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Hindi News खेल क्रिकेट रमीज के मुताबिक, कई बार सचिन को पीछे छोड़ने में कामयाब रहा टीम इंडिया का ये बल्लेबाज

रमीज के मुताबिक, कई बार सचिन को पीछे छोड़ने में कामयाब रहा टीम इंडिया का ये बल्लेबाज

'द वॉल' के नाम से मशहूर द्रविड़ जब मैदान पर बल्लेबाजी करने के लिए आते थे, तो भारतीय ड्रेसिंग रुप में सभी राहत की सांस लेते थे जबकि विपक्षी खेमे के गेंदबाजों में एक अलग तरह का तनाव फैल जाता था।

<p>रमीज के मुताबिक, कई...- India TV Hindi Image Source : GETTY IMAGES रमीज के मुताबिक, कई बार सचिन को पीछे छोड़ने में कामयाब रहा टीम इंडिया का ये बल्लेबाज

भारत के पूर्व कप्तान राहुल द्रविड़ के शानदार आंकड़े उन्हें टेस्ट का एक महान बल्लेबाज बनाते हैं। 'द वॉल' के नाम से मशहूर द्रविड़ जब मैदान पर बल्लेबाजी करने के लिए आते थे, तो भारतीय ड्रेसिंग  रुप में सभी राहत की सांस लेते थे जबकि विपक्षी खेमे के गेंदबाजों में एक अलग तरह का तनाव फैल जाता था।

2001 में कोलकाता के ईडन गार्डन्स में द्रविड़ ने अपनी शानदार पारी से साबित भी किया कि आखिरी क्यों उन्हें टीम इंडिया की दीवार कहा जाता है। द्रविड़ ने टेस्ट ही नहीं बल्कि वनडे क्रिकेट में भी अपनी काबिलियत साबित की और 10 हजार से ज्यादा रन बनाने में सफल रहे।

इन्हीं शानदार खूबियों को याद करते हुए पाकिस्तान के पूर्व बल्लेबाज़ रमीज़ राजा ने राहुल द्रविड़ को भारतीय टेस्ट क्रिकेट के इतिहास का एक बेजोड़ खिलाड़ी करार दिया। रमीज ने कहा कि द्रविड़ साथी खिलाड़ी सचिन की तरह गॉड-गिफ्टेड टैलेंटिड या नैचुरल टैलेंटिड नहीं थे, लेकिन अपनी एकाग्रता से वह शीर्ष पर पहुंचने में कामयाब रहे। 

रमीज राजा ने स्पोर्ट्कीड़ा से बातचीत में कहा, ''संभव है कि राहुल को सचिन की तरह टैलेंट गॉड-गिफ्टेड न मिला हो, लेकिन उनके सामने सर्वाइव करने और उन्हें कड़ी टक्कर देने के लिए राहुल ने कड़ी मेहनत की। आपका सर्वश्रेष्ठ भी उतना नहीं होता कि आप टीम के टॉप खिलाड़ी के करीब पहुंच सकें, लेकिन इसका श्रेय राहुल को जाता है, जिन्होंने अपनी काबिलियत के दम पर कई बार सचिन तेंदुलकर को पीछे छोड़ा।''

उन्होंने कहा, ''राहुल द्रविड़ बहुत शानदार बल्लेबाज थे। मुश्किल पिचों पर उनका डिफेंस मजबूत और तारीफ के काबिल था। उनके पास शानदार एटीट्यूड था और नंबर 3 के बेस्ट बल्लेबाज के तौर पर उन्होंने ये बात साबित भी की।''

रमीज राजा ने कहा, ''आपको इस बल्लेबाज का सम्मान हमेशा करना होगा। खिलाड़ी की महानता ड्रेसिंग रूम में बैठकर जज की जा सकती है। यदि टीम को लगता है कि वह कठिन से कठिन परिस्थिति में भी टीम के लिए 30-50 रन बना सकता है तो यह बात अहमियत रखती है।''

द्रविड़ ने भारत के लिए 164 टेस्ट खेले जिसमें उन्होंने 52.31 की औसत से 13,288 रन बनाए। उन्होंने 344 वनडे भी खेले जिसमें उनके नाम 39.16 की औसत से 10,889 रन दर्ज हैं।

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