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Ranji Trophy Finals : बंगाल को पछाड़कर सौराष्ट्र ने जीता अपना पहला खिताब

सौराष्ट्र और बंगाल के बीच खेले गए रणजी ट्रॉफी के फाइनल मुकाहले में मेजबान सौराष्ट्र ने पहली पारी की बढ़त के आधार पर खिताब जीता।

Ranji Trophy Finals: Saurashtra win their first title by defeating Bengal- India TV Hindi Image Source : TWITTER : @SAUCRICKET Ranji Trophy Finals: Saurashtra win their first title by defeating Bengal

सौराष्ट्र और बंगाल के बीच राजकोट के सौराष्ट्र क्रिकेट एसोसिएशन स्टेडियम खेले गए रणजी ट्रॉफी के फाइनल मुकाहले में मेजबानों ने पहली पारी की बढ़त के आधार पर खिताब पर अपना कब्जा किया। इससे पहले सौराष्ट्र तीन बार फाइनल में पहुंची थी, लेकिन एक बार भी वो जीत हासिल नहीं कर पाई थी। सौराष्ट्र ने अपनी पहली पारी में 425 रन बनाए थे जिसके जवाब में बंगाल की टीम पहली पारी में 381 रन पर ढेर हो गई थी। 5वें दिन का खेल खत्म होने तक सौराष्ट्र ने अपनी दूसरी पारी में 4 विकेट के नुकसान पर 105 रन बनाए। नियम के अनुसार अगर मैच ड्रॉ रहता है तो पहली पारी में बढ़त लेने वाली टीम को विजेता घोषित कर दिया जाएगा।

उल्लेखनीय है, कप्तान जयदेव उनादकट के महत्वपूर्ण मौके पर शानदार स्पैल से सौराष्ट्र ने शुक्रवार को यहां बंगाल के खिलाफ पहली पारी में बढ़त हासिल करके पहली बार रणजी ट्राफी खिताब जीतने की तरफ मजबूत कदम बढ़ाये। बंगाल पांचवें दिन का खेल शुरू होने से पहले पहली पारी में बढ़त हासिल करने की बेहतर स्थिति में दिख रहा था। अनुस्तुप मजूमदार (63) और अर्णब नंदी (नाबाद 40) ने गुरुवार को अंतिम सत्र में 91 रन जोड़कर टीम की उम्मीदें जगा दी थी। लेकिन सेमीफाइनल में गुजरात के खिलाफ अंतिम दिन सात विकेट लेकर सौराष्ट्र को फाइनल में पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले उनादकट ने फिर से सही समय पर बेहतरीन गेंदबाजी की और अपनी टीम को इतिहास रचने के करीब पहुंचाया। 

बायें हाथ के इस तेज गेंदबाज ने मजूमदार को पगबाधा आउट किया और फिर आकाशदीप को रन आउट किया। इन दोनों के तीन गेंद के अंदर आउट होने से मैच का पासा पलट गया। सुबह के सत्र में एक घंटे दस मिनट का खेल महत्वपूर्ण साबित हुआ। इस बीच 27 रन बने और बंगाल ने अपने बाकी बचे चारों विकेट गंवाये। उसकी टीम 381 रन पर आउट हो गयी और इस तरह से सौराष्ट्र ने पहली पारी में 44 रन की बढ़त हासिल की। सौराष्ट्र ने अपनी पहली पारी में 425 रन बनाये थे। पांचवें दिन चेतन सकारिया के साथ गेंदबाजी का आगाज करने वाले उनादकट ने शुरू में रक्षात्मक क्षेत्ररक्षण लगाया क्योंकि चौथे दिन टीम ने बंगाल को आसानी से रन बनाने दिये थे। सौराष्ट्र का सारा दारोमदार कप्तान पर टिका था।

उन्होंने अपने महत्वपूर्ण ओवर से पहले 32 ओवर किये थे और उन्हें विकेट नहीं मिला था। लेकिन फिर भी उनादकट ने हिम्मत नहीं हारी और मुश्किल परिस्थितियों में खुद जिम्मा संभाला। मजूमदार ने 58 और नंदी ने 28 रन से अपनी पारी आगे बढ़ायी और लग रहा था कि वे जरूरी 72 रन बनाकर अपनी टीम को पहली पारी में बढ़त दिला देंगे। उनादकट ने ऐसे में तेजी से अंदर आती गेंद पर मजमूदार को पगबाधा आउट करके नंदी के साथ उनकी 98 रन की साझेदारी समाप्त की। मजूमदार को पवेलियन भेजने के बाद उनादकट ने अपनी सतर्कता से आकाशदीप को रन आउट किया।

आकाशदीप क्रीज के बाहर खड़े थे। विकेटकीपर ने इसे भांप दिया लेकिन उनका सीधा थ्रो विकेट पर नहीं लगा और ऐसे में गेंदबाज ने विकेट उखाड़ा। इस तरह से सौराष्ट्र को तीन गेंद के अंदर दूसरा विकेट मिल गया। कोरोना वायरस के खतरे के कारण यह मैच खाली स्टेडियम में खेला जा रहा है लेकिन सौराष्ट्र के खिलाड़ियों का जश्न स्टेडियम को गुंजायमान करने के लिये पर्याप्त था। इसके पांच ओवर बाद धर्मेन्द्रसिंह जडेजा ने मुकेश कुमार को शार्ट लेग पर कैच करवाया। 

इसके लिये उन्होंने डीआरएस का सहारा लिया। जब बंगाल 55 रन पीछे था तब नंदी ने अपनी तरफ से काफी प्रयास किये। उनादकट ने 11वें नंबर के बल्लेबाज इशान पोरेल को पगबाधा आउट करके बंगाल की पारी का अंत किया। 

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