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Hindi News खेल क्रिकेट सचिन का विकेट लेकर इस ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज के दिल को मिलता था सुकून

सचिन का विकेट लेकर इस ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज के दिल को मिलता था सुकून

ली ने कहा, "जो आवाज मैं सुनना नहीं चाहता था, वह थी-अंपायर का गेंद को नो बाल करार देना।"

Sachin Tendulkar, Brett Lee- India TV Hindi Sachin Tendulkar, Brett Lee

तिरुवनंतरपुरम: विश्व क्रिकेट में अगर पाकिस्तान के बाद अगर भारत की कोई सबसे राइवल टीम है तो वो ऑस्ट्रेलिया है। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच की जंग रोमांच की सभी हदें पार कर देती है। दुनिया की दो टॉप टीमों के बीच खुद को एक दूसरे से बेहतर साबित करने की होड़ में खिलाड़ी हर पैंतरा अपनाते हैं। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेली जा रही मौजूदा सिरीज़ में क्रिकेट फैंस दो युवा कप्तानों विराट कोहली और स्टीव स्मिथ के बीच की नोक-झोक बेहद पसंद आती है। वहीं फैंस हमेशा इन दोनों की तुलना भी करते रहते हैं।  

ठीक इसी तरह जब भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच पहले मुकाबले खेले जाते थे, तो ऑस्ट्रेलियाई टीम की सारी रणनीति मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर के इर्द-गिर्द ही घूमती थी। खासकर सचिन तेंदुलकर और ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंबाज ब्रेट ली के बीच जंग की यादें आज भी क्रिकेट फैंस के जहन में ताजा हैं। सचिन जब ब्रेट ली की गेंदों पर चौके-छक्कों की बरसात करते तो ली स्लेजिंग से सचिन का ध्यान भटकाने की कोशिश करते थे। कई बार ऐसा करके इन्होंने सचिन का विकेट भी लिया है।

ब्रेट ली अपने सचिन के बीच की राइवलरी को याद करते हुए बताया कि वह जिस आवाज को सुनना पसंद करते थे और जो उनके लिए सर्वश्रेष्ठ आवाज थी, वो उनकी गेंद द्वारा सचिन तेंदुलकर के विकेट को उखाड़ने की आवाज थी। ली ने यह बात केरल सरकार के कोक्लियर इम्पलांटेशन प्रोग्राम के तहत उन युवा बच्चों से बात करते हुए कही जिन्हें सुनने में परेशानी है।

ली ने कहा, "जो आवाज मैं सुनना नहीं चाहता था, वह थी-अंपायर का गेंद को नो बाल करार देना। "ली यहां ग्लोबल हियरिंग प्रोजेक्ट के ब्रांड एम्बेसडर के तौर पर उपस्थिति थे। ली ने कहा कि उनके बेटे को भी सुनने में परेशानी थी लेकिन अब वह पूरी तरह से ठीक है। इसी कारण वह इस कार्यक्रम के साथ जुड़े हैं।

कार्यक्रम के बाद ली ने अपने ट्विटर पर लिखा, "केरल में हियरिंग स्क्रीनिंग मैनडेट कार्यक्रम की सफलता को देखकर मैं काफी खुश हूं। ली ने अपने नौ साल के लंबे करियर में 76 टेस्ट मैचों में 310 विकेट लिए थे। उन्होंने 2008 में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट के संन्यास ले लिया था। वह ऑस्ट्रेलिया के चौथे सबसे सफल गेंदबाज हैं।

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