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Hindi News खेल क्रिकेट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2001 की टेस्ट सीरीज को याद करते हुए छात्रों को दी ये सीख

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2001 की टेस्ट सीरीज को याद करते हुए छात्रों को दी ये सीख

प्रधानमंत्री मोदी ने बच्चों को क्रिकेट के एक मैच का उदाहरण देते हुए समझाया कि हमें अपने जीवन के हर पल को उत्साह से जीना चाहिए। 

Narendra Modi and VVS laxman - India TV Hindi Narendra Modi and VVS laxman 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में छात्रों को ‘परीक्षा पर चर्चा’ कार्यक्रम के तहत संबोधित किया। जिसमें खासतौर पर दिव्यांग छात्रों को प्रधानमंत्री से अपने मन की बात कहने व प्रश्न पूछने का अवसर मिला। ऐसे में ‘परीक्षा पर चर्चा’ कार्यक्रम के तीसरे सीजन में प्रधानमंत्री मोदी ने छात्रों को संबोधित करते हुए क्रिकेट का उदाहरण दिया और कभी भी छोटी-छोटी और अस्थायी सफलता से निराश ना होने की बात छात्रों को क्रिकेट की भाषा के जरिए समझाई। 

प्रधानमंत्री मोदी ने बच्चों को क्रिकेट के एक मैच का उदाहरण देते हुए समझाया कि हमें अपने जीवन के हर पल को उत्साह से जीना चाहिए। कार्यक्रम में मोदी ने कहा, "हम अपने जीवन के हर एक पल को उत्साह से जी सकते हैं। एक अस्थायी असफलता के बाद ये नहीं सोचना चाहिए कि हमें सफलता नहीं मिलेगी। बल्कि असफलता के बाद ही सफलता हाथ लगती है।"

इसके आगे उन्होंने भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच साल 2001 में खेली जाने वाली टेस्ट मैचों की सीरीज को याद करते हुए कहा, "क्या आपको भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच साल 2001 की टेस्ट सीरीज याद है। हमारी टीम की स्थिति अच्छी नहीं थी और माहौल दुखदायी था। लेकिन उन पलों में राहुल द्रविड़ और वी. वी. एस. लक्षमण ने जो किया उसे कोई नहीं भुला सकता। उन दोनों ने मैच पलट दिया था। "

गौरतलब है कि कोलकाता में साल 2001 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेली गई तीन मैचों की टेस्ट सीरीज के दूसरे मैच में कोलकाता में टीम इंडिया की तरफ से राहुल द्रविड़ और  वी. वी. एस. लक्षमण के बीच 376 रनों की दूसरी पारी में रिकॉर्ड साझेदारी हुई थी। जिसके बाद हरभजन सिंह की हैट्रिक के चलते टीम इंडिया ने हारे हुए मैच में जीत हासिल की थी। इसके बाद अंतिम व तीसरे टेस्ट मैच में भी जीत हासिल कर टीम इंडिया ने सीरीज पर 2-1 से कब्ज़ा किया था। इस सीरीज के दूसरे टेस्ट मैच को हमेशा याद रखा जाता है। 

वहीं अंत में प्रधानमंत्री मोदी ने प्रेरणा और सकरात्मक सोच के बारे में टीम इंडिया के पूर्व कप्तान अनिल कुंबले का उदाहरण देते हुए कहा, " अनिल कुंबले को भला कौन भूल सकता है जिन्होंने चोटिल होने के बावजूद टीम इंडिया के लिए गेंदबाजी करना जारी रखा। जो कि प्रेरणा और सकरात्मक सोच का बेजोड़ नमूना पेश करते हैं।"
 

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