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Hindi News खेल क्रिकेट सचिन ने शेयर की पैर छूते हुए अपने गुरू की फोटो, लिखा ये बेहद भावुक संदेश

सचिन ने शेयर की पैर छूते हुए अपने गुरू की फोटो, लिखा ये बेहद भावुक संदेश

 आज भारतभर में गुरु पूर्णिमा का विशेष पर्व मनाया जा रहा है। इस दिन सभी अपने गुरुओं को याद कर जीवन में उनके योगदान को लेकर धन्यवाद बोल रहे हैं। 

<p>रमाकांत आचरेकर (बीच...- India TV Hindi रमाकांत आचरेकर (बीच में) के साथ सचिन और अतुल रानाडे

नई दिल्ली। आज भारतभर में गुरु पूर्णिमा का विशेष पर्व मनाया जा रहा है। इस दिन सभी अपने गुरुओं को याद कर जीवन में उनके योगदान को लेकर धन्यवाद बोल रहे हैं। बॉलीवुड से लेकर क्रिकेट जगत के दिग्गज अपने गुरुओं को याद कर रहे हैं। इसी क्रम में क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर ने अपने गुरू रमाकांत आचरेकर को याद किया है। सचिन ने अपने गुरू रमाकांत आचरेकर की दो तस्वीरें शेयर की हैं जिसमें वे उनके पैर छूते नजर आ रहे हैं। सचिन के साथ फोटो में उनके दोस्त अतुल रानाडे भी नजर आ रहे हैं।

तस्वीरों में देखा जा सकता है कि सचिन के गुरू और मेंटॉर रहे रमाकांत आचरेकर काफी कमजोर नजर आ रहे हैं। हालांकि वे ठीक है। सचिन ने तस्वीर शेयर करते हुए लिखा, "आज गुरू पूर्णिमा, वह दिन है जिस दिन हम उन्हें याद करते हैं जिन्होंने हमें बेहतर बनना सिखाया। आचरेकर सर, मैं ये सब तुम्हारे बिना नहीं कर सकता था। आप भी अपने गुरुओं को धन्यवाद कहना और उनका आशीर्वाद लेना न भूलें। जैसा मैंने और अतुल रानाडे ने ले लिया।" 

गौरतलब है कि क्रिकेट में लगभग हर रिकॉर्ड अपने नाम करने वाले महान सचिन तेंदुलकर अपने गुरू रमाकांत आचरेकर को हमेशा याद करते रहते हैं। साथ ही वे हमेशा उनका आशीर्वाद लेते रहते हैं। खेल में इतनी ऊंचाई तक पहुंचने में मास्‍टर ब्‍लास्‍टर की मेहनत के साथ कोच रमाकांत आचरेकर के परिश्रम को भी कम करके नहीं आंका जा सकता। खुद सचिन कई बार कह चुके हैं कि अगर 'आचरेकर सर' नहीं होते तो शायद वे इस मुकाम पर नहीं होते। विभिन्‍न अवसरों पर सचिन ने रमाकांत आचरेकर की कोचिंग के तरीके, उनकी साफगोई और सरल स्‍वभाव के बारे में विस्‍तार से बताया है। 

सचिन ने जब क्रिकेट खेलना शुरू किया था तभी गेंद को बल्‍ले के बीचोंबीच खेलने और अपने टाइमिंग के कारण लोगों की नजरों में आने लगे थे। सचिन के भाई अजित को जब यह लगा कि सचिन के टैलेंट को तराशने के लिए एक उच्‍च स्‍तरीय कोच की जरूरत है तो वे अपने भाई को रमाकांत आचरेकर के पास लेकर गए थे और यहां से आज का दिन है कि सचिन हमेशा आचरेकर को अपनी जिंदगी की सबसे बड़ी प्रेरणा मानते हैं। 

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