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Hindi News खेल क्रिकेट On This Day: आज है क्रिकेट के इतिहास का सबसे काला दिन, सिर में गेंद लगने से हुई थी इस खिलाड़ी की मौत

On This Day: आज है क्रिकेट के इतिहास का सबसे काला दिन, सिर में गेंद लगने से हुई थी इस खिलाड़ी की मौत

27 नवंबर 2014 का वो हादसा भला कौन भूला होगा जिसने एक उभरते हुए क्रिकेटर की जान ले ली थी।

On This Day: आज है क्रिकेट के इतिहास का सबसे काला दिन, सिर में गेंद लगने से हुई थी इस खिलाड़ी की मौत- India TV Hindi Image Source : GETTY On This Day: आज है क्रिकेट के इतिहास का सबसे काला दिन, सिर में गेंद लगने से हुई थी इस खिलाड़ी की मौत  

क्रिकेट के इतिहास में वैसे तो बहुत सी ऐसी दुखद घटनाएं हुई हैं जिन्हें इतिहास याद रखेगा लेकिन आज ही के दिन एक ऐसा हादसा हुआ था जिसने पूरे क्रिकेट जगत को हिलाकर रख दिया था। 27 नवंबर 2014 का वो हादसा भला कौन भूला होगा जिसने एक उभरते हुए क्रिकेटर की जान ले ली थी। जी हां, दरअसल हम बात कर रहे हैं ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर फिलिप ह्यूज की। फिलिप ह्यूज की सिर में बाउंसर लगने से मौत हो गई थी। आज पुरा क्रिकेट जगत फिलिप ह्यूज को याद कर उन्हें श्रद्धांजलि दे रहा है। 

कैसे हुआ था हादसा?

ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में दक्षिण ऑस्ट्रेलिया और न्यू साउथ वेल्स के बीच मैच खेला जा रहा था। बल्लेबाजी कर रहे थे फिलिप ह्यूज और सामने गेंदबाज थे सीन एबॉट। तेज गेंदबाज सीन एबॉट की एक शॉर्ट पिच गेंद ह्यूज के सिर में इतनी तेजी से लगी कि वे वहीं मैदान पर गिर पड़े। चार दिवसीय इस मुकाबले का ये 49वां ओवर चल रहा था और ओवर की ये तीसरी गेंद थी। लेकिन इस हादसे के बाद खेल रद्द कर दिया गया। जब ह्यूज के सिर में गेंद लगी तो वह उस वक्त 65 रन बनाकर खेल रहे थे। गेंद लगने के बाद उन्हें सेंट विसेंट अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां वो कोमा में चले गए। लेकिन उसके बाद वह कभी वापस नहीं लौटे और आपात सर्जरी के बाद ह्यूज ने दुनिया को अलविदा कह दिया। ह्यूज के अंतिम संस्कार में ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज क्रिकेटरों सहित तत्कालीन ऑस्ट्रेलियाई  प्रधानमंत्री टोनी एबोट तक ने शिरकत की थी।

ऑस्ट्रेलिया ने खोया उभरता हुआ खिलाड़ी
ह्यूज ने अपने बेहद ही छोटे क्रिकेट करियर में एक खास मुकाम हासिल किया था और उन्हें ऑस्ट्रेलिया का उभरता हुआ खिलाड़ी कहा जाता था। उन्होंने 26 टेस्ट मैचों में 32.65 के औसत से 1535 रन बनाए थे जिसमें तीन शतक और सात अर्धशतक भी शामिल हैं। वहीं वनडे की बात करें तो ह्यूज के नाम 25 मुकाबलों में दो शतक और 4 अर्धशतक की बदौलत 826 रन हैं। 

ह्यूज की मौत के बाद क्रिकेट में आए हैं बदलाव
इस हादसे ने पूरे क्रिकेट जगत को हिलाकर रख दिया था। यही नहीं, इस हादसे के बाद से क्रिकेट में सावधानी को लेकर काफी सवाल उठे थे। उसके बाद से इसमें काफी सुधार भी आए हैं। दिग्गज ऑस्ट्रेलिया गेंदबाज मिशेल जॉनसन ने तो अपनी स्टाइल में ही बदलाव कर दिया था। फ्यूज की मौत के बाद खिलाड़ियों की सुरक्षा पर भी विशेष ध्यान दिया जाने लगा। हेलमेट निर्माताओं ने हेलमेट डिजाइन में बदलाव किया और हेलमेट के बैक रिम के नीचे एक गार्ड जोड़ा।

रो पड़ते थे माइकल क्लार्क
ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान माइकल क्लार्क भी अपने दोस्त ह्यूज की मौत से गहरे सदमें में थे। तब माइकल क्लार्क ने कहा था, ‘मुझे अगला मैच नहीं खेलना चाहिए था। मेरा करियर वहीं पर थम जाना चाहिए था। मैं तब टूट चुका था। मैं लंबे समय तक उसकी मौत के गम में डूबा रहा। मैंने तब शोक नहीं जताया क्योंकि मुझे उसके परिवार को देखना था और इसके अलावा मैं ऑस्ट्रेलियाई टीम का कप्तान भी था।’

भारत के खिलाफ 408 नंबर की जर्सी पहनकर उतरे थे कंगारू खिलाड़ी
2014 में हुई बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी भारत के खिलाफ पहले टेस्ट मैच में फिलिप ह्यूज को श्रद्धांजलि देने के लिए 408 नंबर वाली जर्सी पहनकर उतरे थे। ह्यूज टेस्ट क्रिकेट में ऑस्ट्रेलिया की ओर से डेब्यू करने वाले 408वें क्रिकेटर थे।

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