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Hindi News खेल क्रिकेट आज ही के दिन थमी थी 'विकेटों के बादशाह' मुरलीधरन की फिरकी, टेस्ट में 800 विकेट पूरा कर रचा था इतिहास

आज ही के दिन थमी थी 'विकेटों के बादशाह' मुरलीधरन की फिरकी, टेस्ट में 800 विकेट पूरा कर रचा था इतिहास

मुरली ने भारत के खिलाफ अपने आखिरी टेस्ट मैच से पहले क्रिकेट से संन्यास का एलान कर दिया था। उस समय तक उन्होंने इस फॉर्मेट में कुल 792 विकेट ले चुके थे और 800 के आंकड़े को छूने के लिए उन्हें 8 विकेट की और जरुरत थी। 

muttiah muralitharan, on this day muttiah muralitharan retired, muttiah muralitharan 800 wickets, mu- India TV Hindi Image Source : TWITTER/ICC Muttiah Muralitharan

22 जुलाई साल 2010, समुद्र तट से सटे श्रीलंका के गाले स्टेडियम में आज ही के दिन टेस्ट क्रिकेट में मुथैया मुरलीधरन ने 800 विकेट के पूरे किए थे। मुरलीधरन दुनिया के इकलौते गेंदबाज हैं जिन्होंने यह उपलब्धि हासिल की है। भारत के खिलाफ खेले गए अपने आखिरी टेस्ट में मुरली ने बेहद ही नाट्कीय अंदाज़ में अपना 800वां टेस्ट विकेट पूरा किया था।

दरअसल मुरली ने भारत के खिलाफ अपने आखिरी टेस्ट मैच से पहले क्रिकेट से संन्यास का एलान कर दिया था। उस समय तक उन्होंने इस फॉर्मेट में कुल 792 विकेट ले चुके थे और 800 के आंकड़े को छूने के लिए उन्हें 8 विकेट की और जरुरत थी। 

यह मुरली का यकीन कहें या फिर अतिआत्मविश्वास, उन्हें लगा कि वह आखिरी टेस्ट में 800 के जादूई आंकड़े को पूरा कर लेंगे लेकिन करियर के अंतिम टेस्ट में उनके लिए यह बिल्कुल भी आसान नहीं था।

दरअसल भारतीय बल्लेबाजों के अलावा मुरली के सामने मौसम विलन बनकर उभरा था। मुकाबले के शुरू होते ही गाले में लगातार दो दिन तक बारिश हुआ हालांकि इससे पहले उन्होंने सचिन तेंदुलकर का विकेट लेकर 800 के आंकड़े की तरफ एक बढ़ा चुके थे।

बारिश के कारण दो दिन तक खेल रुका रहा। मैच के चौथे दिन खेल शुरू हुआ। इस बीच मुरली को इस बात का अहसास जरूर था कि अगर टेस्ट मैच में वे 800 विकेट के आंकड़े को पा लेते हैं तो निश्चित रूप से इस खेल में उनका नाम अमर हो जाएगा। बस फिर क्या था मुलरी ने अपनी फिरकी ऐसा जादू चलाया कि चौथे दिन ही भारत के 12 बल्लेबाज पवेलियन वापस लौट गए, जिसमें से पांच शिकार मुरली ने किए थे। 

इस तरह मुलरी ने 798 विकेट तक पहुंच चुके थे। मौसम से प्रभावित इस मैच का ड्रॉ होना तय था लेकिन खेल पांचवे दिन तक पहुंचा। इधर भारत के लिए वीवीएस लक्ष्मण निचले क्रम के बल्लेबाजों के साथ एक छोड़ पर डटे हुए थे। इस बीच दुर्भाग्य से मुरली की ही गेंद पर लक्ष्मण रन आउट हो गए। 

इस तरह मुरली ने के 799 विकेट पूरे हुए। वहीं भारत की भी आखिरी जोड़ी क्रिज पर थी जबकि इतिहास रचने के लिए मुरली को भी एक विकेट की जरुरत थी। निचलेक्रम में मुरली सामने प्रज्ञान ओझा बल्लेबाजी कर रहे थे। इस महान और दिग्गज गेंदबाज की फिरकी को ओझा बिल्कुल की नहीं समझ स्लिप में कैच आउट हो गए।

इस तरह भारतीय पारी के अंत के साथ ही मुरली टेस्ट क्रिकेट में अपने 800 विकेट के आंकड़े के साथ करियर को विराम दिया। इसके साथ ही मुलरी रिचर्ड हैडली के बाद दूसरे ऐसे गेंदबाज बने थे जिन्होंने करियर के आखिरी मैच में अंतिम विकेट लेने का कारनामा किया।

मुरली के रिकॉर्ड 

साल 1992 से लेकर 2010 तक इंटरनेशनल क्रिकेट पर राज करने वाले मुरलीधरन के नाम कई बड़े रिकॉर्ड दर्ज हैं। इसी कारण क्रिकेट जगत में मुरली को रिकॉर्ड्स का बादशाह कहा जाता है। मुरली टेस्ट और वनडे दोनों मिलाकर इंटरनेशनल क्रिकेट में सबसे अधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज हैं। 

इसके अलावा क्रिकेट के सबले लंबे फॉर्मेट में मुरली ने एक पारी में सबसे ज्यादा 67 बार पांच विकेट लेने का रिकॉर्ड अपने नाम किया है। वहीं एक टेस्ट में सबसे ज्यादा 22 बार 10 विकेट लेने का रिकॉर्ड भी इन्हीं के नाम दर्ज है। 

टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा बार मैन ऑफ द सीरीज़, सबसे ज्यादा बार बोल्ड विकेट, सबसे ज्यादा बार स्टंप आउट और सबसे ज्यादा गेंदबाज़ी करने का रिकॉर्ड भी मुरली के नाम है।

ऐसा रहा मुरलीधरन का इंटरनेशनल करियर

मुरली ने श्रीलंका के लिए कुल 133 टेस्ट, 350 वनडे और 12 टी-20 मैच खेल चुके हैं। इस बीच उन्होंने टेस्ट में कुल 800 विकेट लेने के साथ वनडे में उन्होंने 534 विकेट झटके हैं। वहीं टी-20 में मुरली ने 13 विकेट चटकाए हैं।

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