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Hindi News खेल क्रिकेट मुथैया मुरलीधरन ने पढ़ाया मानसिकता का पाठ, कहा हर खेल में इसकी जरूरत

मुथैया मुरलीधरन ने पढ़ाया मानसिकता का पाठ, कहा हर खेल में इसकी जरूरत

मुरली धरन ने कहा कि खेल में 90 प्रतिशत काम मानसिक तौर पर फिट रहने पर ही किया जाता है। ऐसे में आप कोई भी खेल खेल सकते हैं।  

muttiah muralitharan taught the mentality lesson, said it is needed in every game- India TV Hindi Image Source : GETTY IMAGES muttiah muralitharan taught the mentality lesson, said it is needed in every game

टेस्ट क्रिकेट में 800 विकेट लेने वाले एकमात्र खिलाड़ी मुथैया मुरलीधरन ने हाल ही में मानसिकता का पाठ पढ़ाया है। इसमें उन्होंने कहा है कि युवा अवस्था में आप इसके बारे में नहीं सोचते हैं लेकिन जब आप प्रोफेशनल स्तर पर जाते हो दबाव के कारण यह पूरी तरह मानसिक खेल बन जाता है।

कोरोनावायरस के कहर की वजह से इस समय क्रिकेट ठप पड़ा हुआ है। ऐसे में इन दिनों खिलाड़ियों की मानसिक्ता पर खूब चर्चा चल रही है। स्टारस्पोर्ट्स के एक शो पर मुरलीधरन ने भी इस मुद्दे पर बात की और कहा कि क्रिकेट ही नहीं बल्किन अन्य खेलों में भी मानसिक तौर पर फिट रहने की जरूरत होती है।

मुरली धरन ने कहा कि खेल में 90 प्रतिशत काम मानसिक तौर पर फिट रहने पर ही किया जाता है। ऐसे में आप कोई भी खेल खेल सकते हैं।

मुरली धरन ने कहा "जब आप युवा अवस्था में होते हैं तो आप इस बारे में ज्यादा ध्यान नहीं देते, क्योंकि खेल के प्रति आपका लगाव ज्यादा होता है। बिना बोले ही आप इस बारे में सोचते हैं कि आपको क्या करना है और क्या नहीं करना है। लेकिन जब आप प्रोफेशनल स्तर पर जाते हो दबाव के कारण यह पूरी तरह मानसिक खेल बन जाता है।"

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उन्होंने आगे कहा  “कई क्रिकेटर ऐसे हैं जिनकी तकनीक काफी अच्छी है, लेकिन वे दबाव नहीं झेल पाते हैं और जल्द ही टूट जाते हैं। इसलिए क्रिकेट ही नहीं बल्कि किसी भी खेल में मानसिक पहलू बहुत जरुरी है।”  

इसी के साथ मुरलीधरन ने बताया कि जब कोई खिलाड़ी कठिन ट्रेनिंग करता है तो उसका मजबूत मानसिकता पर काम करना मुश्किल हो जाता है। मुरलीधरन ने आगे कहा “प्रोफेशनल स्पोटर्स में मानसिकता बहुत जरुरी है। जब कोई व्यक्ति कठिन ट्रेनिंग करता है तो मजबूत मानसिकता पर काम करना मुश्किल हो जाता है। हो सकता है कि खिलाड़ी इसमें असफल रहे। कोई बल्लेबाज शॉट नहीं खेल सके या गेंदबाज वैसी गेंदबाजी नहीं कर सके जैसा वह करता है लेकिन अगर आप इसे नजरअंदाज कर लगातार ट्रेनिंग कर रहे हैं और आपको अपने ऊपर भरोसा है तो आपको जरुर सफलता हासिल होगी।”

अंत में उन्होंने कहा “मैं युवा अवस्था में भी लेग स्पिन करता था तो मैंने सोचा कि अगर मैं टेस्ट के लिए जाऊं और अपने एक्शन का टेस्ट दूं और यह काम नहीं करे तो मैं लेग स्पिनर बन जाऊंगा। जब आप क्रिकेट या कोई अन्य खेल खेलते हो तो आप प्लान ए और प्लान बी रखते हैं। आप कभी भी एक प्लान पर काम नहीं कर सकते। अगर आप जीवन में या खेल में कभी असफल रहे तो आपको इस बारे में सोचना होगा और इसे सकारात्मक होकर देखना होगा।”

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