीरीज थी। इस भारतीय टीम मोहम्मद अजहरुद्दीन की कप्तानी में ऑस्ट्रेलिया पहुंची थी। लेकिन नतीजा वही निकला जिसका सभी को डर था। पांच मैचों की सीरीज में भारत को 4-0 से हार का सामना करना पड़ा। भारतीय टीम किसी तरह सीरीज का तीसरा मैच ड्रॉ कराने में सफल रही। 

7. भारत का सातवां ऑस्ट्रेलिया दौरा (1999/00)
इस दौरे से भारत-ऑस्ट्रलिया टेस्ट सीरीज को बॉर्डर-गावस्कर टेस्ट सीरीज के नाम से जाना जाने लगा। तीन मैचों की सीरीज में फिर से ऑस्ट्रेलिया 3-0 से क्लीन स्वीप करने में कामयाब रहा। स्टीव वॉ की कप्तानी वाली ऑस्ट्रेलियाई टीम के सामने क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर की कप्तानी वाली भारतीय टीम थी। लेकिन सचिन भी भारतीय टीम का नसीब नहीं पलट पाए।

8. भारत का आठवां ऑस्ट्रेलिया दौरा (2003/04)
इस बार भारतीय टीम सौरव गांगुली यानी दादा की कप्तानी में ऑस्ट्रेलिया पहुंची। हालांकि दादा की कप्तानी वाली भारतीय टीम 4 मैचों की सीरीज 1-1 से ड्रॉ कराने में सफल रही। सीरीज का पहला मैच ड्रॉ रहा, दूसरा मैच भारत ने 4 विकेट से जीता, तीसरा मैच ऑस्ट्रेलिया 9 विकेट से जीता और चौथा मैच ड्रॉ रहा। आखिरी मैच में सचिन की ऐतिहासिक 241 रनों की नाबाद पारी हर किसी को याद होगी जो उन्होंने सिडनी में खेली थी। हालांकि मैच का नतीजा ड्रॉ रहा। 

9. भारत का 9वां ऑस्ट्रेलिया दौरा (2007/08)
इस बार चार मैचों की सीरीज का नतीजा 2-1 निकला। रिकी पोंटिंग की कप्तानी वाली ऑस्ट्रेलिया टीम के सामने अनिल कुंबले की टीम थी लेकिन नतीजा वहीं निकला। भारत सीरीज 2-1 से हार गया था। 

10. भारत का 10वां ऑस्ट्रेलिया दौरा (2011/12)
चार मैचों की टेस्ट सीरीज का नतीजा भारत के लिहाज से शर्मनाक रहा। एमएस धोनी की कप्तानी वाली भारतीय टीम को एकतरफा मुकाबलों में हार का सामना करना पड़ा था। भारत ने सीरीज के सभी चारो मैच गंवाए और ऑस्ट्रेलिया एक बार फिर से 4-0 से क्लीन स्वीप करने में कामयाब रहा। 

11. भारत का 11वां ऑस्ट्रेलिया दौरा (2014/15)
ये सीरीज इतिहास हमेशा याद रखेगा। दरअसल इसी सीरीज के बीच में भारतीय कप्तान एमएस धोनी ने टेस्ट क्रिकेट को अचानक अलविदा बोलकर पूरे क्रिकेट जगत को चौंका दिया था। सीरीज के पहले मैच में विराट कोहली ने कप्तानी की थी। दरअसल इस मैच में धोनी चोट की वजह से नहीं खेले थे और ऑस्ट्रेलिया ने मैच 48 रनों से जीता था। दूसरे मैच में धोनी कप्तानी में उतरे लेकिन ऑस्ट्रेलिया ये मैच 4 विकेट से जीतने में कामयाब रहा। तीसरे मैच में भारतीय टीम किसी तरह ड्रॉ कराने में सफल रही लेकिन इस मैच के बाद धोनी ने टेस्ट क्रिकेट को अचानक अलविदा कह दिया। जिसके बाद चौथे टेस्ट मैच में कोहली की कप्तानी में उतरी टीम इंडिया मैच ड्रॉ कराने में सफल रही। इस तरह से भारत का ऑस्ट्रेलिया में कभी भी टेस्ट सीरीज न जीत पाने का शर्मनाक रिकॉर्ड बरकरार रहा। 

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